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कानपुर में भर्ती उन्नाव पीड़िता की हालत में सुधार, आईसीयू के बाहर मजिस्ट्रेट की तैनाती

कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती पीड़िता को लेकर आज शुक्रवार सुबह एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया. अस्पताल के पीआरओ परमजीत सिंह का कहना है कि हम जो ट्रीटमेंट दे रहे हैं उससे लड़की की हालत में सुधार दिख रहा है.

कानपुर में भर्ती उन्नाव पीड़िता हो रही ठीक (फोटो- पीटीआई) कानपुर में भर्ती उन्नाव पीड़िता हो रही ठीक (फोटो- पीटीआई)
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 19 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST
  • पीड़िता की हालत में धीरे-धीरे हो रहा सुधार
  • पीड़िता का बयान है काफी अहम
  • आईसीयू के बाहर मजिस्ट्रेट की तैनाती

कानपुर में भर्ती उन्नाव पीड़िता की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. इस केस में एकमात्र जिंदा बची पीड़िता का बयान काफी अहम माना जा रहा है, जिसपर आगे की पूरी जांच टिकी हुई है. इसे देखते हुए अस्पताल के बाहर प्रशासन ने एक डिप्टी एसपी और एक एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट (एसीएम) की तैनाती की है. प्रशासन की कोशिश है कि पीड़िता को होश आते ही उसका बयान दर्ज किया जाए.

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पीड़िता के इलाज के साथ-साथ प्रशासन सुरक्षा को लेकर पूरी चौकसी बरत रहा है. आईसीयू के बाहर एसीएम और डिप्टी एसपी को तैनात कर दिया गया है जो ​लगातार चौकसी बरतेंगे. लड़की के बोलने की हालत में आते ही उसका बयान दर्ज किया जाएगा. इसके लिए 24 घंटे मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है. अस्पताल के बारह बारह घंटे की ड्यूटी पर मजिस्ट्रेट तैनात हैं.

उन्नाव कांड में असल में क्या हुआ, इसकी जानकारी और पूरी जांच अस्पताल में भर्ती लड़की के बयान पर ही टिकी है. क्योंकि उनके घर वालों ने किसी पर भी आरोप नहीं लगाया है. लड़कियों ने जहर कैसे खाया, क्यों खाया या नहीं खाया, उनके साथ क्या हुआ, उनके हाथ पर कैसे बंधे, उनके साथ किसने क्या किया, ये सब जानकारी जिंदा बची लड़की के बयान से ही मिल सकती है, इसलिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी बरत रहा है.

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पीड़िता की हालत में सुधार
कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती पीड़िता को लेकर आज शुक्रवार सुबह एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया. अस्पताल के पीआरओ परमजीत सिंह का कहना है कि लड़की के शरीर में अब तक कोई हलचल नहीं हो रही थी, लेकिन अब हम जो इलाज कर रहे हैं, उसका सकारात्मक असर हो रहा है. वह हाथ-पैर हिला रही है. हम धीरे-धीरे लड़की को वेंटिलेटर सपोर्ट से हटाने की ओर बढ़ रहे हैं. 24 घंटे में रिस्पांस सामने आएगा.

जब उनसे पूछा गया कि क्या लड़की को एम्स भेजने की जरूरत है तो उनका कहना है कि यह हमारा विषय नहीं है. हम लड़की का जो ट्रीटमेंट कर रहे हैं, उसका सही रिस्पांस मिल रहा है.
 
शरीर पर नहीं मिले बांधने के निशान

अस्पताल का ये भी कहना है कि डॉक्टरों की जांच में लड़की को बांधने के कोई निशान नहीं मिले हैं, जबकि ये तीनों लड़कियां बंधी हुई हालत में पाई गई थीं. उन्होंने ये भी बताया कि लड़की का पॉइजन सैंपल जांच के लिए लखनऊ के केजीएमसी भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने का इंतजार है.

उन्नाव के बुबराह गांव में 17 फरवरी की देर शाम खेत में चारा लेने गई तीन लड़कियां बेहोशी की हालत में मिली थीं. ये बुआ और भतीजी हैं. इनमें से दो की मौत हो चुकी है. एकमात्र जिंदा बची लड़की को बचाने की कोशिशें जारी हैं. 

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पीड़िता की मां और भाई पहुंचे अस्पताल
पीड़िता की मां और उसका भाई दोनों अस्पताल पहुंच चुके हैं. भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ता लड़की की मां को लेकर अस्पताल पहुंचे और लड़की से मिलने देने की जिद करने लगे. हालांकि, अस्पताल के बाहर तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण उन्हें बाहर ही रोक दिया गया. पुलिस ने लड़की की मां और भाभी को ही अंदर जाने दिया. उसका भाई पहले से ही अंदर था. लड़की की मां, भाई और भाभी आईसीयू के बाहर मौजूद हैं.

सख्ती का आलम ये है कि एक मजिस्ट्रेट और एक डिप्टी एसपी आईसीयू के बाहर ड्यूटी दे रहे हैं. चारों तरफ पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है. लड़की से किसी को मिलने की इजाजत नहीं है. पुलिस ने लड़की की मां व अन्य परिजनों से किसी को बात नहीं करने दी.

भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत के नेतृत्व में कई कार्यकर्ता अस्पताल के बाहर मौजूद हैं और वे प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं कि लड़की को इलाज के लिए दिल्ली भेजा जाए.

 

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