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यूपी के रामपुर में 5 करोड़ की नशीली दवाएं जब्त, 11 गिरफ्तार

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने बताया कि पिछले साल इसी तरह का एक गिरोह आगरा में भी पकड़ा गया था. इन लोगों के तार भी वहीं से जुड़ रहे हैं. ये आगरा से दवाएं लाते थे और मार्केट प्राइस से कम या अधिक प्राइस में बेचा करते थे.

भारी मात्रा में नशीली दवाओं के साथ 11 गिरफ्तार भारी मात्रा में नशीली दवाओं के साथ 11 गिरफ्तार
आमिर खान
  • रामपुर,
  • 19 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST
  • खंडहर बन चुके भवन से चल रहा था कारोबार
  • आगरा से जुड़े हैं तार, उत्तराखंड में भी कारोबार

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में नशे की बड़ी खेप बरामद हुई है. रामपुर जिले के शहजादनगर थाने की पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया. इस दौरान भारी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद हुई हैं. बरामद दवाओं की कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये बताई जा रही है. पुलिस और एसओजी ने इस मामले में 11 लोगों को भी गिरफ्तार किया है.

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जानकारी के मुताबिक रामपुर में एसओजी और शहजादनगर थाने की पुलिस को नशीली दवाओं की तस्करी के संबंध में सूचना मिली थी. पुलिस ग्राम दुर्गनगला फाटक के पास चेकिंग कर रही थी कि इसी दौरान एक बाइक सवार आ रहा था. उसे रुकने का इशारा किया तो वह अपनी बाइक पीछे मोड़कर भागने लगा. पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया. उसके कब्जे से पांच पेटी नशीली दवाएं बरामद हुईं. पकड़े गए आरोपी का नाम सोनू कश्यप बताया जा रहा है.

पुलिस के मुताबिक पकड़े सोनू से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने ये नशीली दवाएं ग्राम दुर्गनंगला से नेशनल हाईवे को जाने वाली सड़क के किनारे खंडहर हो चुकी बिल्डिंग से बिलासपुर लेकर जाने की जानकारी दी. पुलिस और एसओजी की टीम ने सोनू के बताए स्थान पर तत्परता दिखाते हुए छापेमारी की और 10 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही कई गाड़ियों को भी अपने कब्जे में ले लिया.

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पुलिस ने बताया कि इस मामले में सोनू कश्यप, संजीव चौधरी, लखपत, सतीश गुप्ता, प्रवेश, राजेश, सुरेश, राहिद, जितेंद्र, लवली उर्फ आदित्य और नमन गुप्ता को पकड़ा गया है. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने बताया कि पिछले साल इसी तरह का एक गिरोह आगरा में भी पकड़ा गया था. इन लोगों के तार भी वहीं से जुड़ रहे हैं. ये आगरा से दवाएं लाते थे और मार्केट प्राइस से कम या अधिक प्राइस में बेचा करते थे. इनका कारोबार उत्तराखंड तक भी फैला था. इन दवाओं का बाजार मूल्य सवा करोड़ रुपये है जबकि ये जिस रेट से बेच रहे थे, उसके हिसाब से इनकी कीमत करीब पांच करोड़ है.

 

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