
माफिया डॉन अतीक अहमद को लेकर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और कानून मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे ब्रजेश पाठक का कहना है कि हम शुचिता के साथ कानून का पालन करा रहे हैं. न्यायपालिका के सामने हम अतीक को पेश करेंगे और न्यायालय के आदेश का पूरा पालन होगा.
एनकाउंटर जैसे कयासों पर कानून मंत्री ने कहा कि अनहोनी की बात नहीं है. हम लोग कानून का पालन करने वाले लोग हैं और इस मामले में भी कानून का पालन होगा. अदालत के भीतर हम लोग पूरी ताकत के साथ पक्ष रखेंगे. गुंडे अपराधी मवाली लोगों पर हमारी कार्रवाई जारी रहेगी.
दरअसल, अतीक अहमद की बहन का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उनके भाई अतीक अहमद का एनकाउंटर कर सकती है. बरेली जेल में बंद छोटे भाई अशरफ को भी जान का खतरा बना हुआ है. अतीक को पुलिस लाइन में नहीं रुकाना चाहिए था, हमें डर लग रहा है.
परिवार की ओर से लगाए जा रहे हैं कि इन्हीं कयासों के बीच यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का बयान सामने आया है. Aajtak से बातचीत में डिप्टी सीएम पाठक ने कहा कि पुलिस सुरक्षा में गुजरात से प्रयागराज लाए जा रहे अतीक अहमद के साथ किसी भी तरह की अनहोनी होनी की कोई संभावना नहीं है.
पता हो कि माफिया डॉन अतीक अहमद को गुजरात से मध्य प्रदेश और राजस्थान के रास्ते उत्तर प्रदेश के प्रयागराज लाया जा रहा है. अतीक को लेकर आ रहा पुलिस का काफिला अब उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुका है. कोर्ट में पेशी से पहले उसे प्रयागराज सिविल लाइन में रखा जाएगा.
बता दें कि 28 मार्च को प्रयागराज कोर्ट में उमेश पाल किडनैपिंग केस में फैसला आना है. इसी फैसले को लेकर अतीक को प्रयागराज लाया जा रहा है. वहीं, अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से प्रयागराज लाया जाएगा.
गौरतलब है कि उमेश पाल 25 जनवरी 2005 को हुए बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे. गवाही से रोकने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण हुआ था और जिसके बाद उमेश पाल ने कोर्ट में अपने बयान बदल दिए थे. अपहरण कर जबरन बयान दिलवाने के मामले में उमेश पाल ने एक साल बाद प्रयागराज के धूमनगंज थाने में साल 2007 में क्राइम नंबर 270/2007 पर अतीक अहमद, अशरफ अहमद और दिनेश पासी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी.
इसी मामले में उमेश पाल की लगातार गवाही चल रही थी और बीती 24 फरवरी को भी उमेश पाल अपनी गवाही पूरी कर घर लौटे रहे थे जब उनकी हत्या कर दी गई. 17 मार्च 2023 को कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण कांड में अदालत अपना फैसला सुनाएगी.