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अयोध्या में कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, सुरक्षा में पुलिस बल तैनात

UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कोर्ट (Ayodhya Court) को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है. जिसके नाम से धमकी भरा पत्र भेजा गया है, पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसे पत्र के बारे में कोई खबर ही नहीं थी. फिलहाल कोर्ट परिसर व आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पुलिस धमकी भरे पत्र की तफ्तीश में जुटी हुई है.

धमकी भरा पत्र मिलने के बाद गश्त करता पुलिस बल. धमकी भरा पत्र मिलने के बाद गश्त करता पुलिस बल.
बनबीर सिंह
  • अयोध्या,
  • 12 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST
  • पत्र भेजने वाले की तलाश में जुटी अयोध्या पुलिस
  • जिस के नाम से भेजा गया पत्र, उसे नहीं है जानकारी
  • अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा कोई सुराग

UP News: यूपी के संवेदनशील जिलों में शुमार अयोध्या के फैजाबाद कोर्ट को बम से उड़ा देने की धमकी मिली है. इसके बाद पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई है. यह धमकी किसी की साजिश है या शरारत, इसको लेकर जांच की जा रही है. धमकी भरा पत्र मिलने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. फिलहाल कोर्ट परिसर व आसपास के इलाके में सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.

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जानकारी के अनुसार, धमकी भरे पत्र पर भेजने वाले का नाम राशिद पुत्र याकूब निवासी दौलतपुर थाना पूराकलंदर लिखा हुआ था. पूराकलंदर पुलिस ने राशिद नाम के व्यक्ति को पकड़कर सिटी कोतवाली पुलिस को सौंप दिया था. हालांकि जांच और पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया. राशिद को पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. 2 जून को जिला जज को धमकी भरा पत्र किसने भेजा, इस बारे में अभी तक अयोध्या पुलिस को कुछ भी पता नहीं चल सका है. धमकी मिलने के 6 दिन बाद कोर्ट चौकी इंचार्ज विनय कुमार ने जो केस दर्ज कराया, उसमें कहा गया है कि राशिद के नाम का दुरुपयोग कर अज्ञात व्यक्ति ने पत्र भेजा है. पत्र में फैजाबाद कोर्ट को 1 सप्ताह में बम से उड़ाने की बात लिखी थी.

गोपनीयता के बीच सच तक पहुंचने की कदमताल

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रजिस्टर्ड डाक से धमकी भरा पत्र मिलने के बाद जिला जज ने अयोध्या एसएसपी शैलेश पांडे को जानकारी दी थी. इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई. इसी के साथ कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पत्र में भेजने वाले का जो नाम व पता लिखा था, उसे पुलिस ने पकड़कर पूछताछ की तो उसे पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसके बाद उसे छोड़ दिया. पत्र की जिस डाकघर से रजिस्ट्री हुई है, जिस समय हुई है, इन बिंदुओं को लेकर पुलिस जांच कर रही है. हालांकि 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. अभी तक यह पता नहीं चला है कि इस घटना के पीछे कोई सुनियोजित साजिश है या शरारत. अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे ने कहा कि बहुत जल्द सच सामने आ जाएगा.

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