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लाल किले पर हमला करने वाले आतंकी को फांसी पर लटकाने की तैयारी, डेथ वारंट के लिए अदालत को चिट्ठी

लाल किले पर हमला करने वाले आतंकी को फांसी की सजा देने की तैयारी है. निचली अदालत को तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से चिट्ठी लिख दी गई है. अदालत से पूछा गया है कि दोषी को कब और कितने बजे फांसी पर लटकाना है.

लाल किला लाल किला
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

लाल किले पर हमला करने वाले आरोपी आरिफ उर्फ अशरफ को फांसी देने की तैयारी है. सजा तो कई साल पहले ही हो चुकी थी, अब उसे अंजाम देने का वक्त आ गया है. तिहाड़ जेल की तरफ से निचली अदालत को डेथ वारंट को लेकर चिट्ठी लिखी गई है. अदालत का फैसला ही तय करेगा कि आरिफ को कब और कितने बजे फांसी पर लटकाना है. इस मामले में आरोपी आरिफ को भी नोटिस भेजा गया था, लेकिन उसने सात दिन के भीतर कोई जवाब नहीं दिया, ऐसे में प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया गया है.

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2002 में लाल किले पर क्या हुआ था?

जानकारी के लिए बता दें कि 22 दिसंबर 2000 को लश्कर-ए-तैयबा के 6 आतंकी लाल किले में घुस आए थे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. लाल किले पर हुए इस अटैक में सेना के दो जवान समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस आतंकी हमले में राइफलमैन उमा शंकर तो मौके पर ही शहीद हो गए थे. जबकि, नायक अशोक कुमार ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था. अब्दुल्ला ठाकुर नाम के शख्स की भी इस हमले में मौत हो गई थी. इसमें अशरफ के अलावा 21 और लोगों को आरोपी बनाया गया था. यहां ये समझना जरूरी है कि मोहम्मद आरिफ उर्फ अशरफ पाकिस्तानी नागरिक है, जो लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है. ट्रायल कोर्ट ने अक्टूबर 2005 में उसे फांसी की सजा सुनाई थी. उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा को बरकरार रखा.

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अब निचली अदालत का फैसला तय करेगा कि आरिफ को फांसी पर कब लटकाया जाएगा. अगर अशरफ को फांसी हो जाती है, तो वो चौथा आतंकी होगा जिसे सजा-ए-मौत मिलेगी. अशरफ से पहले मुंबई हमले को अंजाम देने वाले अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी.
 

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