
मशहूर शायर मुनव्वर राणा के बेटे का मामला दो दिन से सुर्खियों में छाया हुआ है. इस मामले में जहां उनके परिवार ने यूपी पुलिस पर ज्यादती के संगीन इल्जाम लगाए हैं. वहीं रायबरेली पुलिस ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया है. अब आपको बताते हैं कि आखिर ये मामला कहां से और कैसे शुरू हुआ. इस मामले के केंद्र में मुनव्वर राणा नहीं बल्कि उनके बेटे तबरेज राणा हैं.
तबरेज राणा पर हमला
इस पूरे मामले की शुरूआत पिछले सप्ताह रायबरेली में एक फायरिंग की घटना से हुई थी. बीती 28 जून को सदर कोतवाली क्षेत्र के त्रिपुला चौराहे के पास उस वक्त हड़कंप मच गया, जब मशहूर शायर मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा पर दिन-दहाड़े बाइक सवार बदमाशों ने फायरिंग कर दी. दरअसल, रायबरेली के सदर कोतवाली इलाके में शाम 5:30 बजे के करीब तबरेज राणा अपनी कार लेकर पहुंचे. तभी 2-3 शूटर वहां आए. पहले उन्होंने तबरेज की गाड़ी का मुआयना किया और फिर पेट्रोल पंप के गेट पर फायरिंग करते हुए वहां से फरार हो गए.
बदमाशों ने दो राउंड फायर किए, दोनों गोली तबरेज राणा की गाड़ी में लगी. हमलावर वहां से भागने में कामयाब रहे. सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर जा पहुंची. पुलिस ने वहां मौजूद चश्मदीदों के बयान दर्ज किए और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी. वारदात की शाम तबरेज अपनी गाड़ी से लखनऊ जा रहे थे, तभी त्रिपुला स्थित पेट्रोल पंप के पास उन पर हमला किया गया. गाड़ी में बैठे होने की वजह से तबरेज बाल-बाल बच गए.
पुलिस ने तबरेज का बयान दर्ज किया और बदमाशों की तलाश में जुट गई. तबरेज प्रॉपर्टी का काम करते हैं, लेकिन उन्होंने किसी से रंजिश होने से इनकार किया. पुलिस ने घटनास्थल से मिली सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की तलाश जारी रखी.
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रायबरेली पुलिस की जांच में मिले सुराग
रायबरेली पुलिस ने इस मामले में तहकीकात की तो सबसे पहले घटना का सीसीटीवी सामने आया. सीसीटीवी में तबरेज की गाड़ी पेट्रोल पंप पर खड़ी नजर आती है. तभी उसके बगल से बाइक सवार दो लड़के आते हैं. वो तबरेज को सीधे गोली मारने के बजाय गाड़ी के आगे से घूमकर साइड सीट पर गोली चलाते हैं. इस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस हमलावरों की तलाश शुरू करती है. साथ ही तबरेज के मोबाइल की लोकेशन और सीडीआर पर भी काम करती है. इसी दौरान तबरेज की कॉल डिटेल से एक नाम सामने आता है. वो नाम है रायबरेली में होर्डिंग लगाने का काम करने वाला हलीम का.
हैरान करने वाला खुलासा
बस यही सबसे पहली कामयाबी थी, जो पुलिस के हाथ लगी. पुलिस ने दबिश देकर हलीम को उठा लिया. फिर उससे पूछताछ की गई. तो उसने सच उगलना शुरु कर दिया. उसने पुलिस को ऐसी बात बताई कि पुलिस वाले भी हैरान रह गए. हलीम ने खुलासा करते हुए बताया कि तबरेज राणा पर किया गया हमला फर्जी था. इस काम के लिए तबरेज ने ही शूटरों को लगाया था. उसी के कहने पर उसकी गाड़ी को निशाना बनाकर फायरिंग की गई.
