Advertisement

आंखें फोड़कर डाला था तेजाब, निर्भया जैसी दरिंदगी... तीनों आरोपी सुप्रीम कोर्ट से बरी, फिर गुनहगार कौन?

रोज की तरह उस दिन भी देर शाम को छावला की रहने वाली 19 साल की रोशनी (बदला हुआ नाम) गुरुग्राम से काम खत्म कर बस से घर वापस लौट रही थी. उसे अंदाजा भी नहीं था कि आगे एक अनहोनी उसका इंतजार कर रही थी.

सामूहिक बलात्कार के बाद रोशनी को बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था सामूहिक बलात्कार के बाद रोशनी को बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

Chhawla Rape Case: देश की सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली के छावला रेप केस में 10 साल बाद तीनों दोषियों को बड़ी राहत देते हुए रिहा कर दिया. अब ऐसे में सवाल उठता है कि अगर तीनों दोषी रिहा हो गए तो छावला की 'निर्भया' के साथ हद दर्जे की हैवानियत को किसने अंजाम दिया था? निर्भया कांड से पहले की ऐसी घटना थी, जिसमें एक लड़की के साथ इस कदर दरिंदगी की गई थी, जिसे सुनकर किसी भी इंसान का कलेजा कांप जाए. आज हम आपको बताने जा रहे हैं, उसी रोंगटे खड़े कर देने वाली खौफनाक वारदात की कहानी. 

Advertisement

9 फरवरी 2012

यही वो दिन था, जब एक खौफनाक वारदात ने पूरे सूबे को हिलाकर रख दिया था. रोज की तरह उस दिन भी देर शाम को छावला की रहने वाली 19 साल की रोशनी (बदला हुआ नाम) अपने कुछ दोस्तों के साथ गुड़गांव से काम खत्म कर बस से घर वापस लौट रही थी. उसे अंदाजा भी नहीं था कि आगे एक अनहोनी उसका शिद्दत से उसका इंतजार कर रही थी. कुछ देर बाद वो बस से उतरी और तेज़ कदमों से घर की तरफ पैदल ही चलने लगी. तभी पीछे से एक लाल रंग की इंडिका कार ने उसका रास्ता रोक लिया. कार में सवार तीन बदमाशों रोशनी को जबरन पकड़कर कार में खींच लिया और उसे अगवा कर अपने साथ ले गए.

घरवालों को सता रही थी चिंता
काम पर जाने के लिए रोशनी घर से तो सही वक्त पर निकली थी. लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके घरवालों को चिंता सताने लगी. परिजन उसकी तलाश में जुट गए. उन्होंने उसे कई जगह तलाश किया. जहां वो काम करती थी, वहां भी पता किया. लेकिन रोशनी की कोई खबर घरवालों को नहीं मिली. काफी खोजबीन करने के दौरान उन्हें इतना ज़रूर पता चला कि कुछ अज्ञात बदमाश जबरन एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर की तरफ जाते हुए देखे गए हैं.

Advertisement

दिल्ली पुलिस ने बताई थी मजबूरी
रोशनी के घरवालों को किसी अनहोनी की आशंका सता रही थी. उसके पिता एक मामूली गार्ड की नौकरी करते थे. वो बेटी को लेकर बेहद परेशान थे. इसके बाद उन लोगों ने दिल्ली पुलिस से मदद लेने का फैसला किया. पुलिस को फोन किया गया तो करीब घंटेभर से ज्यादा की देरी से पुलिस मौके पर पहुंची. जहां पीड़ित परिवार ने पुलिस को सारी घटना के बारे में बताया. लेकिन उस वक्त वे हैरान रह गए जब दिल्ली पुलिस के कारिंदों ने उनसे कहा कि संदिग्ध बदमाशों को ढूंढ़ने के लिए उनके पास गाड़ी उपलब्ध नहीं है.

रोशनी को अगवाकर हरियाणा ले गए थे आरोपी
उधर, रोशनी को अगवा कर ले जाने वाले बदमाशों ने अपनी कार हरियाणा की तरफ दौड़ा दी थी. जैसे-जैसे वक़्त गुजर रहा था, वैसे-वैसे रोशनी के साथ चलती कार में ज्यादती बढ़ती जा रही थी. बदमाश अंदरुनी रास्तों से होते हुए दिल्ली से हरियाणा जा पहुंचे. तीनों आरोपी वहीं के रहने वाले थे उन्हें कई दूसरे रास्तों का पता था. वहां पहुंचकर सबसे पहले तीनों ने एक दारु के ठेके से शराब खरीदी और फिर कार को एक सुनसान जगह पर ले जाकर शराब पीते हुए रोशनी के साथ दरिंदगी करने लगे. 

Advertisement

बारी-बारी से किया था बलात्कार
उन्होंने पहले उसके कपड़े फाड़ दिए और फिर बारी-बारी से उसके साथ तीनों ने बलात्कार किया. तीनों दरिंदों ने उस लड़की के जिस्म को नोंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उसके जिस्म को कई जगह से दातों से काटा गया. वो दरिंदों से रहम की भीख मांगती रही, लेकिन उन पर हवस का ऐसा भूत सवार था कि वो तीनों सुनने के तैयार नहीं थे. एक तरफ दारु का नशा और दूसरी तरफ हवस का भूत. तीनों लड़के हैवान बन गए थे.

