
उत्तराखंड को दहला देने वाले अंकिता भंडारी मर्डर केस को 90 दिन यानी तीन महीने पूरे होने जा रहे हैं. 23 दिसंबर को ये वक्त पूरा होने जा रहा है. इस मामले की जांच के दौरान कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जिन्होंने सबको हैरान कर दिया. मगर अभी भी कई ऐसे सवाल बाकी हैं, जिनका जवाब पुलिस अभी तक नहीं दे पाई है. इसी तरह से अभी उस वीआईपी के नाम का खुलासा होना भी बाकी है, जिसके बारे में मुख्य आरोपी ने अंकिता से बताया था.
500 पन्नों की चार्जशीट
इस हत्याकांड की जांच के दौरान कई ऐसे मोड़ आए, जब लगा कि इस केस का मुख्य आरोपी कोई वीआईपी है, जिसके नाम का खुलासा जल्द हो जाएगा. इस केस में उत्तराखंड पुलिस की एसआईटी लगातार जांच कर रही है. इस हत्याकांड की जांच में 86 दिन का वक्त लगा और अब एसआईटी ने जिला न्यायालय कोटद्वार में 500 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल कर दी है.
100 गवाहों के बयान
86 दिन की जांच पड़ताल के बाद जो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है, उसमें 100 गवाहों के बयान शामिल हैं. जिनमें 35 गवाह काफी अहम माने जा रहे हैं. इसके साथ फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट, डिजिटल एविडेंस, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और तमाम साक्ष्यों के साथ यह चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई है.
कौन है वीआईपी?
इस हत्याकांड में जिस वीआईपी का जिक्र पुलकित ने अंकिता से चैट के दौरान किया था, उसके नाम और भूमिका को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं, वहीं इस मामले की जांच करने वाली एसआईटी और उत्तराखंड पुलिस दावा कर रही है कि वे इस केस में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं और विवेचना के आधार पर जो साक्ष्य और गवाह सामने आए हैं, उनके जरिए अभियुक्तों को सज़ा दिलाने में मदद मिलेगी.
उत्तराखंड पुलिस का दावा
उत्तराखंड के एडीजी (कानून व्यवस्था) और प्रवक्ता वी. मुरुगेशन ने जानकारी देते हुए बताया कि तीनों आरोपियों को 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था. नियमानुसार पुलिस के पास चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का समय था. इससे पहले ही 86 दिन की विवेचना में 100 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. मुख्य गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष भी दर्ज कराए गए हैं. फोरेंसिक जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को चार्जशीट में शामिल किया गया है. सुनवाई के बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट अलग से दाखिल की जाएगी.
अभी तक अधूरे हैं सबूत!
जहां तक इस मामले से जुड़े सबूतों की बात की जाए तो अभी तक जांच में जुटी एसआईटी और पुलिस को ना तो अंकिता भंडारी का मोबाइल फोन मिला है और ना ही पुलकित का. जबकि इस मामले में इन दोनों के मोबाइल फोन एक अहम सबूत हो सकते हैं. जिनसे अहम सुराग भी बरामद हो सकते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर मृतका और आरोपी के मोबाइल फोन कहां हैं? पुलिस उन्हें तलाश क्यों नहीं कर पाई?
दोस्त के बयान दर्ज
कत्ल के इस संगीन मामले की छानबीन के दौरान एसआईटी को पता चला कि 16 सितंबर को जब पुष्पदीप वंतरा रिजॉर्ट में रुका था तो उसके साथ उसका एक दोस्त भी वहां रुका था. उसका बयान और गवाही भी रिकॉर्ड कर ली गई है. इसके साथ ही दीप के मोबाइल की भी जांच एफएसएल में की गई है.
नहीं हुआ था अंकिता का रेप
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है कि कत्ल से पहले अंकिता भंडारी का बलात्कार नहीं हुआ था.
अभी बाकी हैं कई सवाल
अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े कई सवाल ऐसे भी हैं, जिनका जवाब अभी तक पुलिस ने नहीं दिया है. मसलन-
- वह वीआईपी कौन था? 19 तारीख को जो गेस्ट हाउस आने वाला था?
- अंकिता हत्याकांड के खुलासे के बाद वंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर किसने चलवाया था? और अंकिता के कमरे पर ही बुलडोजर क्यों चलाया गया?
- अंकिता का दोस्त पुष्प दीप 16 सितंबर को रिजॉर्ट में क्यों रुका था? और अंकिता की लगातार शिकायतों के बाद भी उसने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की?
अभी तक की जांच में पुलिस लगातार यह कह रही है कि जिस वीआईपी का बार-बार जिक्र हो रहा है, वह कोई नहीं बल्कि एक वीआईपी सुइट है. और 19 तारीख को जो गेस्ट वीआईपी सुइट में आने वाले थे, उनसे भी पूछताछ कर ली गई है. उनकी शिनाख्त भी पुष्प दीप से करवा ली गई है.
अब इस मामले में 22 दिसंबर को कोर्ट के फैसले के बाद तय होगा कि पकड़े गए तीनों आरोपियों का नार्को टेस्ट होगा या नहीं.