
उत्तर प्रदेश में पिछले चुनाव के बाद से ही कई बड़े राजनेताओं, संपन्न कारोबारियों, विपक्षी नेताओं और बाहुबलियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कई मामले दर्ज किए हैं. यही नहीं उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई, सर्च ऑपरेशन किए गए और कई की संपत्ति भी कुर्क कर ली गई. इनमें कई ऐसे मामले शामिल हैं, जिनकी छानबीन अभी भी जारी है. आजतक/इंडिया टुडे ऐसे ही कुछ लोगों की जानकारी आपके लिए लाए हैं.
बाहुबली मुख्तार अंसारी
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने उत्तर प्रदेश में जबरदस्ती जमीन हड़पने के मामले में गिरफ्तार किया है. इससे पहले उनके बेटे को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वित्तीय जांच एजेंसी ने जो मामला मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज किया है, वह उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज किए गए तमाम मामलों पर आधारित है. ईडी ने मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के सदस्य से जुड़ी करोड़ों रुपये की संपत्ति भी कुर्क की है. यह पहली बार हुआ, जब कोई केंद्रीय एजेंसी राजनेता माफिया सरगना पर सेंध लगाने में सफल रही.
बाहुबली अतीक अहमद
पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. अतीक अहमद और उनके सहयोगी अन्य लोगों के खिलाफ हत्या, जबरन वसूली, धोखाधड़ी, जालसाजी और जमीन हड़पने से संबंधित कई आपराधिक मामले यूपी के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज हैं. उन्हीं सभी मामलों के आधार पर ईडी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच कर रही है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अतीक अहमद और उनकी पत्नी की 8.14 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की है. वर्तमान में अतीक अहमद अपने ऊपर चल रहे कई मामलों के चलते जेल में बंद हैं.
वरिष्ठ नेता आजम खां
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जाल में फंस चुके हैं. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का संचालन करने वाले मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को फंड ट्रांसफर करने के मामले में ईडी ने सपा नेता आजम खान के खिलाफ केस दर्ज किया था. आजम खान विश्वविद्यालय के संस्थापक और चांसलर हैं. उनके खिलाफ यूपी पुलिस ने 26 मामले दर्ज किए थे. जिनका संज्ञान लेने के बाद ईडी ने जांच की थी. जिसमें यह आरोप भी शामिल था कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में उनके द्वारा चलाए जा रहे एक विश्वविद्यालय को 'शत्रु संपत्ति' से हथियाई गई भूमि पर बनाया गया है. ईडी ने आजम खान से पिछले साल जेल में पूछताछ की थी और इस मामले में उनकी पत्नी और बेटे को भी तलब किया गया था.
बसपा सांसद हाजी फजलुर्र रहमान
सहारनपुर के बसपा सांसद हाजी फजलुर्र रहमान एक बड़े कारोबारी हैं. उनके पांच राज्यों में कारखानें और ऑफिस परिसर हैं. जहां पिछले सप्ताह लखनऊ से आई आयकर विभाग की एक यूनिट ने सर्च ऑपरेशन किया था. दरअसल, बसपा सांसद पर 1,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने और पैसा डायवर्ट करने के लिए शेल कंपनियां बनाने का आरोप है. सांसद के अन्य आवासों और दिल्ली और पंजाब में मौजूद मीट फैक्ट्रियों पर भी छापेमारी की गई.
पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो
आगरा में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो एक बड़े कारोबारी भी हैं. उन्होंने आयकर विभाग की सर्च के दौरान लगभग 100 करोड़ रुपये सरेंडर किए हैं. यानी सर्च में यह रकम बिना टैक्स के पकड़ में आई थी. जिस पर टैक्स और जुर्माना लगाने के लिए यह रकम सरेंडर की गई थी. यह वो रकम है, जो एचएमए ग्रुप ने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाई थी. आयकर विभाग की टीम ने 12 शहरों में एनएमए ग्रुप के 35 ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की थी. आयकर विभाग ने भुट्टो के 17 ठिकानों पर सर्च की थी. सर्च की कार्रवाई आगरा के अलावा कानपुर, उन्नाव, अलीगढ़ और गाजियाबाद में की गई थी.
