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तमिलनाडु में मानव तस्करी के मामले में NIA का एक्शन, बांग्लादेशी मूल के 3 लोगों के खिलाफ 2 चार्जशीट दायर

Tamil Nadu Human Trafficking Case: 7 नवंबर, 2023 से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस मामले की जांच कर रही है. NIA ने जांच के दौरान पाया था कि बाबू एसके अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बांग्लादेश के नागरिकों की तस्करी करता था और उन्हें रिसीव भी करता था.

NIA ने तीनों आरोपियों के खिलाफ 2 चार्जशीट दाखिल की हैं NIA ने तीनों आरोपियों के खिलाफ 2 चार्जशीट दाखिल की हैं
राजेश साहा
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:55 PM IST

Tamil Nadu Human Trafficking Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को तमिलनाडु मानव तस्करी मामले में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को नामजद करते हुए दो चार्जशीट दायर की हैं. जिसमें तस्करों के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया गया है. इस नेटवर्क के रूप में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मूल के व्यक्तियों की भारत में तस्करी शामिल थी.

नामजद आरोपियों की पहचान बाबू एसके उर्फ बाबू शोरफुल उर्फ एमडी सोरीफुल बाबूमिया, शहाबुद्दीन हुसैन उर्फ मोहम्मद साहबुद्दीन और मुन्ना उर्फ नूर करीम के रूप में हुई है. ये तीनों अपनी असली पहचान छुपाने के लिए जाली भारतीय दस्तावेज़ बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे. 

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7 नवंबर, 2023 से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस मामले की जांच कर रही है. NIA ने जांच के दौरान पाया था कि बाबू एसके अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बांग्लादेश के नागरिकों की तस्करी करता था और उन्हें रिसीव भी करता था. वो जानबूझकर वैध दस्तावेजों के बिना भारत में उनके रहने का इंतजाम करता था. वह पीड़ितों को रोजगार देने और उनका शोषण करने में भी शामिल पाया गया.

आगे की जांच से NIA को पता चला कि बाबू एसके ने फर्जी तरीके से अपना जन्म प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस तैयार किया था. इसके बाद उसने फर्जी तरीके से ही अपना राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट इत्यादि जैसे कई अन्य भारतीय पहचान के दस्तावेज भी हासिल कर लिए थे.

एनआईए की जांच के अनुसार, अन्य दो नामजद आरोपी शहाबुद्दीन हुसैन और मुन्ना चटगांव जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने तस्करों और दलालों के साथ मिलकर अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था. उन्होंने पैन कार्ड जैसे अन्य भारतीय पहचान दस्तावेज प्राप्त करने के अलावा, जाली दस्तावेज जमा करके आधार कार्ड भी हासिल कर लिया था. उन्होंने फर्जी तरीके से प्राप्त दस्तावेजों की मदद से सिम कार्ड भी खरीदे और बैंक खाते भी खोले थे. अब इस मामले में जांच जारी है.

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