
उत्तर प्रदेश के देवरिया में नौ साल पहले 16 मई 2012 को ऑन ड्यूटी दारोगा की मौत के मामले में कोर्ट ने ट्रक चालक को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने ट्रक ड्राइवर को दारोगा की हत्या का दोषी करार दिया है. देवरिया के अपर जिला जज की अदालत ने आरोपी ट्रक ड्राइवर को जानबूझकर हत्या का दोषी पाया. कोर्ट ने दोषी पाए जाने पर ड्राइवर को उम्र कैद की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने दोषी ड्राइवर पर 25 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा उदय प्रताप सिंह 12 मई 2012 को भाटपाररानी के फुलवरिया चौराहे पर ड्यूटी पर थे. शाम का समय था. एक ट्रक को संदेह होने पर उदय प्रताप सिंह रुकने का इशारा किया और गाड़ी के कागजात मांगे. ट्रक ड्राइवर और दारोगा के बीच कहासुनी हुई जिसके बाद चालक ट्रक लेकर भागने लगा.
दारोगा ने कमलेश नाम के सिपाही को बाइक पर पीछे बैठाकर ट्रक का पीछा करना शुरू कर दिया. दारोगा ने ट्रक को रोकना चाहा लेकिन चालक ने बाइक सवार दारोगा और सिपाही को कुचल दिया था. घायल दारोगा उदय प्रताप सिंह और सिपाही कमलेश को आनन फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भाटपाररानी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने दारोगा को मृत घोषित कर दिया और गंभीर रूप से घायल सिपाही को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया.
इस घटना को लेकर सिपाही मूलचंद की तहरीर पर धारा 302 के तहत केस दर्ज कर जांच हुई. 19 मई 2012 को ट्रक समेत ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ट्रक ड्राइवर हरिद्वार यादव भाटपाररानी थाना के बहियारी बघेल गांव का रहने वाला है. इस मामले में अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार मिश्रा और सहायक अपर शासकीय अधिवक्ता वीणा पाल के मुताबिक साक्ष्य में यह पाया गया कि ट्रक ड्राइवर ने जानबूझकर कुचला और हत्या की है. इस केस में अपर जिला जज संध्या श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी ट्रक ड्राइवर को उम्र कैद की सजा सुनाई है.