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पाकिस्तान में रिश्तेदारी, ISI से कनेक्शन और भारत में जासूसी... शामली से ऐसे पकड़ में आया शातिर कलीम

आरोपी कलीम खान को यूपी एसटीएफ की मेरठ इकाई ने गुरुवार को शामली से गिरफ्तार किया था. पकड़ा गया कलीम 12 अगस्त को ही अपनी मां आमना और पिता नफीस के साथ पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर शामली वापस लौटा था.

संदिग्ध जासूस कलीम को यूपी एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है संदिग्ध जासूस कलीम को यूपी एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है
aajtak.in/शरद मलिक
  • नई दिल्ली/शामली,
  • 21 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:53 PM IST

यूपी एसटीएफ की टीम ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में आकार लेती आईएसआई (ISI) की साजिश को बेनकाब कर दिया है. दरअसल, शामली में पकड़ा गया आईएसआई का संदिग्ध एजेंट कलीम खान पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर वापस लौटा था. छानबीन और पूछताछ में पता चला है कि कलीम अपने भाई के साथ मिलकर भारतीय सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी लाहौर के किसी आईपी एड्रेस पर भेज रहा था. उसके भाई का इतिहास भी दागदार पाया गया है.

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सालभर से पाकिस्तानी जेल में बंद था कलीम
आरोपी कलीम खान को यूपी एसटीएफ की मेरठ इकाई ने गुरुवार को शामली से गिरफ्तार किया था. पकड़ा गया कलीम 12 अगस्त को ही अपनी मां आमना और पिता नफीस के साथ पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर शामली वापस लौटा था. ये लोग 23 जुलाई, 2022 से अवैध पिस्टल रखने के मामले में पाकिस्तानी जेल में बंद थे.

मोबाइल फोन और संदिग्ध दस्तावेज बरामद
अब कलीम के पास से दो मोबाइल फोन और उर्दू में लिखे हुए कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं. साथ ही 5 ग्रुप की वॉट्सऐप चैट भी मिली है. कलीम नोकुआं रोड का रहने वाला है. पुलिस ने उसके खिलाफ FIR दर्ज की है. कलीम का भाई तसलीम पहले ही जाली करेंसी और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी गतिविधियों में गिरफ्तार हो चुका है.

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पूछताछ में आतंकी साजिश का खुलासा
पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार के मुताबिक, मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ (STF) ने कार्रवाई की. टीम ने 6 दिन पहले ही पाकिस्तान की जेल से छूट कर आए शामली के नोकुआं निवासी कलीम पुत्र नफीस को हिरासत में लिया था.

जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने ISI और आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात स्वीकार की. जांच में पता चला कि कलीम अपने भाई तहसीम के साथ ISI को वॉट्सऐप पर भारतीय सेना के फोटोग्राफ भेजते थे. उनके कब्जे से मिले मोबाइल नंबरों का आईपी एड्रेस भी लाहौर शहर का पाया गया है.

आरोपी कलीम का घर

रिश्तेदारों के जरिए ISI के लोगों से मुलाकात
पुलिस के मुताबिक, कलीम और तहसीम आईएसआई के इशारे पर जानकारी इकट्ठा करते थे. पाकिस्तान में रहने वाले रिश्तेदारों से मुलाकात के दौरान आईएसआई से जुड़े लोगों से कलीम की जान-पहचान हुई थी. उन लोगों ने कलीम को पैसों का लालच देकर भारत में जेहाद फैलाने के लिए असलहा, गोला बारूद और पैसा देने का वादा किया था. कलीम को शरीयत कानून लागू करने के लिए लोगों को जोड़ने का टास्क दिया गया था.

ISI हैंडलर से सीधे बात करता था तसलीम
कलीम के पास से बरामद मोबाइल का व्हाट्सएप पाकिस्तान में बैठे आईएसआई ऑपरेटिव दिलशाद उर्फ मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज के फोन पर एक्टिवेट मिला है. रही बात तहसीम की तो वो पुराना आर्म्स डीलर है. उसके खिलाफ पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हथियारों की तस्करी के मुकदमें दर्ज हैं.

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तसलीम राजस्थान के अनूपगढ़ में आर्मी बटालियन की फोटो, अखबारों में छपने वाली राफेल विमान की फोटो और अखबार की कटिंग आईएसआई को भेज रहा था. वो पाकिस्तान में बैठे आईएसआई हैंडलर दिलशाद उर्फ मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज से सीधे बात करता था. अब यूपी STF की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं. 

मुजाहिद्दीन की जमात बनाने की तैयारी
जांच में सामने आया है कि कुछ व्यक्तियों के समूह अलग-अलग शहरों में आपराधिक षड्यंत्र के तहत आम जनता पर अवैध हथियारों से हमले की योजना के उद्देश्य से काम कर रहे हैं. यही नहीं, लोगों को भारत में जेहाद फैलाने के प्रति प्रेरित किया जा रहा है. आरोपी भारत में मुजाहिद्दीन की जमात बनने की तैयारी में थे.

पाकिस्तान में रहती है कलीम की बुआ
पुलिस के मुताबिक, आरोपी कलीम अक्सर पाकिस्तान में रहने वाली अपनी बुआ के यहां आता-जाता था. उसकी ISI के कुछ हैंडलर्स और सदस्यों से जान पहचान थी. रुपयों का लालच देकर ISI ने उसे फंसा लिया था. पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की वैधानिक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

आतंकी कनेक्शन और जाली करेंसी 
अगर बात की जाए शामली जिले के कैराना इलाके की, तो ये इलाका हमेशा सुर्खियों में रहा है. चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर यूपी के विधानसभा चुनाव. हर सरकार में कैराना का बोलबाला रहा है. इस इलाके में रहने वाले लोगों पर पाकिस्तानी आतंकी कनेक्शन, जाली करेंसी, गठरी उद्योग और रंगदारी जैसे संगीन इल्जाम लगते रहे हैं. 

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