
लाल किला हिंसा मामले में तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से उस वीडियो को पेश करने को कहा है, जिसमें किसानों की रैली के बाद आरोपी लक्खा सिंह सिधाना ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों को रास्ते से हटने के लिए उकसाया था. अदालत ने इसके साथ ही सिधाना की गिरफ्तारी पर रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है.
कोर्ट ने जांच अधिकारी को उस वीडियो फुटेज को पेश करने के लिए कहा, जो जांच का हिस्सा है. उसके आधार पर ही सिधाना को आरोपी बनाया गया है. अदालत ने इसके अलावा किसानों को भड़काने वाले अन्य आरोपियों के संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
सिधाना के अधिवक्ता रमेश गुप्ता व जगदीप सिंह ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को फर्जी मामले में फंसाया गया है. सिधाना ने विरोध करने के अपने अधिकारों के तहत शांति पूर्ण तरीके से इस प्रदर्शन में शामिल हुआ था.
मालूम हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले आठ महीनों से आंदोलन चल रहा है. 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली बुलाई थी, जोकि अनियंत्रित हो गई थी. कई लोगों ने दिल्ली की सीमा में प्रवेश करते हुए जबरदस्त हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया था. कुछ लोग लाल किले तक पहुंच गए थे.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए कई लोगों को आरोपी बनाया था. पुलिस की जांच अब भी जारी है. वहीं, पूरी घटना पर किसान नेताओं ने कहा था कि उनके किसानों ने हिंसा नहीं की है, जबकि हिंसा करने वाले दूसरे लोग बुलाए गए थे.