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श्रद्धा का कटा हुआ सिर, मोबाइल फोन और आरी... कहां हैं ये तीन सबूत? नार्को टेस्ट में भी नहीं खुला राज

दिल्ली के रोहिणी इलाके में मौजूद डॉ भीम राव अंबेडकर अस्पताल में गुरुवार की सुबह से ही गहमा-गहमी का माहौल था. देश में हाल के दिनों के सबसे सनसनीखेज श्रद्धा मर्डर केस के मुल्जिम आफताब अमीन पूनावाला को यहां नार्को टेस्ट के लिए लाया जाना था.

आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट दो घंटे तक चला था आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट दो घंटे तक चला था

Shraddha Walker Murder Case: श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस में पुलिस ने 14 दिनों तक आरोपी आफताब अमीन पूनावाला से पूछताछ की. मगर वो जवाब, सुराग या सबूत नहीं मिल पाए, जिसकी पुलिस को तलाश थी. इसके बाद आफताब के नार्को टेस्ट का फैसला किया गया. 1 दिसंबर को पहली बार आफताब ने नींद बेहोशी की हालत में दो घंटे तक श्रद्धा के कत्ल से जुड़े सवालों पर बात की. मगर उसके जवाब सुनकर जांच अधिकारी फिर से हैरान रह गए. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ? 

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दिल्ली के रोहिणी इलाके में मौजूद डॉ भीम राव अंबेडकर अस्पताल में गुरुवार सुबह से ही गहमा-गहमी का माहौल था. देश में हाल के दिनों के सबसे सनसनीखेज श्रद्धा मर्डर केस के मुल्जिम आफताब अमीन पूनावाला को यहां नार्को टेस्ट के लिए लाया जाना था.

1 दिसंबर 2022, सुबह- 8.35 बजे

यही वो वक्त था जब दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन की एक टुकड़ी एक खास 'वज्र वाहन' में आफताब को लेकर अस्पताल पहुंची और इसी के साथ अस्पताल की और खास कर ऑपरेशन थियेटर की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई. चूंकि नार्को एनालिसिस टेस्ट के दौरान उसे एक साथ कई दवाएं दी जानी थी और इसी के साथ उसकी सेहत की पल-पल कर निगरानी होनी थी, अस्पताल के डॉक्टर्स और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने नार्को टेस्ट की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आफताब को सेटल होने यानी शांत होने का समय दिया. 

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इस दौरान डॉक्टरों ने आफताब से मामूली बातचीत की और फिर उसके ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, हार्ट बीट, बॉडी टेंपरेचर और दूसरे पैरामीटर्स की जांच की गई. उनका मकसद नार्को से पहले पूरी तरह यह सुनिश्चित करना था कि आफताब ना तो पहले से बीमार है और ना ही उसे किसी तरह की कोई जिस्मानी या जेहनी परेशानी है. जांच में जब एक के बाद एक ये सारे पैरामीटर्स बिल्कुल सही पाए गए, तो फिर डॉक्टरों ने नार्को टेस्ट की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया.

1 दिसंबर 2022, सुबह 9.50 मिनट
ठीक इसी वक्त ऑपरेशन थियेटर में नार्को टेस्ट की प्रक्रिया की शुरुआत हुई. इसके तहत सबसे पहले आफताब को डॉक्टरों ने एक कंसेंट फॉर्म सौंपा और उसे तसल्ली से पढ़ कर उस पर साइन करने यानी इस टेस्ट के लिए अपनी रजामंदी देने की बात कही. इस फॉर्म पर ना सिर्फ नार्को टेस्ट करनेवाले डॉक्टरों की टीम के, बल्कि मौके पर मौजूद फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और दूसरे अधिकारियों के भी नाम लिखे थे. 

सूत्रों की माने तो आफताब ने अब तक के अपने रवैये के मुताबिक ही पूरी तसल्ली से कंसेट फॉर्म को पढ़ना शुरू किया और संतुष्ट हो जाने के बाद उस पर दस्तखत भी कर दिए और तो और कंसेंट फॉर्म देने से लेकर, उसके बारे में आफताब को बताने, समझाने और उसकी रजामंदी के बाद ही टेस्ट कंडक्ट करने के बारे में उसे जो जानकारी दी गई. उसकी पूरी की पूरी प्रक्रिया की भी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई.

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आफताब को बताया गया कि उसके हां कहने के बाद उसे कुछ दवाएं दी जाएंगी, जिसके बाद वो कुछ देर के लिए नीम बेहोशी की हालत में चला जाएगा और इसी दौरान उससे केस से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे और उन सभी के सभी सवालों और जवाबों को रिकॉर्ड किया जाएगा और नियम के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया की भी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी.

