
NEET परीक्षा में सॉल्वर के जरिए वाराणसी से लेकर बिहार, दिल्ली और त्रिपुरा तक सैकड़ों नाकाबिल अभ्यर्थियों को डॉक्टर बनाने की जुगत में जुटे पीके उर्फ नीलेश की वाराणसी पुलिस को पूरी कुंडली मिल गई है. सालों से नीट परीक्षा में सेंधमारी करने वाले नीलेश की तस्वीर और उसके घर तक वाराणसी पुलिस पहुंच चुकी है. फिलहाल नीलेश फरार है लेकिन इस धंधे में शामिल उसके करीबियों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
पीके उर्फ नीलेश, नीट परीक्षा में यूपी-बिहार, दिल्ली से लेकर त्रिपुरा तक सॉल्वर गैंग का सरगना है. 7 दिन पहले तक पीके और नीलेश के नाम के अलावा वाराणसी पुलिस इस गैंग सरगना के बारे में कुछ नहीं जानती थी लेकिन 7 दिन के अंदर वाराणसी पुलिस ने मास्टरमाइंड की पूरी कुंडली निकाल ली है.
नीलेश, बिहार के छपरा जिले एकमा थाना क्षेत्र के चंदवा गांव का रहने वाला है. वर्तमान में पटना की पाटलिपुत्र कॉलोनी में अपने परिवार के साथ पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश रहता है. पटना में 4 मंजिला आलीशान मकान, महंगी गाड़ियों का काफिला रखने वाला जालसाज पीके खुद को डॉक्टर बताता है. पहली बार पुलिस के रडार पर आया पीके उर्फ नीलेश अब अपने परिवार के साथ फरार हो गया है.
फोटो मिक्सिंग वाला शख्स भी पुलिस की गिरफ्त में
पुलिस ने पटना के उस फोटो स्टूडियो वाले को भी दबोचा है जो सॉल्वर और अभ्यर्थी की फोटो मिक्स कर हाइब्रिड फोटो तैयार कर रहा था. गिरफ्तार हुआ राजू को एक फोटो मिक्सिंग का 2000 रुपया दिया जाता था. पीके ने सॉल्वर और असल अभ्यर्थियों को टारगेट करने के लिए अलग टीमें बना रखी थी. जिसमें पटना का विकास महतो केजीएमसी का डॉक्टर ओसामा शाहिद बिहार का बबलू त्रिपुरा का देबु शामिल है.
पिता के खाते में लेता था नकल की रकम
यह लोग जरूरतमंद सॉल्वरों को तलाश करते, 1 सॉल्वर को 5 लाख रुपये दिया जाता था, जबकि परीक्षा पास करने के लिए अभ्यार्थियों से 25 से 30 लाख रुपये लिए जाते थे. बीते कई सालों से सैकड़ों अभ्यर्थियों को सॉल्वर गैंग के जरिए डॉक्टर बना चुका पीके इस धंधे में हो रही कमाई की रकम अपने पिता केवीएन सिंह के खाते में लेता था.
पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश सॉल्वर गैंग को बेहद शातिराना ढंग से चला रहा था. यही वजह थी कि अब तक ना तो पीके पकड़ा गया और ना ही पीके के बारे में कोई जानकारी या फोटो पुलिस के पास थी. बीते सप्ताह नीट परीक्षा के दौरान बीएचयू से बीडीएस सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही जूली महतो, हिना विश्वास के जगह पर परीक्षा दे रही थी. उस हिना विश्वास के बारे में भी वाराणसी पुलिस ने अहम जानकारी जुटाई है.
हिना और उसके पिता को बुलाया था वाराणसी
पीके ने हिना विश्वास और उसके दवा व्यवसायी पिता को परीक्षा से 1 दिन पहले दिल्ली बुलाया था. दिल्ली में दोनों के बीच मीटिंग हुई और फिर परीक्षा वाले दिन बाप-बेटी वाराणसी के उस सेंटर तक पहुंच गए जहां पर सॉल्वर बनकर जूली महतो, हिना विश्वास की जगह परीक्षा दे रही थी. पुलिस को शक है कि 3 लाख रुपए लेकर सॉल्वर से परीक्षा पास कराने वाले पीके उर्फ नीलेश ने हिना और उसके पिता को वाराणसी के सेंटर तक सिर्फ इसलिए बुलाया ताकि पकड़े जाने पर हिना विश्वास कह सकें कि उसने वाराणसी सेंटर पर परीक्षा दी थी और जिसकी तस्दीक उसका मोबाइल लोकेशन अपने आप कर देता.
फिलहाल वाराणसी पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से पटना और छपरा में छापेमारी की तो पीके उर्फ नीलेश तो फरार हो गया लेकिन वाराणसी पुलिस को अब उसकी तस्वीर हासिल हुई है. वाराणसी पुलिस कमिश्नर सतीश गणेश ने आज तक को बताया कि जिस गैंग सरगना को आज तक किसी ने देखा ही नहीं उसकी तस्वीर हासिल होना हमारे लिए अहम सुराग है. हमने पीके उर्फ नीलेश की तस्वीर को जारी किया है ताकि इसकी तलाश में आम लोगों की भी मदद ली जा सके व दूसरे लोग इसकी जालसाजी में फंसने से बच सकें.