
नोएडा और गाजियाबाद पुलिस के बीच आपसी टशन और विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन ताजा विवाद की वजह से दोनों जिलों की पुलिस के बीच 'गैंगवॉर' जैसी नौबत पैदा हो गई है. एक शख्स से जबरन वसूली करने के आरोप में गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने के पुलिसकर्मी जांच के घेरे में आ गए हैं और नोएडा पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहती है. हालांकि, नोएडा पुलिस ने पूछताछ के लिए दो बार नोटिस भेजा, लेकिन एसएचओ ने दोनों ही बार इनकार कर दिया. नोएडा कमिश्नर अब इंदिरापुरम थाने के पुलिसकर्मियों पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में हैं.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 23 अक्टूबर को नोएडा के फेज-3 थाने में लीलू नाम के शख्स ने 2 पड़ोसियों के साथ-साथ इंदिरापुरम थाने के 4 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि पैसों के विवाद में इंदिरापुरम के 4 अज्ञात पुलिसकर्मियों ने SHO की गाड़ी में नोएडा के उसके घर से उठाया और इंदिरापुरम थाने ले गए और जबरन 5-5 लाख के चेक पर हस्ताक्षर करवा लिए.
नोएडा पुलिस ने जांच शुरू की तो फेज-3 इलाके में एक सीसीटीवी में इंदिरापुरम थाने के SHO की गाड़ी गाजियाबाद की तरफ जाते हुए कैद हुई. फिर नोएडा पुलिस की तफ्तीश इंदिरापुरम थाने में तैनात पुलिसकर्मियों तक पहुंची.
धीमी चल रही थी जांच, तभी हुआ ये...
मामले की जांच धीमी चल रही थी, तभी इसी दौरान इंदिरापुरम थाने की पुलिस ने एटीएम हैकरों के एक गिरोह को पकड़ा और आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वो पहले भी नोएडा की SWAT टीम के हाथों गिरफ्तार हो चुके थे लेकिन टीम के इंस्पेक्टर शावेज़ खान ने 20 लाख रुपये और एक क्रेटा रिश्वत के तौर पर लेकर छोड़ दिया था. खुलासे के बाद गाजियाबाद पुलिस ने रिपोर्ट सीधे लखनऊ भेज दी. इससे नोएडा पुलिस की जमकर किरकिरी हुई. इसके बाद SWAT के इंस्पेक्टर शावेज़ खान और एक हेड कांस्टेबल को कमिश्नर ने नौकरी से बर्खास्त करते हुए पूरी SWAT टीम ही भंग कर दी और सभी की संपत्तियों की जांच के भी आदेश दे दिए.
अब नोएडा पुलिस भी गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीसीटीवी समेत तमाम सबूत लेकर एक्शन के मूड में है और दो बार नोएडा पुलिस नोटिस लेकर इंदिरापुरम थाने जा चुकी है लेकिन गाजियाबाद पुलिस जांच में सहयोग करने के मूड में नहीं है. सूत्रों ने बताया कि नोएडा कमिश्नर अब कानूनी तौर पर बड़ा एक्शन लेने के मूड में हैं.