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वेस्ट यूपी का 'छोटा शकील', सुंदर भाटी गैंग से रंजिश, 60 से ज्यादा केस... कौन था गैंगस्टर अनिल दुजाना?

कुख्यात अनिल नागर गौतमबुद्ध नगर में दादरी क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था. वह पिछले करीब 3 दशकों से जरायम की दुनिया में सक्रिय था. उस पर हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूटपाट, रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने, बलवा, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर अधिनियम और एनएसए के तहत दर्जनों केस बादलपुर थाने में दर्ज हैं.

एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात अनिल दुजाना एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात अनिल दुजाना
राहुल चौहान
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

वेस्ट यूपी में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना एक एनकाउंटर में ढेर हो गया. यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को मेरठ में अनिल दुजाना को मार गिराया. उस पर 18 मर्डर समेत 60 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे. अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आतंक का पर्याय माना जाता था. कुख्यात का असली नाम अनील नागर था, जो कि ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था. 

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दरअसल, अनिल पिछले महीने यानी अप्रैल की 10 तारीख को ही तिहाड़ जेल से रिहा हुआ था. जेल से बाहर आते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं. उसने एक कारोबारी को भी धमकी दी थी. इसको लेकर नोएडा पुलिस ने पिछले दिनों ही दो मामले दर्ज किए थे. तभी से नोए़डा पुलिस को बदमाश की तलाश थी. इसके लिए नोएडा पुलिस की कई टीमें अलग-अलग इलाकों में कुख्यात की तलाश कर रही थी.

3 दशकों से जरायम की दुनिया में सक्रिय था अनिल

कुख्यात अनिल नागर गौतमबुद्ध नगर में दादरी क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था. वह पिछले करीब 3 दशकों से जरायम की दुनिया में सक्रिय था. उस पर हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूटपाट, रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने, बलवा, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर अधिनियम और एनएसए के तहत दर्जनों केस बादलपुर थाने में दर्ज हैं. वह यूपी के टॉप 65 माफियाओं की लिस्ट में भी शामिल था.

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पश्चिमी यूपी का छोटा शकील कहलाता था अनिल दुजाना

बता दें कि अनिल दुजाना पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर नरेश भाटी का करीबी और शूटर था. अदावत की लड़ाई के चलते कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी ने नरेश भाटी की हत्या करा दी थी. इसके बाद नरेश भाटी गैंग की कमान अनिल दुजाना संभालने लगा था. वह हत्या, फिरौती, डकैती, जमीन कब्जा और सुपारी लेकर हत्या करने का काम करने लगा. उसने सुंदर भाटी से बदला लेने के लिए AK 47 से हमला भी किया था, हालांकि तब सुंदर भाटी बच गया था. इसके बाद से ही अनिल दुजाना पश्चिम यूपी के अपराध जगत में छोटा शकील के नाम से प्रसिद्ध हो गया. 

सुंदर भाटी से ऐसे शुरू हुई दुश्मनी

90 के दशक में पश्चिमी यूपी में कभी महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर की अदावत के चलते आए दिन गैंगवार सामने आती थी. तब सुंदर भाटी और  नरेश भाटी सतबीर गुर्जर के गुर्गे थे. लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की चाह में सुंदर भाटी और नरेश भाटी आमने-सामने आ गए. हालांकि नरेश भाटी चुनाव जीत गया. इससे नाराज सुंदर भाटी ने 2004 में नरेश भाटी की हत्या कर दी थी. तब इस हत्याकांड का बदला लेने के लिए नरेश के भाई रणदीप भाटी और भांजे अमित कसाना ने दुजाना को अपने साथ शामिल किया. यही वो समय था जब गाजियाबाद से साहिबाबाद स्थित भोपुरा में 2011 नवंबर में सुंदर भाटी के साले की शादी के दौरान तीनों ने एक-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे. हालांकि सुंदर भाटी बच निकला था.

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सुंदर भाटी ने अनिल के भाई की करा दी थी हत्या

2011 में हुए तिहरे हत्याकांड में अनिल दुजाना जनवरी 2012 में पकड़ा गया था. तब वह जेल से ही अपने गैंग को चलाने लगा. इस दौरान रणदीप भाटी और अमित कसाना उसकी मदद कर रहे थे. फिर कुछ साल बाद जनवरी 2014 में सुंदर भाटी गैंग ने दुजाना के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें अनिल के भाई जय भगवान की मौत हो गई. इस मामले में अनिल के पिता ने सुंदर भाटी समेत आठ लोगों को नामजद कराया था. दुजाना गैंग ने इस हत्या का बदला लेने के लिए सुंदर के गुर्गे राहुल का मर्डर कर दिया था.

कौन है कुख्यात सुंदर भाटी?

एक जमाने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जरायम की दुनिया का सबसे खतरनाक नाम सुंदर भाटी था. यूपी पुलिस से लेकर दिल्ली और हरियाणा पुलिस के लिए वह चुनौती था. ग्रेटर नोएडा के गंगोला का रहने वाला सुंदर भाटी कभी गाजियाबाद के लोनी इलाके के गैंगस्टर सतवीर गुर्जर का खास हुआ करता था. पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट, मारपीट के 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. भाटी को बीते साल ही हरेंद्र प्रधान की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वर्तमान में वह सोनभद्र जेल में बंद है. 

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जमीनी विवाद को लेकर अनिल दुजाना को बनाया दामाद

गौरतलब है कि फरवरी 2019 में गैंगस्टर अनिल दुजाना ने ग्रेटर नोएडा की सूरजपुर कोर्ट में ही बागपत की पूजा से सगाई की थी. इसके बाद फरवरी 2021 को जमानत पर बाहर आने के बाद उसने पूजा से शादी कर ली थी. तब ये दावा किया गया था कि अनिल दुजाना की पत्नी पूजा के पिता लीलू का बागपत में राजकुमार नाम के व्यक्ति से 40 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था और इस राजकुमार ने अपनी दो बेटियों की शादी गाजियाबाद के कुख्यात हरेंद्र खड़खड़ी और उसके भाई से कर दी थी. यही कारण था कि पूजा के पिता ने अपनी बेटी की शादी अनिल दुजाना से कराई.

जब पत्नी चुनाव लड़ने मैदान में उतरी

अनिल दुजाना की पत्नी पूजा नागर ने 2021 के जिला पंचायत चुनाव में ऐलान किया था. तब उसने गौतमबुद्ध नगर के जिला पंचायत वार्ड नंबर 2 से मैदान में उतरने का फैसला किया था, इसके लिए नामांकन पत्र भी खऱीदा जा चुका था. कुख्यात की पत्नी के मैदान में उतरने से अन्य उम्मीदवारों में खौफ था. इसी बीच अनिल दुजाना पर गवाह को धमकी देने का आरोप लगा और उसके खिलाफ धमकी देने का केस दर्ज हो गया. बदमाश पर शिकंजा कसता देख उसकी पत्नी पूजा ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. इससे पहले हुए पंचायत चुनाव में कुख्यात अनिल दुजाना ने भी इसी वार्ड (वार्ड नंबर 2) से चुनाव लड़ा था.

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