
24 फरवरी को प्रयागराज का धूमनगंज इलाका अंधाधुंधा फायरिंग और बमबाजी से दहल उठा था. माफिया अतीक अहमद के शूटर्स ने सरेराह उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो गनर्स की हत्या कर दी थी. इस वारदात से प्रयागराज ही नहीं पूरा यूपी सिहर उठा था. जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ रही है, माफिया एंड कंपनी के काले कारनामों का सच बाहर आ रहा है. किस तरह माफिया जेल में रहकर अपना साम्राज्य चला रहा था, इसको लेकर भी अभी तक कई खुलासे हो चुके हैं. इसी क्रम में हत्याकांड से जुड़ा एक और खुलासा हुआ है, जो कि बेहद हैरान कर देने वाला है.
ये बात सामने आई है कि उमेश पाल की हत्या में Colt 1911 पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था. ये पिस्टल अमेरिकन आर्मी इस्तेमाल करती है. इतना ही नहीं इस पिस्टल का इस्तेमाल वर्ल्ड वॉर में भी किया गया था. इसे तब से कई बार अपडेट किया गया है. इस पिस्टल को दुनिया की सबसे अत्याधुनिक लॉस एंजिल्स पुलिस और FBI इस्तेमाल करती है.
असद के मोबाइल से मिले वीडियो में दिखी Colt पिस्टल
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल की गईं दो Colt 1911 पिस्टल पुलिस ने बरामद की थीं. इन पर भी अमेरिकन आर्मी लिखा हुआ है. इससे भी हैरान वाली बात ये है कि असद के मोबाइल फोन से पिस्टल वाला जो वीडियो मिला था, उसमें भी Colt पिस्टल दिखी थी.
बरेली जेल के सीसीटीवी फुटेज आए सामने
बीते दिन उमेश पाल हत्याकांड में एक और खुलासा हुआ था. दरअसल, बरेली जेल के कुछ सीसीटीवी फुटेज सामने आए, जो कि ये 11 फरवरी के हैं. इसमें देखा जा सकता है कि अतीक का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान उर्फ विजय, गुलाम और सदाकत जेल में बंद अशरफ से मुलाकात करने पहुंचे थे. जेल के एंट्री गेट पर काला चश्मा लगाए असद और उसके ठीक पीछे सफेद शर्ट पहने गुड्डू मुस्लिम सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ.
G-20 समिट के दौरान हत्या कराना चाहता था माफिया
कहा जा रहा है कि जेल में अशरफ के साथ मिलकर असद समेत सभी शूटर्स ने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची थी. एक हैरान कर देने वाली बात ये भी सामने आई है कि अतीक अहमद ने G-20 समिट के दौरान उमेश पाल की हत्या की साजिश रची थी. मगर, कुछ शूटर्स ने इसके लिए मना कर दिया था.
तीन प्लान फेल होने के बाद शूटर्स ने सरेराह हत्या की
इसके बाद दूसरा प्लान ये था कि प्रयागराज कचहरी के बाहर उमेश की हत्या कर दी जाए, मगर ये प्लान भी फेल हो गया. इसके बाद तीसरा प्लान प्रयागराज के चौराहे पर उमेश की हत्या करना था, वो भी फेल हो गया था. तीन प्लान फेल होने के बाद शूटर्स ने घर से कुछ दूरी पर उमेश की हत्या का प्लान बनाया गया और उसे अंजाम दिया. दरअसल, उमेश पाल की हत्या के जरिए अतीक यूपी में फिर से अपनी दहशत फैलाना चाहता था.
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उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटर्स में एक साथ पुलिस की पहली मुठभेड़ 27 फरवरी को हुई थी. तब अरबाज नाम के बदमाश को पुलिस ने ढेर किया था. ये एनकाउंटर नेहरू पार्क के जंगल में हुआ था. इसमें एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ था. अरबाज वही बदमाश था जो कि हत्याकांड में प्रयुक्त क्रेटा कार चला रहा था. वो अतीक का करीबी था और उसकी गाड़ी भी चलाता था.
इसके बाद 6 मार्च को एक और आरोपी विजय कुमार उर्फ उस्मान चौधरी एनकाउंटर में मारा गया था. पुलिस और उस्मान के बीच ये मुठभेड़ प्रयागराज के कौंधियारा इलाके में हुई थी. उस्मान वो शूटर था, जिसने उमेश पाल को पहली गोली मारी थी.
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इसके बाद 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने असद और उसके साथी मोहम्मद गुलाम को झांसी से 30 किलोमीटर दूर बड़ागांव और चिरगांव के पास एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. पुलिस के दावे के मुताबिक, असद और मोहम्मद गुलाम पारीछा बांध के पास छिपे बैठे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें घेरा और सरेंडर करने के लिए कहा. मगर, आरोपियों की ओर से फायरिंग शुरू कर दी गई. इसके बाद एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों मारे गए.
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वहीं, 15 अप्रैल की रात तीन शूटर्स ने उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इन शूटर्स की पहचान अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी के रूप में हुई. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थीं.