अकेले आगरा में आयकर विभाग की टीम ने पूर्व विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो के 16 ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की थी. आयकर विभाग की जांच पड़ताल में सामने आया था कि एचएमए ग्रुप में व्यापार कम दिखाया गया, जबकि खर्चों को कई गुना ज्यादा बढ़ाकर दिखाया गया था. सामान की खरीद-फरोख्त ऊंची कीमतों में की गई. ग्रुप में कई कर्मचारियों और मिलने वालों के नाम पर बैंकों में खाते खुलवाए गए हैं और उनसे ग्रुप के व्यापार में रुपयों का लेन-देन किया गया. आयकर विभाग के अधिकारियों ने ग्रुप के व्यापार से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को जब्त कर लिए थे. सारा डाटा हार्ड डिस्क में कलेक्ट किया गया था.
हाजी शकील कुरैशी
आयकर विभाग ने बरेली के मीट कारोबारी हाजी शकील कुरैशी के लखनऊ, बरेली और उन्नाव में मौजूद ठिकानों पर छापेमारी की थी. जिसमें 12 सौ करोड़ की टैक्स चोरी का मामला सामने आया था. यह कार्रवाई 3 दिनों तक की गई थी. इस दौरान जांच में 1000 करोड़ के लगभग कैश ट्रांजेक्शन के भी सुबूत मिले थे. आयकर विभाग की टीम ने बरेली के अल सुमामा एग्रो फूड्स, रहबर फूड इंडस्ट्री, मारिया फ्रोजन एग्रो फूड और उन्नाव, लखनऊ में रुस्तम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
जांच में मीट कारोबारी के विभिन्न फर्मों से लगभग 12 सौ करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ में आई, इतना ही नहीं कई बोगस कंपनियों और उनके बेनामी खातों से काली कमाई का भी खुलासा हुआ था. कुरैशी और उनके साझेदारों पर बोगस कंपनियों से लगभग 1000 करोड़ का लेन-देन करने का आरोप था. करोड़ों की बेनामी संपत्तियां के दस्तावेज भी आयकर विभाग के हाथ लगे थे. ये संपत्तियां लखनऊ के पॉश इलाकों में भी खरीदी गई और एक बड़ा हिस्सा उत्तराखंड में निवेश किया गया था. आयकर विभाग ने उन सभी लोगों को नोटिस जारी करने का फैसला किया, जिनका संबंध शकील कुरैशी की फर्म से था.
शादाब अहमद और नायाब अहमद
कानपुर में आयकर विभाग के अफसरों ने पिछले महीने केमिकल कारोबारी शादाब अहमद और नायाब अहमद के परिसरों में छापेमारी की थी. वहां से बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए गए थे. आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने कानपुर के जाजमऊ स्थित डायमंड केमिकल नामक फर्म में सर्च किया था. ये फर्म चमड़ा कारोबारियों को बड़े स्तर पर केमिकल की सप्लाई करती है. वहां इनकम टैक्स विभाग को 65 करोड़ के ऊपर का टर्नओवर मिला था. जब फर्मों के खर्चे, सेल, परचेज की जानकारी जुटाई गई तो कई गड़बड़ी मिली. यह देखा गया कि कितने प्रकार के केमिकल की सप्लाई है और उनका रेट क्या है? निर्यात भी किया जाता है या केवल स्थानीय सप्लाई है? इस मामले में ऑडिट रिपोर्ट बन रही है.
पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल
बसपा सरकार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे ताकतवर एमएलसी और नेता रहे हाजी इकबाल के खिलाफ यूपी पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी. हाल ही में यूपी पुलिस ने हाजी इकबाल की 50 लाख की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट में जब्त किया था.
बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की अब तक 125 से अधिक संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है. जिनकी कीमत लगभग 110 करोड़ रुपये है. हाजी इकबाल के साथ-साथ उनके बेटे अब्दुल वहीद, जावेद अफजल और अलीशान के नाम पर भी दर्ज संपत्तियों पर भी कार्रवाई की जा रही है.
