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मुरादाबादः कथित लव जिहाद मामले में नया मोड़, बालिग निकली लड़की, अस्पताल पर संगीन आरोप

सोमवार को नारी निकेतन में बंद लड़की की तबीयत खराब हुई. इसके बाद उसे मुरादाबाद के जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान महिला जिला अस्पताल की डॉक्टर ने उसकी जांच करने के बाद बताया था कि वह गर्भवती है.

पुलिस ने जांच के बाद लड़की को उसकी ससुराल भेज दिया है पुलिस ने जांच के बाद लड़की को उसकी ससुराल भेज दिया है
aajtak.in
  • मुरादाबाद,
  • 15 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:53 AM IST
  • पुलिस लगातार कर रही है मामले की छानबीन
  • जांच के दौरान लड़की के बारे में अहम खुलासा

यूपी के मुरादाबाद में कथित लव जिहाद और धर्म परिवर्तन मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि लड़की बालिग है और उसका निकाह जुलाई माह में हुआ था. जिले के पुलिस कप्तान के मुताबिक उस लड़की को जिला महिला अस्पताल से उसकी ससुराल भेज दिया गया है. आगे मामले की जांच चल रही है. पीड़ित लड़की का आरोप है कि उसके साथ जिला महिला अस्पताल और नारी निकेतन में बहुत बुरा व्यवहार किया गया है.

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दरअसल, सोमवार को नारी निकेतन में बंद लड़की की तबीयत खराब हुई. इसके बाद उसे मुरादाबाद के जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान महिला जिला अस्पताल की डॉक्टर ने उसकी जांच करने के बाद बताया था कि वह गर्भवती है. उसके गर्भ में बच्चा है. लेकिन उसकी जांच के लिए स्पेशल टेस्ट टीवीएस की जरूरत है.

इसी दौरान सोमवार को ही उक्त लड़की अपनी सुसराल कांठ पहुंच गई. जहां उसने बताया कि महिला अस्पताल के अंदर उसे इंजेक्शन दिया गया था. जिसके बाद उसका गर्भपात हो गया. नारी निकेतन में भी उस पर बहुत अत्याचार किया गया. 

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एएनआई के अनुसार इन आरोपों पर जिला महिला अस्पताल की डॉक्टर का कहना है कि लड़की पेट दर्द और ब्लीडिंग की शिकायत पर नारी निकेतन से मुरादाबाद के महिला अस्पताल आई थी. उसे इंजेक्शन और कुछ दवाइयां दी गई थीं. उसके बाद सोनोग्राफी कराई गई तो सोनोग्राफी में महिला के गर्भ में बच्चा मौजूद था, मगर उसकी धड़कन नहीं सुनाई दे रही थी. इसलिए उसका टीवीएस टेस्ट सजेस्ट किया गया था. उसमें महिला को हायर सेंटर रेफर करना था.

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इसके बाद महिला के परिजनों ने खुद महिला का टीवीएस टेस्ट कराने की बात कही और महिला को अपने साथ लेकर चले गए. वहीं जिला महिला अस्पताल की डॉक्टर ने पीड़िता के आरोपों को भी नकार दिया है. उनका कहना था कि महिला अस्पताल के स्टाफ ने उसके संग अच्छा व्यवहार किया. पीड़िता के आरोप सरासर गलत हैं.

 

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