Advertisement

जानें, क्या होती है पुलिस रिमांड, आपराधिक मामलों में क्यों अहम होती है ये प्रक्रिया

जब पुलिस किसी गंभीर मामले या गैर जमानती अपराध की धारा के तहत किसी आरोपी या अपराधी को गिरफ्तार करती है, तो 24 घंटे के भीतर पुलिस को उस आरोपी या अपराधी को मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करना होता है.

पुलिस पूछताछ की अवधि के लिहाज से ही कोर्ट से आरोपी का रिमांड मांगती है पुलिस पूछताछ की अवधि के लिहाज से ही कोर्ट से आरोपी का रिमांड मांगती है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:06 AM IST
  • आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश करती है पुलिस
  • पूछताछ के लिए अदालत से आरोपी की रिमांड मांगती है पुलिस
  • अदालत तय करती है पुलिस रिमांड की अवधि

हमारे देश में पुलिस जब किसी भी मामले में किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है. तो उसके बाद एक शब्द अक्सर सुनने में आता है, जो है 'पुलिस रिमांड.' पुलिस आरोपी या अपराधी को एक प्रक्रिया के तहत रिमांड पर लेती है. आइए जानते हैं कि क्या होती है पुलिस रिमांड और इसका अदालत से क्या संबंध होता है.

क्या होती है पुलिस रिमांड

Advertisement

जब पुलिस किसी गंभीर मामले या गैर जमानती अपराध की धारा के तहत किसी आरोपी या अपराधी को गिरफ्तार करती है, तो 24 घंटे के भीतर पुलिस को उस आरोपी या अपराधी को अपने एरिया या नजदीकी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करना होता है. ऐसे में पुलिस को अगर संबंधित मामले में उस आरोपी या अपराधी से पूछताछ करनी हो और उस केस में पूछताछ जरूरी हो. तो पुलिस मजिस्ट्रेट को एक अर्जी देकर पूछताछ के लिए आरोपी या अपराधी की हिरासत यानी रिमांड मांगती है.

पुलिस की अर्जी और केस की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट या जज उस आरोपी या अपराधी को एक दो दिन या पुलिस की मांग मुताबिक पुलिस की हिरासत में दे देते हैं. इसी प्रक्रिया को कानून की किताब में पुलिस रिमांड कहा जाता है. पुलिस रिमांड की अवधि खत्म हो जाने पर या तो पुलिस फिर से रिमांड मांगती है या जरूरत नहीं होने पर मजिस्ट्रेट या जज उस आरोपी या अपराधी को अपनी कस्टडी में लेकर जेल भेज देते हैं.

Advertisement

इसे भी पढ़ें--- IPC: जानें, क्या है आईपीसी की धारा 3, कहां होती है इस्तेमाल  

क्या होती है पुलिस

पुलिस अधिनियम 1861 के अधीन भर्ती संबंधित विभाग में भर्ती किए गए सभी लोग 'पुलिस' माने जाएंगे. इसका मतलब यह है कि इस अधिनियम के अंतर्गत जितने भी लोगों को पुलिस बल के लिए भर्ती किया गया है, वे सभी पुलिस के अंतर्गत आते हैं. पुलिस जनता के जान-माल की रक्षा करने, शांति व्यवस्था बनाए रखने और सामाजिक सुरक्षा का प्रबंध करने वाला सरकारी महकमा है. जिसके तहत पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement