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Al-Qaeda के संपर्क में कैसे आया सॉफ्टवेयर इंजीनियर? आतंकी संगठन में शामिल होने जाना चाहता था ईरान-अफगानिस्तान

NIA के मुताबिक प्रोफेशनल लाइफ, अच्छी सैलरी वाली नौकरी के बाद भी बेंगलुरु का आरिफ आतंकी संगठन अलकायदा के संपर्क में आ गया. उसने इंटरनेट के जरिए अलकायदा से संपर्क साध लिया और 2 साल तक उनके संपर्क में बना रहा. इतना ही नहीं, आरिफ आतंकी संगठन IKP में शामिल होने के लिए ईरान और अफगानिस्तान जाने की तैयारी में था.

NIA ने आरिफ को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. NIA ने आरिफ को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है.
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 12 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने बेंगलुरु से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है. उस पर खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा (Al-Qaeda) के संपर्क में होने का आरोप है. कट्टरपंथी की पहचान आरिफ के रूप में हुई है. NIA का दावा है कि आरिफ पिछले दो साल से आतंकी संगठन के संपर्क में था. इतना ही नहीं वह जल्द ही ईरान और अफगानिस्तान के लिए रवाना होने की तैयारी कर रहा था. 

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आरिफ यहां जाकर आतंकी संगठन IKP में शामिल होना चाहता था, लेकिन NIA ने पहले ही बेंगलुरु से उसे गिरफ्तार कर लिया. आरिफ की गिरफ्तारी के बाद अब सामने आया है कि वह किस तरह से पिछले 2 सालों से अल कायदा के संपर्क में बना हुआ था.

NIA के मुताबिक आरिफ बेंगलुरु में रहकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करता था. दो साल पहले उसने इंटरनेट के जरिए अल कायदा के हैंडलर्स से संपर्क साध लिया था. वह तब से ही अल कायदा के कॉन्टेक्ट में बना हुआ था. आरिफ को जब भी अल कायदा के आतंकियों से संपर्क साधना होता था, वह इंटरनेट की मदद से ही उनसे संपर्क करता था. हालांकि, अभी तक किसी भी घटना में शामिल नहीं हुआ है या कहा जाए तो उसने किसी वारदात को अंजाम नहीं दिया है.

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ISD कर्नाटक और स्थानीय पुलिस की मदद से NIA ने कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित थानिसांद्रा में छापेमारी की. जांच एजेंसी इसके अलावा महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर में भी तलाशी अभियान चलाया गया. NIA को इनपुट मिला था कि 2 संदिग्ध एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के जरिए विदेश में स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क साध रहे हैं. ये दोनों ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की साजिश रच रहे थे. शनिवार को तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए.

यह पहली बार नहीं है, जब जांच एजेंसी ने किसी प्रोफेशनल शख्स को कट्टरपंथी बनने के साथ ही आतंकी संगठन से संपर्क करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. NIA ने हाल ही में कोलकाता पुलिस की गिरफ्त में आए ISIS से जुड़े 2 संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ की थी.

NIA के सूत्र ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी लंबे समय से राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में थे. एनआईए के एक अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया था, 'यह हमारा नियमित काम है, एनआईए देश की रक्षा के लिए हमेशा सक्रिय है. जब भी किसी संदिग्ध आतंकवादी को किसी जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जाता है, तो हम कानून के अनुसार मामले की जांच करते हैं.'

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कोलकाता में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी सद्दाम से जब जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी तो चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. आरिफ की तरह ही आतंकी सद्दाम भी पिछले दो साल से आतंकी संगठन (ISIS) के संपर्क में था. उसने अपनी नौकरी तक गंवा दी थी, हालांकि उसके परिवार के सदस्यों को यह मालूम था कि वह घर से काम कर रहा है.

मोहम्मद सद्दाम ISIS के पांचवें प्रमुख शेख अबुल हुसैन अल हुसैनी का अनुयायी था. कोलकाता पुलिस एसटीएफ सूत्र का यह भी दावा था कि उसके लैपटॉप और मोबाइल में हत्या के कई वीडियो मिले थे. सद्दाम ने विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवाया था. सद्दाम आत्मघाती दस्ते के बारे में खास जानकारी मांग रहा था.

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