
सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बॉबी कटारिया उर्फ बलवंत कटारिया का विवादों से पुराना नाता है. उसके कई विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं. पहले फ्लाइट में सिगरेट पीते हुई वीडियो पर हंगामा बरपा और अब बीच सड़क शराब पीने वाला उसका वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद उत्तराखंड पुलिस हरकत में आ गई. पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. आइए जानते हैं कि दोषी पाए जाने पर बॉबी को कितनी सजा हो सकती है?
दरअसल, उत्तराखंड पुलिस ने बॉबी कटारिया का शराबवाला वीडियो वायरल होने के बाद एक ट्वीट किया 'सोशल मीडिया पर कुछ व्यक्तियों द्वारा सड़क पर अतिक्रमण कर खुले में शराब पीने संबंधी वाइरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए अशोक कुमार, डीजीपी ने एसएसपी, देहरादून को वीडियो के संबंध में जांच कर सम्बन्धित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया है.' आरोपी बॉबी कटारिया के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की निम्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है-
आईपीसी की धारा 290
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 के मुताबिक, जो कोई भी इस संहिता द्वारा अन्यथा दंडनीय नहीं होने वाले किसी भी मामले में सार्वजनिक उपद्रव करता है, उसे दो सौ रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा.
सजा का प्रावधान
दोषी पाए जाने वाले को दो सौ रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा.
आईपीसी की धारा 336
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 336 के अनुसार, जो कोई भी उतावलेपन या उपेक्षापूर्वक ऐसा कोई कार्य करे, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, तो उसे अपराधी माना जाएगा.
सजा का प्रावधान
दोषी पाए जाने वाले को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है. या उस पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा, जो ढाई सौ रुपये तक हो सकता है. या फिर उसे दोनों तरह से दंडित किया जाएगा. यह एक जमानती और संज्ञेय अपराध है. यह किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है. यह समझौता करने योग्य नहीं है.
आईपीसी की धारा 342
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 342 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति को गलत तरीके से प्रतिबंधित करेगा, तो उसे अपराधी माना जाएगा.
सजा का प्रावधान
दोषी पाए जाने वाले को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. या उस पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा. या फिर उसे दोनों तरह से दण्डित किया जाएगा. यह एक जमानती और संज्ञेय अपराध है, जो किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है. यह अपराध पीड़ित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है.
आईपीसी की धारा 510
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 510 के अनुसार, जो कोई नशे की हालत में किसी लोक स्थान, या किसी ऐसे स्थान में, जिसमें उसका प्रवेश करना अतिचार हो, आएगा और वहां इस प्रकार का आचरण करेगा जिससे किसी व्यक्ति को क्षोभ हो, तो उसे अपराधी माना जाएगा.
सजा का प्रावधान
दोषी पाए जाने पर दोषी को चौबीस घंटे तक की अवधि के लिए सादा कारावास से दंडित किया जाएगा. या उस पर दस रुपये तक का आर्थिक दण्ड लगाया जाएगा. या फिर उसे दोनों प्रकार से दंडित किया जाएगा. यह एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध है, जो किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है. यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है.
आईटी एक्ट की धारा 67
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत, अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित करने या प्रसारित करने के लिए दंड का प्रावधान किया गया है. इस धारा के अनुसार, जो कोई भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित या प्रसारित या प्रसारित करने का कारण बनता है, कोई भी सामग्री जो कामुक है या विवेकपूर्ण हित के लिए अपील करती है या यदि इसका प्रभाव ऐसे लोगों को भ्रष्ट और भ्रष्ट करने के लिए है, जो प्रासंगिक परिस्थितियों में सभी के संबंध में होने की संभावना है, इसमें निहित या सन्निहित मामले को पढ़ने, देखने या सुनने वाला अपराधी माना जाएगा.
सजा का प्रावधान
दोषी पाए जाने वाले को पहली सजा के तौर पर दोनों में से किसी एक अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है. दोषी पर पांच लाख रुपये तक के जुर्माना भी किया जाएगा. दूसरी या बाद में दोषसिद्धि की स्थिति में दोनों में से किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है.
कटारिया की सफाई
मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद आरोपी बॉबी कटारिया के दुबई भाग जाने की खबर है. हालांकि बॉबी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए सफाई देते हुए कहा कि मनोरंजन के तहत बनाया गया वीडियो मुझे याद नहीं कहां का विडियो क्या वायरल हुआ है. जल्द ही मेरे वकील रणधीर लाल शर्मा पुलिस को हमारा पक्ष सौंप देंगे.
पहले भी दर्ज हुए हैं मुकदमें
आपको बताते चलें कि दिसंबर 2017 में गुरुग्राम के पुलिस थाने में हंगामा करने और पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में उसे गिरफ्तार भी किया गया था. बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया था. जानकारी के मुताबिक, गुरुग्राम में कटारिया के खिलाफ कुल 6 केस दर्ज हैं.