हलीम ने पुलिस को बताया कि गोली चलाने की एवज में तबरेज ने उसे विधानसभा चुनाव के दौरान होर्डिंग लगाने का पूरा काम देने का वादा किया था. तबरेज ने उसे बताया था कि तिलोई से चुनाव का टिकट मिलेगा तो सारा काम वही करेगा. साथ ही विधायक बनने पर ठेकेदारी का काम भी दिलाएगा. हलीम ने कहा कि तबरेज के कहने पर ही उसने अपने दो शूटर सत्येंद्र और शुभम सरकार को भेजा था.
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पलट गई कहानी
अब पुलिस के पास एक अहम गवाह और सबूत था. सीसीटीवी फुटेज भी इस साजिश की तरफ इशारा कर रही थी. अब इस मामले की पूरी कहानी पलट चुकी थी. जो तबरेज राणा इस मामले में पीड़ित था, वो अब पुलिस के लिए आरोपी बन चुका था. आरोपी एक सोची समझी साजिश का. इसके बाद पुलिस शूटर सत्येंद्र तिवारी और शुभम सरकार की तलाश में जुट गई और दबिश देकर सत्येंद्र और शुभम को गिरफ्तार कर लिया. इनके अलावा एक तीसरा आरोपी सुल्तान भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
तबरेज राणा की तलाश में छापे
इस अहम खुलासे के बाद रायबरेली पुलिस तबरेज राणा को तलाश कर रही थी. पुलिस तबरेज से जानना चाहती थी कि उसने इस तरह की साजिश आखिर क्यों रची? इस साजिश के पीछे तबरजे का मकसद क्या था? गुरुवार की देर रात रायबरेली पुलिस की टीम मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज की तलाश में उनके घर जा पहुंची. लखनऊ के उस घर में मुनव्वर राणा और उनकी बेटियां मौजूद थीं. उन्होंने पुलिस से वहां ऐसे आने का सबब पूछा और साथ ही सर्च वारंट के बारे में सवाल किए. पुलिस ने उन्हें वारंट तो नहीं दिखाए लेकिन रास्ते से हट जाने के लिए ज़रूर कहा. जब परिवार नहीं माना तो पुलिस ने जबरन पहले मुनव्वर राणा को घर के बाहर बैठा दिया और फिर घर में घुसकर तलाशी ली. लेकिन तबरेज राणा वहां नहीं मिला.
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
मशहूर शायर मुनव्वर राना के घर पुलिस की छापेमारी के बाद उन्होंने पुलिस के रवैए पर गंभीर सवाल उठाए. मुनव्वर राणा की बेटी और कांग्रेस नेता फौजिया राणा ने पुलिस की कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. और आरोप लगाया कि पुलिस पर बिना किसी वारंट के उनके घर छापेमारी करने आई थी. इस छापेमारी की कार्रवाई को मुनव्वर राणा ने गुंडागर्दी करार देते हुए इसे कानपुर का बिकरु कांड जैसा घटनाक्रम बताया. राणा ने बताया कि पुलिस ने उनके घर में दाखिल होने के सारे रास्ते बंद कर दिए. मीडिया और वकीलों को भी वहां आने नहीं दिया. ये सरासर गुंडागर्दी है.
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मुनव्वर राणा ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस से छापेमारी के संबंध में वारंट या सरकारी फरमान की मांग की तो पुलिस ने उन्हें वारंट दिखाने की बजाय दूर रहने की बात कही. राणा के मुताबिक इस छापेमारी के दौरान कोई भी पुलिसवाला उन्हें मार सकता था. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर किसी भी हाल में उनकी मौत होगी तो उसके जिम्मेदार बिना बताए छापेमारी करने आए ये पुलिसवाले होंगे.
मुनव्वर राणा ने इस कार्रवाई को पुलिस की गुंडागर्दी बताते हुए कहा कि पुलिस ने उनको नहीं बताया कि आखिर उनके बेटे का कसूर क्या है? पुलिस ने गुंडागर्दी की. अगर मेरे साथ कोई अनहोनी होती है तो यह पुलिस वाले ही जिम्मेदार होंगे. मुनव्वर राणा और उनकी बेटियों के बनाए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गए.
