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अब CRPF अधिकारियों को दी जाएगी गोला-लाठी ट्रेनिंग, बेकाबू भीड़ से निपटना होगा आसान

वर्तमान में चल रहे चैलेंज को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि सीआरपीएफ के अधिकारियों को गोला-लाठी की ट्रेनिंग दी जाए. इसके बाद ये अधिकारी अपने नीचे तैनात जवानों को ये ट्रेनिंग देंगे. अनियंत्रित भीड़ से निपटने के लिए यह तैयारी कराई जा रही है.

CRPF को दी जाएगी गोला-लाठी ट्रेनिंग CRPF को दी जाएगी गोला-लाठी ट्रेनिंग
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST
  • गोला-लाठी कोर्स के जरिए, सीआरपीएफ बेकाबू भीड़ से आसानी से निपट सकेगी
  • वर्तमान में चल रहे चैलेंज को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है

देश में कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों को गोला-लाठी की ट्रेनिंग दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं. सीआरपीएफ (CRPF) ने 16 फ़रवरी को एक ऑर्डर जारी करके, अधिकारियों को इस ट्रेनिंग के निर्देश दिए हैं.

गोला-लाठी कोर्स के जरिए, सीआरपीएफ बेकाबू भीड़ से आसानी से निपट सकेगी. देश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए, सरकार ने यह फैसला लिया है. आने वाले दिनों में, ज़्यादा से ज़्यादा सीआरपीएफ अधिकारियों को गोला-लाठी कोर्स कराया जाएगा. इसके बाद ये अधिकारी अपने नीचे तैनात जवानों को ये ट्रेनिंग देंगे.

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सीआरपीएफ में आंतरिक सुरक्षा में तैनात अधिकारियों को बेकाबू भीड़ ,पथराव से निपटने के लिए, गोला-लाठी कोर्स के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक़, इस कोर्स में शामिल अधिकारियों को नॉन-लीथल वेपन के जरिए, अनियंत्रित भीड़ से निपटने की तैयारी कराई जाएगी.

सूत्रों के मुताबिक, जिस तरीके से वर्तमान में चैलेंज हैं उसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.  सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे मकसद यह है कि नॉन लीथल वेपन के जरिए जब भी भीड़ उग्र होती है, तो उसको किस तरीके से रोकना है इसके लिए खास ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. यही नहीं, कई बार अधिकारियों के पास गोला लाठी की ट्रेनिंग बेहतर तरीके से नहीं होने की वजह से वह चोटिल हो जाते हैं. ऐसे में इस तरीके की ट्रेनिंग देकर, फोर्स में अधिकारियों को लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा.

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वर्तमान में सीआरपीएफ का ही पार्ट, रैपिड एक्शन फ़ोर्स है जिसके हर एक जवान गोला लाठी और नॉन लीथल वेपन्स से ट्रेंड होते हैं. ज़रूरत पड़ने पर इनको लॉ एंड आर्डर खराब होने की स्थिति में तैनात किया जाता है. आरएएफ के पास नीले रंग की एक विशिष्ट वर्दी होती है, जो शांति का प्रतीक है. इसका आदर्श वाक्य 'सेंसिटिव पुलिसिंग के साथ मानवता की सेवा' है. वर्तमान में इसमें 15 विशेष प्रशिक्षित और सुसज्जित बटालियन हैं, आरएएफ की तैनाती संवेदनशील मामलों में ही की जाती है. इन सुरक्षा बलों का इस्तेमाल दंगों, संवेदनशील स्थितियों पर नियंत्रण, भीड़ नियंत्रण, बचाव कार्यों और संबंधित अशांति जैसे मामले से निपटने के लिए किया जाता है. इस बल के पास दंगा नियंत्रण यंत्र और आंसू गैस के गोले होते हैं. महिला प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए महिला जवानों की टीम भी वर्तमान में RAF में मौजूद है.

 

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