सपा एमएलसी पुष्पराज जैन
आयकर विभाग (आईटी) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी और इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन के लगभग 50 परिसरों पर छापेमारी की थी. विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव के करीबी रहे पुष्पराज जैन के यहां सर्च की गई थी. जिसकी प्रदेश में बड़ी चर्चा हुई. आयकर विभाग का आरोप था कि पुष्पराज जैन चोरी-छिपे भारत से एक विदेशी कंपनी चला रहे थे. आयकर विभाग ने जैन पर 10 करोड़ रुपये की कर चोरी में शामिल होने का आरोप लगाया था. आयकर विभाग अभी उनके मामले की जांच कर रहा है.
बाहुबली विजय मिश्रा
भदोही के बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ जहां यूपी पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई को अंजाम दिया, वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मिश्रा पर शिकंजा कसते हुए उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. विजय मिश्रा के खिलाफ लिए गए एक्शन के दौरान भदोही और प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक लगभग उनकी 55 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. विजय मिश्रा ज्ञानपुर से विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में वो जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ रिश्तेदार की संपत्ति पर कब्जा करने और एक युवती से रेप करने के अलावा कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
अब तक विजय मिश्रा और उनके गैंग के सदस्यों की 55 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क हो चुकी है. जिसमें विजय मिश्रा की बहू रूपा मिश्रा के नाम से लखनऊ में मौजूद 11 करोड़ से अधिक कीमत का बंगला, बेटे के नाम मिर्जापुर में 11 करोड़ की भूमि, प्रयागराज में मनीष मिश्रा के नाम सात करोड़ का मकान, प्रयागराज के मेजा में 10 करोड़ 65 लाख की भूमि, भदोही के ऊंज में 3 करोड़ 34 लाख की जमीन, भदोही के कौलापूर में ढाई करोड़ की भूमि, एक करोड़ 84 लाख का आम का बाग, विभिन्न बैंक खातों में जमा 28 लाख रुपये, भतीजे का एक करोड़ 40 लाख का मकान और सहयोगियों की 40 लाख की संपत्ति के साथ-साथ कई वाहन, कैश, आदि जब्त किए जा चुके हैं.
बाहुबली दीप नारायण
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और झांसी की गरौठा सीट से 2 बार विधायक रह चुके दीप नारायण के खिलाफ यूपी पुलिस गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई कर रही है. इसी के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उनकी जांच शुरू कर दी है. साथ ही विजिलेंस ने भी उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया है. विजिलेंस ने झांसी सेक्टर में एफआइआर दर्ज की थी. जिसके बाद ईडी ने भी दीप नारायण पर शिकंजा कसते हुए जांच शुरू कर दी.
अब तक दीप नारायण की 367 करोड़ रुपये की संपत्ति झांसी पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त कर चुकी है. जिसमें झांसी के करगुवाजी की जमीन, मून सिटी आवासीय और अरबों की टाउनशिप शामिल है. दीप नारायण फिलहाल झांसी की जेल में बंद हैं. ईडी और विजिलेंस के अलावा आयकर विभाग भी उनकी संपत्ति को खंगालने में जुटा है.
गोमती नदी घोटाला
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में कथित अनियमितताओं के संबंध में 2021 में एक नया मामला दर्ज किया था, जिसे उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान अंजाम दिया गया था. गोमती नदी परियोजना में सीबीआई द्वारा दायर ताजा मामला यूपी में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया. बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और हाल ही में पिछली सपा सरकार के दौरान लखनऊ में किए गए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के संबंध में 16 लोगों को नोटिस जारी किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में हुए 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में 12 ठेकेदारों को भी तलब किया था.
ऑपरेशन डलहौजी (घानारण कंस्ट्रक्शन)
यह एक ऐसा मामला है, जो वसूली के मामले में यूपी के टॉप 5 आयकर छापों में शामिल है. इसके तहत आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया था. जिसमें कई लोग और व्यवसायी शामिल थे. इस मामले में कथित तौर पर 153 करोड़ रुपये का काला धन और 300-400 करोड़ रुपये की कर देनदारी पाई गई. साथ ही 250 करोड़ रुपये के नकद-लेन-देन के सबूत भी मिले थे. एजेंसी ने 15.50 करोड़ रुपये नकद और करोड़ों रुपये के आभूषण भी जब्त किए थे.