मुनव्वर राना की बेटी और कांग्रेस नेता फौजिया राना ने प्रशासन पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया. एक वीडियो में फौजिया ने कहा कि हम लोगों को बहुत परेशान किया जा रहा है, मेरे बीमार पापा को भी परेशान किया गया. प्रशासन हमारे पापा और हम लोगों से बदला ले रहा है. पुलिस बिना सर्च वारंट के घर के अंदर तक पहुंच आई.
पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
मुनव्वर राणा का परिवार पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध कर रहा था. लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद रायबरेली पुलिस ने तबरेज राणा पर हुए हमले का खुलासा कर दिया. खुलासा भी चौंकाने वाला था. रायबरेली पुलिस ने बताया कि मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा पर 28 जून को रायबरेली शहर कोतवाली इलाके में शाम 5:30 बजे फायरिंग हुई थी. इस घटना में शामिल 2 शूटर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए हलीम, सुल्तान, सत्येंद्र तिवारी और शुभम सरकार ने पूछताछ में कुबूल किया है कि ये गोलीकांड खुद तबरेज राणा ने कराया था.
पुलिस के मुताबिक तबरेज इसके लिए 3 दिनों से रायबरेली के ओम क्लार्क होटल में ठहरा हुआ था. 28 जून की सुबह तक तबरेज इस होटल में रुक कर हलीम और शूटरों के साथ मीटिंग करता रहा, पूरी साजिश का तानाबाना बुनता रहा. तबरेज ने इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के दौरान हलीम से बात करने के लिए अपनी ग़ज़ल रोडलाइंस के नाम पर एक सिम कार्ड भी खरीदा था. जिससे वो हलीम से लगातार बात कर रहा था. उसी के कहने पर हलीम ने अपने दो शूटर सत्येंद्र और शुभम को हमले के लिए भेजा था.
रायबरेली के पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि सीसीटीवी में पूरा मामला कैद हुआ है कि कैसे तबरेज राणा रायबरेली के पेट्रोल पंप पर पहुंचता है, गाड़ी पेट्रोल पंप के बाहर ही खड़ा करता है. खुद भी गाड़ी में बैठा रहता है. कुछ देर बाद 2-3 शूटर वहां पहुंचते हैं. गाड़ी का मुआयना कर पेट्रोल पंप के गेट पर फायरिंग करते हैं और वहां से भाग जाते हैं.
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पुलिस का कहना है कि रायबरेली के ओम क्लार्क होटल में वारदात से पहले की रात 12:00 बजे से 2:30 बजे तक तबरेज शूटरों के साथ मौजूद था. बाइक सवार दोनों शूटर रायबरेली में होर्डिंग लगाने का काम करते हैं. वे कई बार जेल जा चुके हैं.
ये थी हमले के पीछे तबरेज राणा की सजिश
पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस पूरे मामले के पीछे संपत्ति का विवाद है. दरअसल, तबरेज राणा ने चचेरे भाइयों के हिस्से की जमीन 85 लाख रुपये में बेच दी थी. इस जमीन के सौदे पर तबरेज के चचेरे भाइयों ने आपत्ति जताई थी. वो लगातार तबरेज पर पैसा वापस करने का दबाव भी बना रहे थे. जब तबरेज ने पैसे नहीं लौटाए तो चचेरे भाइयों ने तहसील में दाखिल खारिज पर आपत्ति लगा दी थी. अब जमीन की डील फंसने पर खरीदार अपनी रकम वापस मांग रहा था.
तबरेज इस मामले को लेकर परेशान था.वो रकम वापस नहीं करना चाहता था. और पैतृक संपत्ति से चचेरे भाईयों को बाहर करना चाहता था. इसीलिए उसने खुद पर हमले की साजिश रच डाली. फिर योजना के मुताबिक शूटरों से खुद पर हमला करवाया. इसके फौरन बाद उसने अपने चचेरे भाइयों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई. लेकिन तबरेज की साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया.