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शंकर मीना हत्याकांड में CBI का बड़ा एक्शन, चार पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज, ये है इल्जाम

पिछले साल 20 वर्षीय शंकर मीना को बजरी रेत माफिया ने बेरहमी के साथ मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में पुलिस ने लीपापोती करने की कोशिश की थी. यही हाल राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच का भी था, जो इस केस को रफा दफा करना चाहती थी.

शंकर मीना हत्याकांड में चार पुलिसवालों की मिलीभगत पाई गई है शंकर मीना हत्याकांड में चार पुलिसवालों की मिलीभगत पाई गई है
aajtak.in
  • टोंक,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST

Shankar Meena Murder Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राजस्थान के टोंक जिले के पीपलू इलाके में पिछले साल शंकर मीना की हत्या के मामले में पुलिस गश्ती दल के चार सदस्यों और एक अन्य शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आरोप है कि यह हत्याकांड पुलिस और बजरी माफिया की मिलीभगत का नतीजा था. यहा तक कि इस हत्याकांड को दुर्घटना का रूप देने की कोशिश भी की गई थी.

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दरअसल, पिछले साल 20 वर्षीय शंकर मीना को बजरी रेत माफिया ने बेरहमी के साथ मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में पुलिस ने लीपापोती करने की कोशिश की थी. यही हाल राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच का भी था, जो इस केस को रफा दफा करना चाहती थी. 

लेकिन अब यह मामला राजस्थान उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त को सीबीआई के हवाले कर दिया था. शंकर की हत्या के परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों ने रेत खदानों के पट्टाधारकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी किया था.

पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई की जांच में इस बात का खुलासा हो गया था कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले बजरी रेत माफिया के साथ पुलिस गश्ती दल के चार सदस्य भी मिले हुए थे. 

इस हत्याकांड को लेकर टोंक जिले में धरना प्रदर्शन भी हुए थे. मृतक शंकर मीणा के परिजनों ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई थी. आपको बता दें कि पिछले साल 30 जून को टोंक जिले के पीपलू थाने में यह मुकदमा संख्या 168/23 दर्ज किया गया था. 

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