
6 नवंबर 2023. इस दिन सोशल मीडिया पर साउथ सिनेमा की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'पुष्पा' फेम एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था. इस वीडियो में एक्ट्रेस बेहद बोल्ड लुक में नजर आ रही थी. वीडियो देखकर किसी को सहज विश्वास नहीं हो रहा था कि रश्मिका इस तरह की हरकत कर सकती हैं. कुछ घंटे बीतने के बाद ही वीडियो की सच्चाई सबके सामने आ गई. पता चला कि वीडियो में तो रश्मिका मंदाना हैं ही नहीं, बल्कि ब्रिटिश इंडियन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जारा पटेल हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की मदद डीपफेक किया गया और जारा की जगह रश्मिका का चेहरा लगा दिया गया. इस हकीकत को जानने के बाद हर कोई हैरान रह गया.
इस घटना के बाद आम आदमी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने डीपफेक वीडियो की आलोचना की थी. पीएम मोदी ने डीपफेक को समाज के लिए खतरा बताते हुए कहा था कि इससे बड़ी अशांति पैदा हो सकती है. रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने 10 नवंबर को एफआईआर दर्ज किया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ टीम को इस केस की जिम्मेदारी सौंप दी गई. जांच के दौरान डीपफेक वीडियो से संबंधित 500 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला गया. वीडियो का साइबर लैब में विश्लेषण किया गया. इस दौरान आईएफएसओ यूनिट ने पूरे भारत के कई सोशल मीडिया अकाउंट हैंडलर्स से पूछताछ की और संबंधित जानकारी एकत्र की गई.
एक्स्ट्रेस रश्मिका मंदाना का बहुत बड़ा फैन है आरोपी नवीन
इस तरह गहन विश्लेषण और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ के बाद आखिरकार इंस्टाग्राम पर आरोपी का अकाउंट ट्रेस कर लिया गया. आरोपी की पहचान करने के बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम आंध्र प्रदेश के गुंटूर पहुंची. वहां आरोपी ईमानी नवीन पुत्र स्वर्गीय संबाशिव राव इमामी को ढूंढ निकाला. पुलिस हिरासत में आने के बाद उसने अपना अपराध कुबूल कर लिया. पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि वो एक्स्ट्रेस रश्मिका मंदाना का बहुत बड़ा फैन है. इसलिए सोशल मीडिया पर उनका फैन पेज चलाता था. उसने दो अन्य फिल्मी हस्तियों के भी फैन पेज बनाए हुए हैं, जिनके लाखों फॉलोअर्स हैं. लेकिन रश्मिका के पेज पर महज 90 हजार फॉलोअर्स थे, जिसे वो बढ़ाना चाहता था.
सोशल मीडिया पर सनसनी के बाद डिलीट किया वीडियो
दिल्ली पुलिस के डीसीपी हेमंत तिवारी के मुताबिक, आरोपी ईमानी नवीन ने फिल्म एक्स्ट्रेस रश्मिका मंदाना के सोशल मीडिया पेज के फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने के लिए उनका डीपफेक वीडियो बनाया और पोस्ट कर दिया. इसकी वजह से दो हफ्ते के अंदर ही इस पेज की फैन फॉलोइंग 90 हजार से बढ़कर 1 लाख 8 हजार हो गई. लेकिन इस दौरान सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर सनसनी मच गई. कई बड़ी हस्तियों ने इसके खिलाफ एक्स (ट्विटर) पर लिखना शुरू कर दिया. इसके बाद आरोपी को एहसास हुआ कि उसने कुछ गलत कर दिया है. उसने डरकर इंस्टाग्राम से उस वीडियो को डिलीट कर दिया. अपने अकाउंट का नाम भी बदल दिया. उसने प्रासंगिक डिजिटल डेटा भी हटा दिया.
चेन्नई से इंजीनियरिंग, गूगल गैराज से डिजिटल मार्केटिंग
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ईमानी नवीन आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के पलापाररू गांव का रहने वाला है. उसने चेन्नई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया है. इसके साथ ही साल 2019 में गूगल गैराज से डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेशन किया है. उसने वेब साइट डेवलपमेंट, फोटोशॉप, यू-ट्यूब से वीडियो एडिटिंग आदि जैसे कोर्स भी पूरे किए है. पिछले साल मार्च में वो अपने गांव आ गया था. इसके बाद घर से फोटोशॉप, इंस्टाग्राम चैनल प्रमोशन, यूट्यूब वीडियो बनाने और एडिटिंग करने का काम करने लगा था. वो अन्य क्लाइंट को भी अपनी सेवाएं दिया करता था. इस दौरान अपने द्वारा बनाए गए सोशल अकाउंट और चैनलों पर भी काम करता था. उसने यूट्यूब से डीपफेक वीडियो बनाना सीखा है.
