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UP: सैफुल्लाह एनकाउंटर केस में आज दर्ज होंगे तत्कालीन आईजी ATS असीम अरुण के गवाही बयान, ये था मामला

7 मार्च को 2017 को सैफुल्लाह का यूपी ATS ने इनपुट मिलने के बाद एनकाउंटर किया था. इस मामले में आज तत्कालीन आईजी एटीएस असीम अरुण के गवाही बयान दर्ज होंगे. इस केस में NIA ने कानपुर के 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

असीम अरुण (फाइल फोटो) असीम अरुण (फाइल फोटो)
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 19 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:25 AM IST
  • 5 साल पुराना है सैफुल्लाह एनकाउंटर केस
  • सोमवार को भी असीम अरुण के गवाही बयान दर्ज हुए थे

5 साल पहले लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में हुए सैफुल्लाह एनकाउंटर केस में अब गवाही अंतिम दौर में है. यूपी सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और तत्कालीन आईजी एटीएस असीम अरुण आज लखनऊ की स्पेशल NIA कोर्ट में अपने गवाही बयान दर्ज कराएंगे. इससे पहले सोमवार को भी उनके बयान दर्ज हुए थे.

7 मार्च 2017 को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में किराए के मकान में रहने वाले सैफुल्लाह का यूपी ATS ने इनपुट मिलने के बाद एनकाउंटर कर दिया था. बड़ी मशक्कत के बाद सैफुल्लाह को तो ढेर कर दिया गया, लेकिन उसके घर से बरामद हथियार और दस्तावेज बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे थे. जिसका कनेक्शन उज्जैन में ट्रेन ब्लास्ट की साजिश से भी था. मामला कई राज्यों से जुड़ा था, ISIS मॉड्यूल से तार जुड़े थे. लिहाजा जांच NIA को दे दी गई. शुरुआती जांच के दौरान साफ हो गया था कि सैफुल्लाह के घर से बरामद पिस्टल से ही कानपुर में एक शिक्षक की वैपन ट्रायल में हत्या की गई थी. जांच के दौरान 2 युवक फैजल और आतिफ मुजफ्फर भी पकड़े गए थे. NIA ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. अब गवाही चल रही है. इसी कड़ी में सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्र प्रभार और साल 2017 में यूपी ATS चीफ रहे असीम अरुण ने भी गवाही बयान दर्ज करवाए. 

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घटना के वक्त असीम अरुण की अगुवाई में ही पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. बतौर आईजी एटीएस असीम अरुण ने ना सिर्फ घर के अंदर से फायरिंग कर रहे सैफुल्लाह को मुठभेड़ में मार गिराने के ऑपरेशन को अंजाम दिया, बल्कि उसके ठिकाने से बरामद तमाम अहम सबूतों के आधार पर जांच के तार कानपुर और अन्य शहरों तक पहुंचे थे. इस मामले में जांच करते हुए NIA ने कानपुर के 8 आरोपियों गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद फैजल, मोहम्मद दानिश, आसिफ इकबाल, मोहम्मद अजहर, मोहम्मद आतिफ, आतिफ मुजफ्फर और सैयद मीर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लिखा कि सैफुल्लाह और उसके साथियों के IS से सीधे कनेक्शन थे. वे IS का प्रचार-प्रसार कर आतंकी घटनाओं के लिए धन और हथियार जुटाने में लगे थे. ठाकुरगंज स्थित ठिकाने को अपना ट्रेनिंग सेंटर और छिपने का अड्डा बनाया था. सैफुल्लाह और उसके साथियों के निशाने पर बाराबंकी के देवा शरीफ समेत कई दरगाह और धर्मगुरु भी थे, जिसमें राजधानी के नामी शिक्षण संस्थान के तीन धर्मगुरु भी टारगेट पर थे. मध्य प्रदेश पुलिस के इनपुट पर लखनऊ के ठाकुरगंज में शुरू हुए इस ऑपरेशन के बाद इस ग्रुप के 3 सदस्यों को मध्य प्रदेश पुलिस ने और 5 आरोपियों को यूपी एटीएस ने कानपुर और आसपास के इलाकों से गिरफ्तार किया था.

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