
Wanted Terrorist Tarsem Singh Sandhu Arrest: मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमला करने और अन्य आतंकी मामलों के सिलसिले में वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकवादी तरसेम सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. इस काम के लिए सीबीआई ने एनआईए के साथ मिलकर काम किया. तरसेम के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. उस आतंकी को NIA की टीम एक सुरक्षा मिशन के ज़रिए अबू धाबी से वापस भारत लाई और शुक्रवार की सुबह दिल्ली पहुंचने पर उसे सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया.
सीबीआई ने एनआईए के अनुरोध पर ही 13 नवंबर, 2023 को इंटरपोल जनरल सचिवालय से कहकर वॉन्टेड आतंकी तरसेम सिंह के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया था. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने पीटीआई को बताया कि ये रेड नोटिस उसके आतंकी अपराधों और आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए जारी कराया गया था, जिनमें वो वांछित था. आरोपी के स्थान और गिरफ्तारी के लिए रेड नोटिस सभी इंटरपोल सदस्य देशों को प्रसारित किया गया था.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि तरसेम सिंह नामित आतंकवादी लखबीर लांडा का भाई है. वो बब्बर खालिस्तान इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकवादी संगठन का एक प्रमुख सदस्य है और यूएई में नामित आतंकवादियों हरविंदर संधू उर्फ रिंदा और लखबीर सिंह उर्फ लांडा का एक महत्वपूर्ण आतंकी नोड है. अन्य मामलों के अलावा, वह मई 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस के एक कार्यालय पर आरपीजी हमला करने के मामले में भी वांछित था.
उसकी गिरफ्तारी शुरू में नवंबर 2023 में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस के तहत अबू धाबी में की थी और शुक्रवार को प्रत्यर्पित किया गया था. आतंकी तरसेम सिंह हरविंदर संधू उर्फ रिंदा और लखबीर सिंह उर्फ लांडा के भारत में मौजूद सहयोगियों को आतंकी फंड की व्यवस्था करने और उन्हें मुहैया कराने में सक्रिय रूप से शामिल था. आरोप है कि तरसेम सिंह ने कई मार्गों के माध्यम से आतंकी फंड के चैनलाइजेशन में भी मदद की.
एनआईए ने उसे 20 अगस्त, 2022 को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैसे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बीकेआई और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के प्रमुखों/सदस्यों की आतंकी गतिविधियों के संबंध में बुक किया था, जिन्होंने पूरे भारत में आतंकी संचालकों का एक बड़ा नेटवर्क बनाया है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि ये संगठन सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी की तस्करी करने के लिए आतंकवादी संगठनों और संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों/संचालकों के माध्यम से काम कर रहे हैं. एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि वे भारतीय धरती पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के लिए मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली, हवाला कारोबार का इस्तेमाल कर रहे हैं.