1 दिसंबर 2022, सुबह 10.10 मिनट
उस वक्त आफताब को समझाने-बुझाने और उसकी रज़ामंदी लेने के ठीक दस मिनट बाद उसे अपनी बेड पर लेटने को कहा गया और फिर सुबह दस बजकर दस मिनट पर उसे इंजेक्शन के जरिए एनिस्थीसिया समेत दूसरी जरूरी ड्रग्स की खुराक दी गई. इस दौरान डॉक्टरों ने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि आफताब को दी जा रही एनिस्थीशिया और दूसरी दवाओं की डोज बिल्कुल सही हो. ना थोड़ी कम और ना थोड़ी ज्यादा. क्योंकि डोज कम होने पर आफताब नीम बेहोशी की हालत में पहुंचने से रह सकता था. ऐसे में नार्को टेस्ट के दौरान वो डॉक्टरों और फोरेंसिक एक्सपर्टस को भी धोखा भी दे सकता था. जबकि डोज ज्यादा होने पर ना सिर्फ उसके गहरी बेहोशी में चले जाने का खतरा था, बल्कि ज्यादा डोज से उसकी जान भी जा सकती थी.

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ऐसे में एनिस्थीसिया का इंजेक्शन लगाने के बाद डॉक्टरों ने सबसे पहले आफताब के शरीर पर उसका एफेक्ट देखने और समझने की कोसिश की. एनिस्थीसिया का असर सबसे पहले उसकी आंखों और जुबान पर ही दिखा. आम तौर पर एनिस्थीसिया इंसान के सीएनएस यानी सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर अपना असर दिखाता है और उसे सबकॉन्शियस स्टेट में ले जाता है. यानी इंसान अपने आस-पास की चीजों को महसूस तो कर सकता है, लेकिन पूरी सक्रियता से रिएक्ट नहीं कर सकता. इस हाल में जहां आंखें बंद होने लगती हैं, वहीं जुबान भी लड़खड़ाती हुई महसूस होती है. 

बहरहाल, जब एनिस्थीसिया और दवाओं की डोज के बाद डॉक्टरों को आफताब के पूरी तरह नीम बेहोशी में चले जाने की तसल्ली हो गई, तो फिर उससे सवाल जवाब का सिलसिला शुरू किया गया. इस नार्को टेस्ट के जरिए वैसे तो पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट श्रद्धा के कत्ल की साजिश से लेकर उसकी लाश के टुकड़े टुकड़े करने और उन्हें निपटाने के पूरे सिक्वेंस को समझना चाहते थे, लेकिन इन सवालों के केंद्र में श्रद्धा का कटा हुआ सिर, उसका मोबाइल फोन, हथियार और कत्ल के वक्त पहने गए श्रद्धा के कपड़े ही ज्यादा थे.

टेस्ट के दौरान आफताब से बहुत से सवाल पूछे गए, लेकिन इन सवालों में जो सबसे अहम थे, वो है-. 

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- श्रद्धा का कत्ल किस तारीख को किया?
- श्रद्धा को क्यों मारा?
- श्रद्धा को कैसे मारा?
- लाश के टुकड़े कैसे किए?
- टुकड़े करने के लिए हथियार कहां से खरीदे?
- टुकडों को घर में कितना वक्त तक रखा?
- टुकड़ों को कैसे और कहां रखा?
- लाश के टुकड़ों को कहां-कहां ठिकाने लगाए?
- हथियार कहां फेंके?
- कत्ल के बाद छह महीने तक क्या कुछ किया?
- अगर कत्ल गुस्से में और गलती से किया तो तभी पुलिस के सामने सरेंडर क्यों नहीं किया?

सूत्रों की मानें तो आफताब ने फोरेंसिक साइकोलॉजिस्ट के पूछे हर सवाल का जवाब इत्मीनान से दिया. जैसा कि अब तक वो करता रहा है, उसने ज्यादातर सवालों के जवाब अंगेजी में ही दिए. टेस्ट के दौरान आफताब पहले कई सवालों पर चुप ही रहा, लेकिन जब उससे दोबारा वही सवाल पूछे गए, तो उसने जवाब दिया। कुछ इसी तरह उसने कुछ सवालों के जवाब देने में थोड़ा वक्त लिया. 