पानी पिलाने के बाद कत्ल की तैयारी
दरिंदगी की यह दास्तान यहीं खत्म नहीं होती. पीड़िता रोशनी रेप से बदहवास हो चुकी थी. वो दरिंदों से पीने के लिए पानी मांग रही थी, तो पहले तो तीनों उसे कहीं से लाकर पानी पिलाया लेकिन इसके बाद उनमें से एक आरोपी ने लड़की को मार डालने का आइडिया दिया. इसके बाद तीनों की हैवानियत फिर से जाग उठी. आरोपियों ने उस लड़की को जिस घड़े से पानी पिलाया था, सबसे पहले वही घड़ा उठा कर उसके सिर पर दे मारा.

सिर पर पाना और जैक से किए थे वार
इसके बाद तीनों ने रोशनी के साथ जो कुछ किया, उसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. तीनों में से एक आरोपी मुड़ा और गाड़ी से लोहे का पाना और जैक निकालकर लाया. इन्हीं औजारों से उन्होंने रोशनी के सिर पर कई ज़ोरदार वार किए. पहले ही वार से वो जमीन पर गिर कर तड़पने लगी लेकिन उन दरिदों को उस पर रहम नहीं आया. उन्होंने एक के बाद एक उस लड़की पर ना सिर्फ कई वार किए, बल्कि उसकी पहचान छुपाने का तरीका भी सोच लिया.

Advertisement

प्राइवेट पार्ट समेत जिस्म को गर्म औजार से दागा था
रोशनी बेइंतहा दर्द और दरिंदगी की वजह से अब बेहोश हो चुकी थी. उसका जिस्म खून से सना हुआ था. कातिल दरिंदों ने उसे जला कर बदशक्ल करने के लिए गाड़ी के साइलेंसर से दूसरे औजारों को गर्म कर उसके जिस्म को जगह-जगह दाग दिया. यहां तक कि उसके प्राइवेट पार्ट को भी जलाया गया. मगर इसके बाद भी दहशत की इंतहा अभी बाकी थी. 

बीयर की बोतल फोड़कर काटा था जिस्म
इसके बाद आरोपियों ने बीयर की बोतल फोड़ी और उससे लड़की के पूरी जिस्म को तब तक काटते रहे, जब तक वो मुर्दा जिस्म में तब्दील नहीं हो गई. उसके प्राइवेट पार्ट में भी टूटी बोतल घुसा दी थी. उन दरिदों ने लड़की की आंखें फोड़कर उनमें कार की बैटरी का तेजाब भर दिया था. पुलिस के सामने खुद आरोपियों का कुबूलनामा यह कहता है कि उन्होंने तसल्ली के लिए कई वार तो उस पर उसकी मौत के बाद भी किए थे और फिर लाश को मौके पर ही छोड़ कर भाग निकले थे. 

रेवाड़ी के सुनसान इलाके में मिली थी लाश
तीनों दरिंदों ने इस वारदात को हरियाणा के रेवाड़ी में अंजाम दिया था. लिहाजा लड़की की लाश भी पुलिस ने वहीं से बरामद की थी. जब लाश का पोस्टमॉर्टम कराया गया था तो उसकी रिपोर्ट भी लड़की के साथ की गई दरिंदगी की गवाही दे रही थी. उसके जिस्म को दागा गया था. शरीर पर बीयर की टूटी बोतल से चीरे लगाए थे. आंखों को फोड़कर उनमें एसिड डाला गया था, गुप्तांगों को गर्म औजारों से जलाया गया था और उसमें शराब की बोतल डाल दी गई थी.

Advertisement

ऐसे पकड़ में आए थे तीनों आरोपी
पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि तीनों दरिंदे हरियाणा के ही रहने वाले थे. जिनकी पहचान रवि, राहुल और विनोद के तौर पर की गई थी. ये तीनों ही कार ड्राइवर थे. पुलिस ने उनकी मोबाइल फोन लोकेशन और कार की पहचान करके तीनों को एक-एक धरदबोचा था.

पुलिस ने बताया था रेयरस्ट ऑफ रेयर केस
दिल्ली पुलिस ने भी मामले को 'रेयरस्ट ऑफ रेयर' बताते हुए दोषियों के लिए फांसी की मांग की थी, जबकि बचावपक्ष ने दोषियों उम्र और सामाजिक हालात देखते हुए उन्हें उम्रकैद सुनाने की अपील की थी. दोषियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2), 302, 363 और 201 के तहत आरोप दर्ज किए गए थे. रोशनी के मां-बाप ने भी तीनों दोषियों को फांसी दिए जाने की मांग की थी.

अदालत ने दी थी फांसी की सजा
दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने छावला से अगवा की गई रोशनी नेगी के मामले में गंभीर रूख अपनाया था. कोर्ट ने 13 फरवरी 2014 को तीन आरोपियों को दोषी ठहराया था. यह मामला निर्भया कांड जैसा ही वहशियाना था. लिहाजा, अदालत ने तीनों दरिंदों को इस संगीन जुर्म के लिए फांसी की सजा सुनाई थी. जब यहा मामला हाई कोर्ट पहुंचा था, तो दरिंदों को फांसी की सजा बरकरार रही थी.

Advertisement

7 नवंबर 2022 - दोषी रिहा
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा दोषियों को दी गई फांसी की सजा को पलट दिया. इस मामले में निचली अदालत और हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. दिल्ली के छावला इलाके में उतराखंड की रहने वाली 19 वर्षीय लड़की से गैंगरेप और हत्या के तीनों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement