
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को कोलकाता में बड़ी कामयाबी मिली है. जांच एजेंसी ने यहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के दफ्तर से डॉक्यूमेंट्स, हैंडरिटिन नोट्स और बुकलेट बरामद की हैं. एक बुकलेट में हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले से अलकायदा के आतंकवादियों की गिरफ्तारी की निंदा की गई है. इन सभी कागजात को जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है. NIA ने गुरुवार तड़के तिलजला इलाके में PFI के कोलकाता कार्यालय में छापेमारी की थी और 10 घंटे तक तलाशी ली थी. मौके पर CRPF जवानों ने घेराबंदी की थी.
NIA ने PFI से जुड़े कई दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद किए हैं. आजतक के पास बरामद सामान की सूची है. जो कागजात मिले हैं, उससे चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं. एनआईए ने एक बंगाली पुस्तिका बरामद की है. इसमें बांग्लादेश बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से 50 किमी तक बढ़ाने के बारे में जिक्र है. दावा किया है कि ये बुकलेट संघीय ढांचे के खिलाफ है और कोलकाता में पीएफआई कार्यालय से मिली है.
अलकायदा के आतंकी गिरफ्तार करने की निंदा
इसके अलावा, एक अन्य बुकलेट भी मिली है, जिसका शीर्षक है-'भारत सरकार नियंत्रितो NIA मुर्शिदाबाद अभिजन, अलकायदा जोंगी सोंदेहे ग्रेफ्तार, मिठे मल्ला, मिथे प्रोचार ओ बस्टोबोटा' है. इस बुकलेट को मुर्शिदाबाद जिले से अलकायदा के आतंकवादियों की हालिया गिरफ्तारी पर एनआईए के खिलाफ आंदोलन से जुड़ा माना जा रहा है.
यूपी पुलिस के खिलाफ भी पोस्टर मिले
जांच टीम ने हार्ड डिस्क समेत कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं. कुछ अन्य दस्तावेज बरामद किए गए थे, उनमें उर्दू, अरबी और बंगाली में लिखा था- 'बाबरी एकदिन जरूर उठेगी.' इसके साथ ही RSS पर ED का उपयोग करने का आरोप लगाने वाला पोस्टर भी बरामद किया है. यूपी पुलिस के खिलाफ भी कुछ फ्लेक्स बैनर बरामद हुए हैं.
पीएफआई सदस्यों को फंड देने का कागज मिला
जब्ती सूची में कहा गया है कि कई 'उकसाने वाले' PLA कार्ड बरामद किए गए हैं. एक हस्तलिखित कागज का टुकड़ा मिला है, जिसमें पीएफआई सदस्यों को दिए गए फंड का जिक्र किया है. इस बीच, कोलकाता के कुछ मानवाधिकार संगठनों ने प्रेस क्लब में PC कर PFI कार्यालय में की गई कार्रवाई की निंदा की. एआईपीएफ, एनसीएचआरओ, एफओडी, बंदी मुक्ति समिति समेत कई अन्य संगठनों ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी.
वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता मोहम्मद सोहोराब हुसैन ने कहा- 'तिलजाजला पीएफआई कार्यालय में रहने वालों के खिलाफ यूएपीए अधिनियम के तहत कार्रवाई का कोई कारण नहीं है. दस्तावेजों से पता चलता है कि कुछ भी निषेधात्मक नहीं है.'
(रिपोर्ट ऋत्विक)