
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक इंटर कॉलेज के जर्जर पुराने क्लासरूम में नर कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया. कॉलेज प्रशासन को इस बात का पता तब चला, जब कॉलेज के कुछ छात्र लंच टाइम में वहां जा पहुंचे. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और फोरेंसिक टीम को भी वहां बुला लिया गया. लेकिन अभी तक मृतक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. गौरतलब है कि प्रशासन ने कोरोना काल में इस इंटर कॉलेज को आश्रय स्थल बनाया था.
ये सनसनीखेज मामला वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र का है. जहां बुधवार को जेपी मेहता इंटर कॉलेज के बच्चे लंच टाइम में पुराने जर्जर क्लासरूम की तरफ जा पहुंचे. वहां एक पुराने क्लास रूम में नर कंकाल पड़ा देखकर बच्चों के होश उड़ गए. ये क्लास रूम कॉलेज परिसर के पिछले हिस्से में है. बच्चों ने देखा कि क्लास रूम की एक बेंच के नीचे किसी पुरुष का कंकाल पड़ा हुआ था. बच्चों ने फौरन कॉलेज प्रशासन को इस बात की जानकारी दी. आनन फानन में कॉलेज प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को दी.
सूचना मिलने पर कैंट थाना पुलिस ने जांच-पड़ताल के लिए फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया. टीम ने वहां से जांच के लिए नमूने जुटाए. जानकारी के मुताबिक इस कॉलेज को पिछले साल कोरोना काल में स्थानीय प्रशासन ने आश्रय स्थल बनाया था. जिसमें गरीब, बेघर और मानसिक रूप से कमजोर लोगों को यहां रखा गया था. अब सवाल है कि क्या मरने वाला उन्ही लोगों में से एक था? या हत्या के बाद किसी ने लाश को पुराने क्लास रूम में फेंक दिया था. मामला पूरी तरह से उलझा हुआ है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एके सिंह ने बताया कि कॉलेज परिसर के पीछे काफी जंगल झाड़ी है. उस जगह खेल का मैदान बनाए जाना प्रस्तावित है. इसी के चलते दो दिनों से वहां साफ-सफाई की जा रही है. बुधवार को आधी छुट्टी के वक्त कुछ बच्चे उस स्थान तक जर्जर कमरों में चले गए. जहां 5 कमरों में से एक में नर कंकाल पड़ा हुआ मिला. उन्होंने तुरंत आकर बताया. इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया.
अब उन पुराने जर्जर कमरों में कोई क्लास नहीं चलती. वो लाश कोरोना काल के वक्त की ही लग रही है. एके सिंह ने बताया कि कॉलेज को जिला प्रशासन ने कोरोना काल के दौरान आश्रय स्थल बनाया था. जहां सड़क पर रहने वाले गरीब निराश्रितों को रखा गया था. उनमें कई मानसिक विक्षिप्त लोग भी शामिल थे. उस दौरान ऐसे लोग एक दूसरे पर ईंट-पत्थर तक चला देते थे. हो सकता है यह नर कंकाल उन्ही में से किसी का हो.
उधर, कैंट थाने के प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल उस नर कंकाल का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और जरूरत पड़ी तो डीएनए टेस्ट भी कराया जायेगा. फिलहाल फोरेंसिक टीम और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.