
पंजाब सरकार सीमा पार से मादक पदार्थों, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी रोकने के लिए अब ड्रोन रोधी तकनीक (Anti-Drone Technology) का इस्तेमाल करेगी. सूबे के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पंजाब सरकार लगातार नशा विरोधी अभियान चला रही है.
मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति का नेतृत्व कर रहे वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने मंगलवार को मोहाली में तीन कंपनियों की ड्रोन रोधी तकनीक का प्रदर्शन देखा और उनके बारे में जानकारी ली.
मीडिया से बात करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि पाकिस्तान से मादक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद आ रहे हैं, इसलिए उन्होंने सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए ड्रोन रोधी तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है.
अमन अरोड़ा ने कहा कि सीमा पार से मादक पदार्थों, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी रोकना भारत सरकार और बीएसएफ की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पास 50 किलोमीटर का क्षेत्राधिकार है. लेकिन हम पिछले कई सालों से देख रहे हैं कि बीएसएफ को सीमा पार से तस्करी रोकने में 100 प्रतिशत सफलता नहीं मिल रही है.
कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब पुलिस रक्षा के लिहाज से दूसरी लाइन में है. उन्होंने कहा कि लोगों को नशे से बचाने के लिए राज्य सरकार किसी भी हद तक जाने को तैयार है. वे सुनते रहते हैं कि सीमा पार से नशे और विस्फोटक आ रहे हैं, लेकिन इस पहल यानी ड्रोन रोधी तकनीक के इस्तेमाल से ऐसी घटनाओं पर बड़े पैमाने पर लगाम लगेगी.
उन्होंने बताया कि ड्रोन रोधी तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए उन्होंने कुछ कंपनियों को यहां आमंत्रित किया है. वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि ड्रोन रोधी तकनीक की तैनाती से राज्य सरकार के नशा रोधी अभियान को बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान से ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए ड्रोन रोधी तकनीक अपनाएंगे.
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि वे जल्द ही पंजाब पुलिस के साथ इस तकनीक को तैनात करेंगे. पंजाब पुलिस ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए ड्रोन रोधी तकनीक की तैनाती के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ समन्वय करेगी. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले सप्ताह राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की थी. उसी के चलते राज्य सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी के लिए पांच सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति का भी गठन किया है.