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हाथी दांत की बाजार कीमत ₹1.5 करोड़, सब इंस्पेक्टर ने धौंस दिखाकर ₹2 लाख में खरीदा; तस्कर गिरोह से हुए कई खुलासे

Udaipur News: मास्टरमाइंड राहुल को शक था कि पुलिस को भनक नहीं लग जाये, इसके लिए उसने रीटा नाम की महिला को शामिल किया. यह महिला अमृत के दोस्त की गर्लफेंड है. पांचों को आरोपियों को 5 अक्टूबर तक रिमांड पर रखा गया है. अब टीमें राहुल को मौका तस्दीक और पूछताछ के लिए दिल्ली और जयपुर लेकर जाएंगी.

गिरोह का सरगना राहुल CRPF में SI है. (नीली चेक शर्ट में आरोपी राहुल) गिरोह का सरगना राहुल CRPF में SI है. (नीली चेक शर्ट में आरोपी राहुल)
सतीश शर्मा
  • उदयपुर ,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

राजस्थान के उदयपुर में 2 दिन पहले हाथी दांत को बेचने आए तस्कर गिरोह से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. इस गिरोह के सरगना सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर (उप निरीक्षक) राहुल मीणा ने अपने पद की धौंस दिखाकर तस्करों से मात्र 2 लाख रुपए में खरीदा था, जबकि खरीददार इस हाथी दांत के 1.50 करोड़ में बेचना चाहते थे. राहुल ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से 2 लाख रुपए में खरीदकर दोस्त अर्जुन मीणा, संजय, अमृत सिंह को उदयपुर घुमाने की बात कहकर अलवर से बुलाया था. बाद में राहुल ने सभी को उदयपुर में एक-एक लाख रुपए का लालच देकर प्लान में शामिल कर लिया था.

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यही नहीं, मास्टरमाइंड राहुल को शक था कि पुलिस को भनक नहीं लग जाये, इसके लिए उसने रीटा नाम की महिला को शामिल किया. यह महिला अमृत के दोस्त की गर्लफेंड है. पांचों को आरोपियों को 5 अक्टूबर तक रिमांड पर रखा गया है. अब टीमें राहुल को मौका तस्दीक और पूछताछ के लिए दिल्ली और जयपुर लेकर जाएंगी.

पकड़े गए आरोपियों में राहुल के अलावा उसका करीबी रिश्तेदार अर्जुन मीणा और संजय और दोस्त अमृत सिंह गुर्जर, रीटा शाह शामिल है. पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी सब इंस्पेक्टर राहुल की जुलाई- 2022 में कोयंबटूर, तमिलनाडु में ट्रेनिंग के दौरान तस्करों से मुलाकात हुई. जबकि उसकी पोस्टिंग कश्मीर के सोपार में थी. अगस्त में छुट्टी लेकर कोयंबटूर गया था. 


इसी दौरान उसने 3 फीट लंबा और 8 किलो वजनी यह हाथी दांत खरीदा था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है. सभी 5 दिन पहले अलवर से उदयपुर आए. यहां ग्राहक की तलाश कर रहे थे, तभी उदयपुर की सवीना पुलिस के शिकंजे में फंस गए.

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3 फीट लंबा और 8 किलो वजनी हाथी दांत बरामद.

दक्षिणी राजस्थान में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का यह पहला मामला नहीं है. नाखून, खालों सहित अन्य सामान की तस्करी के पहले भी कई खुलासे हुए हैं. अब भी पुलिस और वन विभाग के लिए वन्य जीव तस्कर बड़ी चुनौती हैं. रंग-बिरंगे सांप और अजगर की चमड़ी, स्टार कछुए, पैंथर और टाइगर की खाल, दांत नाखून, लोमड़ी की खाल, दांत नाखून बाल, हाथी दांत, हिरण के सींग, सियार के सिर की हड्डी, उल्लू के नाखून, घाघरोली तोते की मनुष्य की आवाज की नकल के चलते और तीतर खरगोश होटलों में मांसाहारी भोजन के लिए शिकार किए जाते हैं.

उदयपुर में यह मामले आ चुके सामने- 

27 अप्रैल 2023: चार साल से कर था पैंथर का शिकार 
राजस्थान एटीएस और एसओजी ने गोगुंदा में 2 छोटे व 2 बड़े तेंदुओं की खालों के साथ सायरा इलाके के रहने वाले चूनाराम उर्फ सुनील गमेती (40) को गिरफ्तार किया था. वह 4 साल से इनका शिकार कर खाल बेच रहा था. स्थानीय पुलिस और वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं थी. आरोपी बंदूक से पैंथर का शिकार करता था.

6 अप्रैल 2023: 
20 कछुए बेचने के लिए घूम रहे थे. वन विभाग और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने तेंदुए के नाखून और 20 कछुए बेचने के लिए घूम रहे 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. ये इनपुट दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दिया था. राजस्थान एटीएस को एक महीने पहले उदयपुर जिले के गोगुंदा में तेंदुओं की खालों की तस्करी होने की सूचना मिली थी. तबसे जांच में जुटी थी.

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24 जनवरी 2019:
वन विभाग की टीम ने उदयपुर की धानमंडी के पंसारियों की ओल स्थित मैसर्स कैलाशचन्द्र रमेश कुमार सरावड़ी, शाह फकीरचंद शोभालाल पगारिया, मोडीलाल जीतमल जैन एवं भैरूलाल, बाबूलाल सोनी की पूजन सामग्री की दुकानों पर छापा मारा था. टीम ने वहां से सियार की हड्डियां, मोनीटर लिजाई के अंग और पेंगोलिन के कवच बरामद किए थे. दुकानदार सियार की हड्डियां भी बेच रहा था.

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