
यूपी में सामने आए धर्म परिवर्तन के मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं. गिरफ्तार आरोपी राहुल भोला ने करीब सात मूक बधिर छात्रों का धर्मांतरण कराया. आरोपी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान ने भी छह मूक बधिर छात्रों का धर्मांतरण कराया. कानपुर के आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण राहुल गुप्ता ने कराया था. शुरू में मन्नू यादव भी पीड़ित लग रहा था लेकिन जांच आगे बढ़ी तो वो भी आरोपी बन गया.
सवाल ये है कि गुरुग्राम का रहने वाला एक 22 साल का लड़का मन्नू यादव से अब्दुल मन्नान कैसे बन गया. धर्मांतरण गैंग ने कैसे मूक बधिर लड़के का ब्रेनवॉश कर उसके दिल-दिमाग में अपने परिवार और धर्म के खिलाफ जहर बोया. एक मां और पिता पर क्या बीत रही जो अपने बेटे को हर हाल में वापस लाना चाहते हैं. किसी भी तरह से उनका बेटा वापस आ जाए, वो बेटा जो सिर्फ साइन की भाषा ही समझता है.
यूपी एटीएस के खुलासे के बाद ये परिवार सामने आया और अपनी आपबीती बताई. परिवार का कहना था कि जब उनका बेटा साल 2017 में 10वीं की पढ़ाई कर रहा था, उस वक्त वो अपने दोस्त के साथ निजामुद्दीन के मरकज में गया था. जब परिवार को इस बात की जानकारी मिली तो परिवार के मना करने पर वो मान गया था. फिर 2020 में वह अपने दोस्त गगन, शकील, वसीम खान के जरिए धर्मांतरण गैंग के संपर्क में आया. इसी गैंग के झांसे में आकर उसने धर्म परिवर्तन कर लिया. मन्नू यादव के परिजनों के मुताबिक एक बार तो शकील ने उसे सफेद कुर्ता टोपी पहनाकर फोटो खींच उसके परिवार को भी भेजी थी.
परिजनों का कहना है कि शुरुआत में मन्नू इनके साथ चुपचाप आता-जाता था. वह घर से पूजा-पाठ करके, माथे पर तिलक लगाकर निकलता था जिससे किसी को भनक तक न लग सके लेकिन इसी साल फरवरी में परिवार को पता चल गया कि मन्नू ने धर्म परिवर्तन कर लिया है. मन्नू का सर्टिफिकेट और दाढ़ी में कई तस्वीरें भी परिवार के हाथ लग गईं. गुरुग्राम का मन्नू यादव इस तरह अब्दुल मन्नान बन गया. उसके बाद उसकी हरकतें भी बदल गईं. वो घर मे नमाज भी पढ़ने लगा और इबादत करने लगा. मन्नू ने कुर्ता पाजामा और टोपी लगाना भी शुरू कर दिया.
परिवार के विरोध पर छोड़ दिया खाना-पीना
परिवार का दावा है कि उनकी ओर से इन सबका विरोध किए जाने पर मन्नू ने खाना-पीना छोड़ दिया और घर वालों ने जब कभी सख्ती करने की कोशिश की तो हाथ की नस काटने की धमकी देना शुरू कर दिया. परिवार के मुताबिक उसके मन में घर-परिवार को लेकर नफरत भर दी गई. उसके साथ कई लड़कों का भी धर्म परिवर्तन कराया गया.
दिया गया है विदेश भेजने, अच्छी नौकरी का झांसा
मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान को अच्छी नौकरी, विदेश भेजने और प्लाट देने का झांसा दिया गया है लेकिन कोर्ट में जो शपथ पत्र दिए गए, उसमें बताया गया कि मन्नू ने बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है. परिवार का दावा शपथ पत्र के बिल्कुल उलट है. मन्नू के परिवार ने ये आरोप भी लगाए हैं कि इस टीम में कई सदस्य हैं जो कमजोर, गरीब और मूक बधिर बच्चों को टारगेट कर धर्म परिवर्तन करवाते हैं. ये काफी बड़ा नेटवर्क है.
मनु का धर्मांतरण करने के बाद काजी जहांगीर ने सर्टिफिकेट में लिखा है कि मन्नू यादव का नाम अब से अब्दुल मन्नान हो गया है. 19 साल के मन्नू यादव को धर्मांतरण का जो सर्टिफिकेट दिया गया उसके मुताबिक उसने 11 जनवरी 2021 को हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया था.
आरोपियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि काजी जहांगीर और उमर गौतम अपनी संस्था के माध्यम से जिन लोगों का भी धर्म परिवर्तन कराया करते थे, उन लोगों को भी आगे और कई लोगों का धर्म परिवर्तन करने का टारगेट दिया जाता था.
मन्नू ने भी 6 का कराया धर्मांतरण
मन्नू यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ. अब्दुल मन्नान ने भी छह मूक बधिर छात्रों का धर्मांतरण कराया. शुरू में यूपी पुलिस अब्दुल मन्नान बने मन्नू को पीड़ित मान रही थी लेकिन उसकी ओर से भी छह छात्रों का धर्मांतरण कराए जाने के खुलासे ने केस मोड़ दिया. जिस मन्नू को पुलिस पीड़ित मान रही थी, वह धर्मांतरण का आरोपी बन गया और उसकी गिरफ्तारी हो गई.
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि जैसे ही मूकबधिर छात्र हिंदू से मुस्लिम बनते थे उनकी एक एक टीम बना दी जाती थी. फिर ये टीम दूसरों को मुस्लिम बनाने में जुट जाते थे. हर एक धर्म परिवर्तन पर कराने वाले को पैसे दिए जाते थे. अब यूपी एटीएस की टीम इनके खातों को फ्रीज कर सभी लेन-देन की जांच में जुट गई है. यह भी कहा जा रहा है कि ये जिसे इस्लाम कुबूल कराते थे उसे जाकिर नाइक के वीडियोज वॉट्सएप के जरिए भेजे जाते थे.