
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के चलते राजस्थान के पूर्व पीएचई विभाग मंत्री महेश जोशी और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली. इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल भी टीम के साथ तैनात रहा.
पिछले साल ED ने केंद्र सरकार के कार्यक्रम से जुड़े मामले में कम से कम दो बार छापेमारी की थी. सूत्रों ने बताया कि अब सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग के पूर्व मंत्री जोशी और कुछ अन्य लोगों से जुड़े ठिकानों पर धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत तलाशी की जा रही है. जोशी को राज्य में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जयपुर की हवा महल सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल जयपुर और दौसा में कुछ निजी व्यक्तियों के अलावा पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और आईएएस अधिकारी और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापे मारे थे.
पीटीआई के मुताबिक, एजेंसी ने पहले दावा किया था कि कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जल जीवन मिशन से 'अवैध रूप से अर्जित' धन को निकालने के लिए राज्य सरकार के पीएचई विभाग के अधिकारियों की मदद की थी. आरोप है कि ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (IRCON) के कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने उस वक्त आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां विपक्षी नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों को निशाना बनाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रही हैं. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राजस्थान में कांग्रेस को हराकर जीत हासिल की थी.
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एक एफआईआर के बाद सामने आया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य लोग सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे. ये लोग अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं हासिल करने, बिल स्वीकृत कराने और पीएचई विभाग से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के तहत होने वाले कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए ये सब कर रहे थे.
केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राज्य के पीएचई विभाग द्वारा राजस्थान में लागू किया जा रहा है.