
भारत में लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है. जांच एजेंसियों का मानना है कि किसान आंदोलन के नाम पर देश को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई और ग्रेटा थनबर्ग की ओर से शेयर किए गए टूलकिट में ये योजना मौजूद थी, जिसके मुताबिक दिल्ली में हिंसा हुई. अब इस साजिश में शामिल लोगों की गिरफ्तारियां की जा रही हैं. इसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों की तलाश है.
इस केस में पुलिस खालिस्तानी एंगल की भी जांच कर रही है. पुलिस का आरोप है कि भारत के खिलाफ साजिश में खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ भी शामिल था. कनाडा के इस संगठन के दो संस्थापकों का नाम सामने आया है- एक एमओ धालीवाल और दूसरा अनीता लाल. सोशल मीडिया पर मौजूद सूचनाओं और अकाउंट के मुताबिक, ये दोनों ही इस संगठन के को-फाउंडर हैं.
खालिस्तान-समर्थक संगठन से जुड़ी है अनीता लाल
आजतक के सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक एमओ धालीवाल की करीबी कनाडा की रहने वाली अनिता लाल भी टूल किट मामले में एक अहम किरदार है और वह भी दिल्ली पुलिस के रडार पर है. अनीता लाल वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन की से भी जुड़ी है. पुलिस के मुताबिक, विवादित टूलकिट तैयार करने में अनीता लाल भी शामिल थी.
पुलिस के मुताबिक, 11 जनवरी को को एक जूम मीटिंग हुई थी उसमें अनिता लाल भी शामिल थी. इसके अलावा, इस मीटिंग में निकिता, दिशा रवि और शांतनु समेत 60-70 लोग शामिल थे.
आंदोलन के समर्थन में लगातार ट्वीट
अनीता लाल के बारे में फिलहाल ज्यादा सूचनाएं मौजूद नहीं हैं. आजतक ने अनीता लाल के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले और पाया कि उनके नाम से ट्विटर पर एक अकाउंट है, जिसका हैंडल @neeti420 है. हालांकि, ये अनीता लाल का आधिकारिक अकाउंट नहीं है, न ही ये ट्विटर की ओर से वेरीफाइड है. इस अकाउंट के मात्र 633 फॉलोवर हैं और 1202 अकाउंट को ये हैंडल फॉलो करता है. पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के नाम से चल रहा ट्विटर हैंडल @PoeticJFdn भी अनीता लाल नाम के इस यूजर को फॉलो करता है और अनीता लाल के नाम चल रहा अकाउंट इसे फॉलो करता है.
अनीता लाल के नाम पर चल रहा ये ट्विटर हैंडल @neeti420 लगातार किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट कर रहा है. 16 फरवरी को ही इसमें पोएटिक जस्टिस नाम के अकाउंट का एक ट्वीट शेयर किया है जिसमें भारत में मानवाधिकार उल्लंघन का सवाल उठाया गया है. इस अकाउंट से वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन नाम के अकाउंट के ट्वीट्स को भी शेयर किया गया है.
दिशा की गिरफ्तारी का विरोध
4 फरवरी को अनीता लाल नाम के इस अकाउंट से ग्रेटा थनबर्ग का वो विवादित ट्वीट भी शेयर किया गया है जिसमें ग्रेटा ने अपडेटेड टूलकिट शेयर किया था. दिशा रवि की गिरफ्तारी के विरोध में भी इस अकाउंट से लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं. इस अकाउंट से एमओ धालीवाल को टैग करके भी ट्वीट किए गए हैं.
एक दूसरा अनवेरीफाइड अकाउंट @modhaliwal है जिसका यूजर नेम है ‘टूलकिट’. इसके परिचय में पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के ट्विटर हैंडल @poeticjfdn को मेंशन किया गया है. इस अकाउंट पर कई ट्वीट ऐसे हैं जो अनीता लाल के अकाउंट पर भी हैं. इस अकाउंट से अनीता लाल के कई ट्वीट शेयर भी किए गए हैं.
पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के अकाउंट ने 6 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग और रिहाना को लेकर एक बयान जारी किया जिसमें संगठन की तरफ से सफाई दी गई है और किसान आंदोलन का समर्थन किया गया है. अनीता लाल ने इसे शेयर करते हुए लिखा है, 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का आधिकारिक बयान'. तीन पेज के इस बयान में संगठन के पदाधिकारियों के तौर पर अनीता लाल और एमओ धालीवाल का नाम लिखा है.
आपस में जुड़े हैं ये चारों अकाउंट
@neeti420, @PoeticJFdn, @modhaliwal और @WorldSikhOrg - ये चारों अकाउंट वेरीफाइड नहीं हैं, इसलिए हम पुष्टि नहीं कर सकते कि ये अनीता लाल, पोएटिक जस्टिस, एमओ धालीवाल और वर्ल्ड सिख आर्गेनाइजेशन के आधिकारिक अकाउंट हैं, लेकिन इनकी गतिविधियों से साफ पता चलता है कि ये आपस में जुड़े हैं.
इंटरनेट पर अनीता लाल के नाम पर बना लिंक्डइन प्रोफाइल भी मौजूद है जिस पर स्पष्ट तौर पर लिखा है कि वे पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर और को-फाउंडर हैं. इस अकाउंट का स्क्रीनशॉट टि्वटर पर काफी वायरल हो रहा है.
अनीता लाल और एमओ धालीवाल के नाम पर बने इन अकाउंट्स के मुताबिक, ये दोनों ही बैंकूवर, कनाडा में रहते हैं. इससे भी संकेत मिलता है कि ये दोनों आपस में जुड़े हो सकते हैं.
गौरतलब है कि 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने टूलकिट मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकार के खिलाफ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जंग छेड़ने के आरोप में केस दर्ज किया था. ये केस देशद्रोह, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में दर्ज किए गए. पुलिस का मानना है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के तार पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े हैं और हिंसा के दौरान टूलकिट में बताई गई योजना का हूबहू पालन किया गया.
(कृष्णकांत के इनपुट के साथ)