क्या है डीपफेक, कब हुआ था इसका पहली बार इस्तेमाल?
डीपफेक अंग्रेजी के दो शब्दों से बना है. पहला, डीप और दूसरा फेक. डीप लर्निंग में सबसे पहले नई तकनीकों, खास कर जनरेटिंग एडवर्सरियल नेटवर्क जिसे जीएएन भी कहते हैं, उसकी स्टडी जरूरी है. जीएएन में दो नेटवर्क होते हैं, जिसमें एक जेनरेट यानी नई चीजें प्रोड्यूस करता है, जबकि दूसरा दोनों के बीच के फर्क का पता करता है. इसके बाद इन दोनों की मदद से एक ऐसा सिंथेटिक यानी बनावटी डेटा जेनरेट किया जाता है, जो असल से काफी हद तक मिलता जुलता हो, तो वही डीप फेक है. साल 2014 में पहली बार इयन गुडफ्लो और उनकी टीम ने इस तकनीक को विकसित किया था. धीरे-धीरे इस तकनीक में नई-नई तब्दीलियां की जाती रहीं. साल 1997 में क्रिस्टोफ ब्रेगलर, मिशेल कोवेल और मैल्कम स्लेनी ने इस तकनीक की मदद से एक वीडियो में विजुअल से छेड़छाड़ की और एंकर द्वारा बोले जा रहे शब्दों को बदल दिया था. इस एक प्रयोग के तौर पर किया गया था.
हॉलीवुड में बड़े पैमाने पर होता है तकनीक का इस्तेमाल
हॉलीवुड फिल्मों में इस तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता था. कई बार शूटिंग के बीच में ही कुछ कलाकारों की मौत हो जाती या किसी के पास डेस्ट की कमी होती तो इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता था. उदाहरण के लिए फिल्म 'फास्ट एंड फ्यूरियस' को देख सकते हैं. उसमें लीड एक्टर पॉल वॉटर की जगह उनके भाई ने भूमिका निभाई थी, क्योंकि शूट के बीच में ही उनकी मौत हो गई थी. डीपफेक तकनीक के जरिए उनको हूबहू पॉल वॉटर बना दिया गया. यहां तक कि उनकी आवाज भी पॉल जैसी हो गई. शुरू में डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल नकारात्मक तरीके से नहीं होता था. लेकिन जैसे-जैसे इस तकनीक ने तरक्की की, असली-नकली का फर्क करना भी मुश्किल होने लगा.
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फिल्म एक्ट्रेस के पोर्न वीडियो बनाकर करने लगे अपलोड
इसका परिणाम ये हुआ कि कुछ लोग इसका धड़ल्ले से बेजा इस्तेमाल करने लगे. यहां तक कि हॉलीवुड और बॉलीवुड एक्ट्रेस के पोर्न वीडियो बनाए जाने लगे. कई सारी पोर्न वेबसाइट पर इस तरह के वीडियो भरे पड़े हैं. लेकिन ये पब्लिक डोमेन में नहीं है, इसलिए इस पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई. लेकिन जब एक्ट्रेस के बोल्ड वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला गया, तब जाकर हंगामा बरपा है. इसकी पहली शिकार साउथ सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना हुई है. 5 नवंबर को रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सामने आया था. वीडियो को देख कर लगता है एक्ट्रेस कहीं से वर्क आउट कर के आ रही हैं. लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो लोग सन्न रह गए. इसके बाद तो सिलसिला चल पड़ा.
कैसे करें डीपफेक और ऑरिजिनल वीडियो के बीच फर्क?
यदि ऐसी कोई तस्वीर या वीडियो सामने आ जाए, तो ये कैसे समझें कि ये डीपफेक है या नहीं? यानी डीपफेक और ऑरिजिनल का फर्क कैसे करें? डीपफेक की पहचान करने के लिए ऐसी तस्वीरों या वीडियोज को ध्यान से देखना जरूरी है. यदि आप किसी वीडियो की जांच कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको उस शख्स के फेशियल एक्सप्रेस को बारीकी से देखना और समझना होगा और फिर लिप सिंक पर भी ध्यान देना होगा. फेशियल एक्सप्रेशन यानी चेहरे की भाव भंगिमाएं, जबकि लिप सिंक मतलब जो शब्द बोले जा रहे हैं, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के होंठों की बनावट उसी रूप में हो रही है या नहीं. इसके अलावा तस्वीरों को जूम करके भी ऐसे वीडियो और तस्वीर की सच्चाई जानी जा सकती है.