
यूपी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले मुर्तजा को एनआईए (NIA) कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी मुर्तजा के खिलाफ यूएपीए (UAPA) के तहत केस चल रहा था. उसे एक आतंकी मानकर सोमवार को NIA कोर्ट ने फैसला सुनाया. हालांकि, परिवार अभी भी उसे एक मानसिक रोगी बता रहा है. आइए जानते हैं कि गोरखनाथ मंदिर के बाहर आखिर क्या हुआ था उस दिन?
3 अप्रैल 2022, गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर
उस दिन देर शाम का वक्त था. गोरखनाथ मंदिर के बाहर रोज की तरह-चहल पहल थी. मंदिर के बाहर पुलिस और पीएसी के जवान रुटीन चेकिंग कर रहे थे. तभी एक शख्स वहां पहुंचा और जबरन गोरखनाथ मंदिर में घुसने की कोशिश करने लगा. जब पीएसी के जवानों ने उसे रोकना चाहा तो उसने एक तेजधार हथियार निकाला और हमला कर दिया. इसमें पीएसी के एक जवान के पैर और दूसरे की पीठ में जख्म आ गए. मौके पर मौजूद आसपास के लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी, जिससे हमलावर भी घायल हो गया. दोनों सिपाहियों के साथ हमलावर को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया.
गोरखपुर का ही रहने वाला है आरोपी
हिरासत में लिए गए शख्स के बारे में बताया गया कि वो मुंबई से आया था. उसके पास से एक लैपटॉप भी बरामद हुआ था. उसकी पहचान अहमद मुर्तजा अब्बासी के तौर पर हुई. वह मूलत: गोरखपुर का ही रहने वाला है और उस वक्त मुंबई से लौटा था. उसका परिवार गोरखपुर में रहता है. शुरुआती पूछताछ में परिवार ने पुलिस के आला अफसरों को बताया कि आरोपी मुर्तजा अब्बासी दिमागी तौर पर ठीक नहीं है.
क्यों किया था हमला?
लेकिन उसके बैग से बरामद लैपटॉप शक पैदा कर रहा था. पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि आरोपी ने पुलिसवालों पर हमला क्यों किया? वो मंदिर के पास क्यों पहुंचा था? मुंबई से उसका क्या कनेक्शन था? इन तमाम सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही थी. हमलावर अस्पताल में भर्ती था. लिहाजा पुलिस उसके बयान लेने की हालत में आने का इंतजार कर रही थी.
कौन है आरोपी मुर्तजा?
आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने साल 2015 में आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. उसके बाद दो बड़ी कंपनियों (रिलायंस इंडस्ट्रीज, Essar पेट्रोकेमिकल्स) में नौकरी कर चुका था. वह ऐप डेवलपर भी था. जानकारी जुटाई गई कि उसने कौन-कौन से ऐप पर काम किया. क्योंकि वह ऐप से भी लोगों से बात करता था.
आतंकी कनेक्शन!
मामला पुलिस पर हमले का था. लिहाजा, पुलिस तेजी से मामले की छानबीन कर रही थी. वो मुर्तजा का आपराधिक इतिहास खंगाली रही थी. तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि हमलावर हाल ही में नेपाल भी गया था. आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी कट्टरपंथी बनने की ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहा था. वो खुद को धर्म के नाम पर कुर्बानी देने वाला समझने लगा था. वह नेपाल से कोयंबटूर और लुंबिनी भी गया था. उसके पास से कई बैंकों के एटीएम कार्ड और उर्दू में लिखा साहित्य भी बरामद हुआ था.
परिवार ने खारिज कर दी आतंकी थ्योरी
आतंकी कनेक्शन के आरोपों पर अहमद मुर्तजा के परिजन का कहना था कि वो बचपन से ही मानसिक रोगी है. उसके परिवार ने पुलिस की आतंकी वाली थ्योरी को खारिज कर दिया था.
ATS और IB की टीम ने की थी पूछताछ
इस दौरान एटीएस (ATS) और आईबी (IB) की टीम ने भी आरोपी से पूछताछ की थी. क्योंकि पुलिस को उसके पास से कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे. ऐसे में जांच एजेंसियों का दावा था कि मुर्तजा का आतंकी कनेक्शन हो सकता है.
बरामद किए गए गैजेट का डाटा परिक्षण
पुलिस ने छानबीन के बाद सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी मुर्तजा आईएसआईएस (ISIS) के आतंकी और प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेंहदी मसूद के साथ संपर्क में था. यूपी पुलिस के मुताबिक, मुर्तजा ने खुद पूछताछ में यह खुलासा किया था. उस वक्त मुर्तजा की निशानदेही पर बरामद अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के डाटा का विश्लेषण किया गया, जिसमें विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे- Gmail, Twitter, Facebook आदि शामिल हैं.
बैंक खाते और लेन-देन की जांच
इसके अलावा उसके विभिन्न बैंक खातों, ई-वॉलेट के वित्तीय लेन-देन की भी जांच की गई. इससे पता चला है कि मुर्तजा सोशल मीडिया के माध्यम से ISIS लड़ाकों और ISIS समर्थकों के सम्पर्क में था. मुर्तजा ISIS प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेंहदी मसरूर के भी संपर्क में था, जिसे 2014 में बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसके अलावा मुर्तजा ने अपने अलग-अलग बैंक खातों से करीब साढ़े आठ लाख रुपये यूरोप, अमेरिका के देशों में ISIS संगठन के समर्थकों के माध्यम से आतंकी गतिविधियों के सहयोग के लिए भेजे थे.
ISIS की विचारधारा का प्रभाव
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी मुर्तजा आतंकी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचारक और ISIS संबंधित आतंकी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले जिहादी साहित्य और वीडियो से पूरी तरह प्रभावित था. अब्बासी ने 2013 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आतंकवादी प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट्स के सामने अंसार उल तौहिद (आतंकवादी संगठन) की बैयत (शपथ) ली थी, जिसका 2014 में ISIS में विलय हो गया था. मुर्तुजा ने वर्ष 2020 में ISIS संगठन की पुनः बैयत (शपथ) ली थी.
एक बाद एक खुलासा
पुलिस के बाद इस मामले की जांच एनआईए को दे दी गई थी. इसके बाद आरोपी को लेकर एक बाद एक कई खुलासे हुए. जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही मुर्तजा का आतंकी लिंक बेपर्दा होने लगा था और उसके तार गुजरात से लेकर सीमापार नेपाल तक से जुड़ रहे थे.
कई लोगों पर हमला करने की थी साजिश
आरोपी मुर्तजा इंटरनेट के माध्यम से आधुनिक हथियारों जैसे- एके47 राइफल, M4 कारबाईन, मिसाइल तकनीक आदि के आर्टिकल पढ़ता था, वीडियो भी देखता था. इसी क्रम में उसने एयर राइफल से प्रैक्टिस भी की. आरोपी ने ISIS की आतंकी तरीके से लोन वोल्फ अटैक शैली में गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर बाके से हमला किया था और उसने सुरक्षाकर्मियों की राइफल छीनने का प्रयास किया था. उसकी योजना सुरक्षाकर्मियों पर बाके से हमला कर उनके हथियार छीनकर बड़ी घटना को अंजाम देने की थी.