
यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से ही बाहुबलियों, माफियाओं और अपराधियों के बुरे दिन चल रहे हैं. पहले पुलिस को एनकाउंटर की खुली छूट देने और उसके बाद कई तरह के ऑपरेशन चलाकर योगी सरकार ने अपराध पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश की है. 'ऑपरेशन मजनू', 'ऑपरेशन जिराफ', 'ऑपरेशन दृष्टि' से लेकर 'ऑपरेशन त्रिनेत्र' और 'ऑपरेशन लंगड़ा' तक अनेकों ऐसे अभियान चलाए गए, जिन्होंने अपराधियों की नाक में दम कर दिया. एक समय तो ऐसी स्थिति आ गई कि अपराधी अपनी जान बचाने के लिए खुद थाने में सरेंडर करने लगे. मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे बाहुबलियों की तो मिट्टी पलीत हो गई. अतीक ने तो अपनी हत्या से पहले खुद कहा था हम मिट्टी में मिल चुके हैं. इसी कड़ी में पिछले कुछ दिनों से एक नया अभियान शुरू हुआ है, जिसका नाम 'ऑपरेशन कन्विक्शन' है.'
'ऑपरेशन कन्विक्शन' क्या है?
अपराध होने के बाद आरोपी के दोषी साबित होने और उसे सजा मिलने तक की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है. कई केस में तो यहां तक देखा गया है कि आरोपी की सजा का ऐलान होने तक वो बुजुर्ग जाता है. कई बार कानून की खामियों का फायदा उठाकर अपराधी बच निकलते हैं. पीड़ित पक्ष भी लंबे समय तक इंसाफ की आस में बैठा रहता है. इसी समस्या से निपटने के लिए यूपी सरकार ने 'ऑपरेशन कन्विक्शन' की शुरूआत की है. इसके तहत सूबे के सभी 75 जिलों में होने वाले रेप, हत्या, लूट, डकैती, धर्मांतरण और गोकशी जैसे 20 प्रमुख अपराधों का शामिल किया गया है. इस अपराध से जुड़े मामलों में तेजी से जांच खत्म करके 30 दिनों के अंदर सजा दिलाने की बात कही गई है. यूपी डीजीपी विजय कुमार के मुताबिक, पुलिस अपराधियों के खिलाफ जल्द चार्ज फ्रेम करके 30 दिन के भीतर सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
3 महीने में 10 हजार को सजा
यूपी सरकार का 'ऑपरेशन कन्विक्शन' अभी तक सफल दिख रहा है. इसकी गवाही यूपी पुलिस के द्वारा पेश किए गए आंकड़े दे रहे हैं. इसके मुताबिक, तीन महीने के अंदर 10 हजार से अधिक अपराधियों को सजा हो पाई है, वो भी रिकॉर्ड 30 दिनों के अंदर हुआ है. इस मामले में नोएडा पुलिस सबसे आगे रही है. इसके बाद क्रमश: सहारनपुर, अलीगढ़, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, आगरा, अमरोहा, मुजफ्फरनगर और बाराबंकी का स्थान है. डीजीपी विजय कुमार के मुताबिक, ''इस ऑपरेशन के तहत 3 महीने में 10487 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इस अवधि में 10 अपराधियों को फांसी की सजा भी दिलाई गई है, जिसमें दो आतंकी शामिल हैं. इस तरह 10 दोषियों को सजा-ए-मौत, 1142 को उम्रकैद, 189 को 20 साल जेल, 722 को 10 साल जेल और 8424 को 1 से 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है.
योगी के चहेते अफसर को कमान
'ऑपरेशन कन्विक्शन' की कमान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के चहेते पुलिस अफसर को दी गई है. एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल इस अभियान के नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. उनको बेहद काबिल अफसर माना जाता है. गोरखपुर में तैनाती के दौरान योगी से उनकी नजदीकियां बढ़ी थी. सीएम उनकी कार्यशैली से बहुत खुश रहते थे. गोरखपुर में उन्होंने एक सरकारी स्कूल को गोद लेकर उसे कॉन्वेंट स्कूल जैसा बना दिया था. इतना ही नहीं वो इस स्कूल में पढ़ाने भी जाया करते थे. इसके अलावा कानपुर में तैनाती के दौरान उन्होंने एक अपराधी की अनाथ बेटी को गोद लेकर मिसाल कायम कर दी. दिलचस्प बात ये है कि कई मासूम बच्चों को अगवा करने वाले उस सिरफिरे अपराधी के खिलाफ मोहित ने ही ऑपरेशन किया था. उनके नेतृत्व में यूपी पुलिस की टीम ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया था.
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यूपी में अपराधियों के हौसले पस्त
इस ऑपरेशन की वजह से अपराधियों के हौसले धीरे-धीरे पस्त होने वाले हैं. इसके त्वरित से ज्यादा दूरगामी परिणाम दिखने वाले हैं. यदि केस स्टडी के तौर पर किसी एक जिले को ले, तो स्थिति ज्यादा स्पष्ट हो जाएगी. उदाहरण के लिए फर्रुखाबाद में इस अभियान की वजह केवल एक महीने में 180 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इनमें रेप और पॉक्सो जैसे मामले भी हैं, जिनमें दोषियों को मौत से लेकर उम्रकैद तक की सजा हुई है. फर्रुखाबाद के एसपी विकास कुमार के मुताबिक, पुलिस द्वारा कोर्ट में अपराधियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य पेश करने की वजह से अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिली है. इस ऑपरेशन के तहत जिले में सक्रिय अपराधियों के गैंग को भी चिन्हित किया जा रहा है. इनके खिलाफ मुकदमों की विवेचना में तेजी लाकर उनको न्यायालय द्वारा शीघ्र ही सजा दिलाने का काम भी हो रहा है.