
यूपी के नोएडा में पकड़ाए धर्मांतरण रैकेट केस में एक वॉट्सऐप चैट सामने आई है. इस चैट में उमर का एक साथी एक मूक-बधिर से धर्मांतरण के लिए 5,500 रुपए और आधार कार्ड समेत सारे डॉक्यूमेंट्स लाने की बात कह रहा है. इसके बाद उमर के साथी ने उसका धर्मांतरण कराया और धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट भी बनाकर दे दिया. हैरानी वाली बात ये है कि जिसने उस मूक-बधिर बच्चे का धर्मांतरण कराया, वो खुद भी पहले हिंदू था और बाद में मुस्लिम बन गया था.
इस मामले में जो वॉट्सऐप चैट सामने आई है वो मूक-बधिर मन्नू यादव और मोहम्मद आकिब गुप्ता की है. मन्नू यादव हरियाणा का रहने वाला है जो नोएडा की डेफ सोसायटी में पढ़ता था. वहीं, मोहम्मद आकिब गुप्ता पहले हिंदू था जो बाद में अपना धर्म बदलकर मुस्लिम बन गया. मोहम्मद आकिब उमर गौतम का गुर्गा था.
वॉट्सऐप चैट के जरिए मोहम्मद आकिब मन्नू यादव को जामिया मेट्रो स्टेशन पर बुला रहा है. साथ में आधार कार्ड और 5,500 रुपए भी लाने को कह रहा है. इसके बाद मन्नू यादव को हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट कर दिया गया और उसका सर्टिफिकेट भी जारी किया गया.
19 साल के मन्नू यादव को धर्मांतरण का जो सर्टिफिकेट दिया गया, उसके मुताबिक उसने 11 जनवरी 2021 को हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया था. इसके साथ ही उसने अपना नाम मन्नू यादव से अब्दुल मन्नान रख लिया था.
दरअसल, कुछ दिन पहले यूपी एटीएस ने नोएडा में चल रहे धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया था. इस मामले में एटीएस ने मोहम्मद उमर गौतम और उसके साथी मौलाना मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था. पुलिस को शक है कि ये रैकेट सिर्फ दिल्ली-यूपी तक ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में भी सक्रिय था.
यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया था कि मोहम्मद उमर और उसके साथी मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं और गरीबों को टारगेट करते थे. इनका डरा-धमकाकर या नौकरी-पैसे का लालच देकर धर्म बदल दिया जाता था. इतना ही नहीं, ये लोग धर्मांतरण कराने के बाद उसका सर्टिफिकेट भी देते थे ताकि अवैध तरीके से धर्मांतरण को कानूनी मान्यता दिला सकें.