
यूपी के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को समय से पहले रिटायर कर दिया गया है. अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही थी. गृह मंत्रालय ने अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए यह फैसला लिया है. इस बाबत अमिताभ ठाकुर ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है.
अमिताभ के अलावा दो अन्य आईपीएस अधिकारियों को भी रिटायर किया गया है. इसमें राजेश कृष्ण और राकेश शंकर शामिल हैं. तीनों आईपीएस अफसरों पर गंभीर अनियमितता के आरोप थे. राजेश कृष्ण (सेना नायक 10 बटालियन बाराबंकी) पर आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप है. वहीं, राकेश शंकर ( डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे.
"अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है." pic.twitter.com/nkPFTBIuvk
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) March 23, 2021बता दें कि अमिताभ ठाकुर अपनी नौकरी के दौरान सरकारों के खिलाफ मुखर तरीके से बोलने के लिए चर्चित रहे हैं. अखिलेश सरकार में मुलायम सिंह से विवाद का ऑडियो वायरल होने के बाद निलंबित कर दिए गए थे. इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने अखिलेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उनकी पत्नी नूतन ठाकुर भी कई मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़े करती रही हैं. अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी और साथ-साथ कवि व लेखक हैं.