1 दिसंबर 2022, सुबह 11.50 बजे
आफताब से सवाल जवाब का ये सिलसिला लगभग दो घंटे तक चलता रहा और दोपहर 12 बजने से महज दस मिनट पहले नार्को टेस्ट की ये प्रक्रिया पूरी हो गई. इसके बाद आफताब को एक पार फिर से सेटल होने यानी नीम बेहोशी की हालत से बाहर आने के लिए थोड़ा और वक्त दिया गया और दौरान उसे कुछ और जरूरी दवाएं भी दी गईं. डॉक्टरों ने पहले उसे ऑब्जरवेशन में रखा. यानी कुछ देर के लिए उसकी निगरानी की और फिर जब वो होश में आने लगा, तो उससे बातचीत कर साइकोलॉजिकल थैरेपी के जरिए उसे जल्द से जल्द नॉर्मल करने की कोशिश की गई. 

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1 दिसंबर 2022, दोपहर 1.00 बजे
दवाएं, डॉक्टरों की कोशिश और साइकोलॉजिकल थैरेपी के जरिए नार्को टेस्ट के करीब एक घंटे बाद यानी दोपहर एक बजे तक आफताब पूरी तरह नॉर्मल हो चुका था. और फिर जल्द ही जेल और कैदियों की सुरक्षा में तैनात थर्ड बटालियन की गाड़ी आफताब को लेकर डॉक्टर अंबेडकर अस्पताल से तिहाड़ जेल के लिए रवाना हो गई. और कुछ इस तरह श्रद्धा मर्डर केस का खुलासा होने के पूरे 18 दिन बाद आरोपी कातिल आफताब का नार्को टेस्ट पूरा हो चुका था.

नार्को टेस्ट में कुछ भी नया नहीं बोला आफताब
वैसे आफताब का नार्को टेस्ट करनेवाली फोरेंसिक टीम के सूत्रों ने इस टेस्ट को लेकर अहम खुलासा किया है. उनका कहना है कि आफताब ने नार्को टेस्ट में कुछ भी नया नहीं बताया. जो अब तक पुलिस को बोलता रहता वही कहा. अब पुलिस को केस सुलझाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. क्योंकि आफताब से कोई भी नया सुराग नहीं मिला.

फिर कबूली कत्ल की बात
मगर नार्को टेस्ट में भी आफ़ताब ने श्रद्धा के क़त्ल की बात क़बूल कर ली. गिरफ्तारी के बाद यह कत्ल को लेकर आफ़ताब का तीसरा कबूलनामा था. पहले पुलिस की पूछताछ उसने हत्या की बात मानी थी. फिर पॉलीग्राफ टेस्ट में भी उसने कहा था, "हां, मैंने श्रद्धा को मार डाला." और अब नार्को टेस्ट के दौरान भी आफताब ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

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आफताब ने दोहराई पुरानी बातें
वैसे तो अदालत के बाहर आफताब के इस कबूलनामे की कोई खास अहमियत नहीं है, लेकिन आफताब का नार्को एनालिसिस टेस्ट करनेवाले फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मानें तो पहले दो मौकों की तरह ही आफताब ने नार्को एनालिसिस टेस्ट के दौरान भी श्रद्धा का कत्ल करने की बात कबूल कर ली है. सूत्रों की मानें तो आफताब ने ना सिर्फ श्रद्धा को मारने की बात मानी, बल्कि उसकी लाश के टुकड़े करने, उन्हें फ्रिज में रखने और टुकड़े को अलग-अलग जगहों पर फेंकने की वही बातें दोहराईं, जो बातें वो अब तक पुलिस की पूछताछ में कबूल चुका था.

पुलिस को नार्को एनालिसिस टेस्ट रिपोर्ट का इंतज़ार
अब पुलिस को इस मामले में फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की ओर से नार्को एनालिसिस टेस्ट रिपोर्ट का इंतज़ार है ताकि उस रिपोर्ट की बिनाह पर वो अपनी तफ्तीश को थोड़ा और आगे बढ़ा सकें और रिपोर्ट में हुए खुलासे के मुताबिक इस केस से जुड़े कुछ और सबूत जुटा सकें. यहां सबसे खास बात ये है कि आफताब से 14 दिनों की लंबी पूछताछ, उसकी निशानदेही पर श्रद्धा की लाश के एक अलग-अलग टुकड़ों और कुछ हथियारों की बरामदगी के बावजूद पुलिस अब तक इस केस से जुड़ी कई अहम चीजें बरामद नहीं कर पाई हैं. इनमें श्रद्धा का कटा हुआ सिर, वो आरी... जिससे आफताब ने लाश के टुकडे किए और श्रद्धा का मोबाइल फोन जैसी चीजें शामिल हैं.

 

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