
Umesh Pal Murder Case: उत्तर प्रदेश में माफिया अपराधियों को मिट्टी में मिलाने के संकल्प और सियासत दोनों चल रही है. 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने अब गोली चलाने वाले पहले शूटर को मार गिराने का दावा किया है. पुलिस का कहना है कि मारे गये विजय उर्फ उस्मान चौधरी को उसके गांव के रास्ते में ही घेरने की कोशिश की गई थी लेकिन उसने अवैध असलहे से पुलिस पर फायरिंग कर दी और मारा गया. एनकाउंटर में एक सिपाही भी जख्मी हुआ है.
प्रयागराज कांड पर सियासत
इस बीच समाजवादी पार्टी ने प्रयागराज कांड को लेकर चल रही बुलडोजर और एनकाउंटर की कार्रवाई का विरोध किया है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि जब सरकार को ऐसे ही कार्रवाई करनी है तो सरकार अदालतों को बंद कर दे. समाजवादी पार्टी ने सरकार और पुलिस पर अतीक अहमद को बचाने का आरोप भी लगाया है.
अतीक के परिवार को एनकाउंटर का डर
दूसरी ओर अतीक अहमद की बहन ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनके दोनों भाइयों को जेल से निकालकर एनकाउंटर करने वाली है. इसलिए उन्हें जेल से नहीं निकाला जाए. हालांकि प्रयागराज कांड को लेकर सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि प्रयागराज में पुलिस पर हमला हुआ है. पुलिस हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. कानून के मुताबिक सबको सजा दी जाएगी. कोई बख्शा नहीं जाएगा.
'मिट्टी में मिला देने' की नई कानून-व्यवस्था!
लेकिन इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अपराधी को 'मिट्टी में मिला देने' की यूपी की नई कानून-व्यवस्था सही है ? क्या गुनहगारों के मन में कानून और पुलिस का डर होना जरूरी है ? क्या प्रयागराज हत्याकांड को लेकर अतीक के परिवार की ओऱ से सियासी सवाल उठाये जा रहे हैं ?
बुलडोजर का इंतकाम
24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड ने सरकार के इकबाल पर सवाल खड़े कर दिये तो सूबे में बुलडोज़र और एनकाउंटर का इंतकाम शुरू हो गया. पहले अरबाज़ का एनकाउंटर. फिर तीन बुलडोजर एक्शन और अब फिर एक शूटर का एनकाउंटर.
पहली गोली चलाने वाला शूटर ढेर
एनकाउंटर में एक बदमाश को पुलिस ने नहर किनारे ढेर कर दिया. इस बार पुलिस ने उस्मान नाम के उस शूटर को मार गिराने का दावा किया है. जिसने 24 फरवरी को उमेश पाल के ऊपर पहली गोली चलाई थी. तब सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से इसकी पहचान नहीं हो सकी थी. लेकिन बाद में पता चला कि ये उस्मान है. इसी उस्मान का एनकाउंटर प्रयागराज में कर दिया गया.
विजय चौधरी के धर्म पर भी सवाल?
पुलिस वाले जब उस्मान उर्फ विजय चौधरी को लेकर अस्पताल पहुंचे थे तो उसे दो जगह पट्टियां की हुई थीं. विजय उर्फ उस्मान प्रयागराज में नैनी इलाके का ही रहने वाला था. कौंधियारा क्षेत्र इलाके में उसके घर में मां-बहन-पत्नी मौजूद हैं. घर में उसका नाम विजय चौधरी था. पुलिस कह रही है कि विजय चौधरी को अतीक गैंग ने धर्मांतरण करके उस्मान बना दिया था.
10 दिन बाद भी मुख्य आरोपी फरार
समाजवादी पार्टी की ओर से ये सवाल भी उठाया जा रहा है कि घटना के 10 दिन बाद भी यूपी पुलिस किसी मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है क्योंकि हमले के दौरान क्रेटा कार का ड्राइवर अरबाज और हमले के दौरान सीसीटीवी में दिखने वाले पहले शूटर विजय जौधरी उर्फ उस्मान तो मुठभेड़ में मारे गये. लेकिन दुकान में इंतजार कर रहे टोपी वाले शूटर मुहम्मद गुलाम, बम चलाने वाले आरोपी गुड्डू मुस्लिम, राइफल से फायर करने वाला आरोपी साबिर और अतीक अहमद का बेटा असद अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
क्या नेपाल भाग चुका है असद!
शक है कि मुख्तार अंसारी गैंग की मदद से अतीक अहमद का बेटा बहराइच के रास्ते नेपाल भाग चुका है. यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार का कहना है कि यह सभी विवेचना के बिंदु हैं, हमने सभी एजेंसियों और अन्य राज्यों के साथ अच्छा समन्यव बनाया है. लगातार बात करते रहते हैं. विवेचना चल रही है. अपराधी जहां भी होंगे पकड़ेंगे.
सपा ने कहा- बंद कर दो कोर्ट
हालांकि सरकार ने दावा किया है कि वारदात के बाद से पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं. इसी चरण में अवैध इमारतें भी मिट्टी में मिलाई गई हैं और आरोपियों की धरपकड़ और एनकाउंटर भी जारी है. अब समाजवादी पार्टी कह रही है कि ऐसे ही बुलडोजर और एनकाउंटर की कार्रवाई करनी है तो कोर्ट बंद कर देना चाहिए. सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि कितना एनकाउंटर करेंगे, उनके यहां हत्यारे हैं. हमारी पुलिस एनकाउंटर कर रही हैं. संविधान के मुताबिक एक्शन लें.
फरार आरोपियों पर बढ़ गई इनामी राशि
पुलिस की अब तक की कार्रवाई में 2 आरोपियों का एनकाउंटर हो चुका है. एक आरोपी जेल भेजा जा चुका है. अतीक और उसका भाई अशरफ पहले से जेल में ही हैं और बाकी के आरोपी अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं. जिनकी तलाश जारी है. हर फरार आरोपी बदमाश पर 50 हजार का इनाम रखा गया था. जिसे बढ़ाकर ढ़ाई लाख कर दिया गया है.