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सिंडिकेट बैंक घोटाला: 100 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति सीज

नोटबंदी के दौरान काली कमाई के बाद अब राजस्थान में बेनामी संपत्ति के रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है. राजस्थान के सिंडीकेट बैंक के 2800 करोड़ रुपये के घोटाले के एक आरोपी के 104 करोड़ की बेनामी संपत्ति सीज की गई है. इनमें से 39 शोरूम तो जयपुर के मशहूर वर्ल्ड ट्रेड पार्क में हैं. सिंडीकेट बैंक में 386 फर्जी खाते खोलकर उनके नाम से लोन लेकर 50 से ज्यादा बेनामी संपत्तियों के खरीदने का खुलासा अबतक हो गया है.

बेनामी संपत्ति के रैकेट का बड़ा खुलासा बेनामी संपत्ति के रैकेट का बड़ा खुलासा
मुकेश कुमार/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 30 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

नोटबंदी के दौरान काली कमाई के बाद अब राजस्थान में बेनामी संपत्ति के रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है. राजस्थान के सिंडीकेट बैंक के 2800 करोड़ रुपये के घोटाले के एक आरोपी के 104 करोड़ की बेनामी संपत्ति सीज की गई है. इनमें से 39 शोरूम तो जयपुर के मशहूर वर्ल्ड ट्रेड पार्क में हैं. सिंडीकेट बैंक में 386 फर्जी खाते खोलकर उनके नाम से लोन लेकर 50 से ज्यादा बेनामी संपत्तियों के खरीदने का खुलासा अबतक हो गया है.

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जयपुर के इस मशहूर ट्रेड पार्क में दुनिया के सभी महंगी और लग्जरी ब्रांड के शोरूम मौजूद हैं. इनमें से एक साथ 39 शोरूम अकेले सिंडिकेट बैंक के घोटाले के मास्टरमाइंड भरत बंब का है. ईडी ने इसके 104 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पता लगाया है, जयपुर, दिल्ली और उदयपुर के बड़े मालों में हैं. भरत बंब उदयपुर का सीए हैं, जो बैंक के अधिकारियों और उद्योगपतियों के साथ मिलकर बैंक में गबन का खेल खेल रहा था.

इसका खुलासा तब हुआ जब सिंडिकेट बैंक के 1118 करोड़ के रुपये का भुगतान डूब गया. बैंक ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि जिन 386 बैंक खातों में लोन दिए गए हैं वो सब फर्जी हैं. वर्ल्ड ट्रेड पार्क को 78 करोड़ का इन्हीं फर्जी खातों से भुगतान किया गया था. इसको लेकर माल मालिक से भी पूछताछ की गई है. सीबीआई और ईडी के सूत्रों के अनुसार सैकड़ों करोड़ की बेनामी संपत्ति कोलकता और इंदौर में खरीदी गई है.

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दरअसल फर्जी कागजात के अलावा बैंक अधिकारियों ने बंब के साथ मिलकर बैंक के ग्राहकों के हीं डाक्यूमेंट इस्तेमाल कर फर्जी खाते खोल रखे थे. इसमें रोजाना 5-6 करोड़ का लेनदेन हो रहा था. इनमें जयपुर के उद्योगगपति शंकर खंडेलवाल समेत कई लोग शामिल थे. इसके बाद में मामला जब 2800 करोड़ तक के गबन पहुंचा तो जांच सीबीआई को दी गई. इसमें तीन बैंक अधिकारियों, तीन कारोबियों और सीए भरत बंब को गिरफ्तार हैं.

सीबीआई की मानें तो उदयपुर और जयपुर के सिंडिकेट बैंक में अबतक 400 से ज्यादा फर्जी खाते पकड़े जा चुके हैं. एक दर्जन लोगों की गिरफ्तारी अभी और हो सकती है. इस पूरे मामले में सिंडिकेट बैंक के दिल्ली के तत्कालीन महाप्रबंधक सतीश कुमार, जयपुर के रिजलन महाप्रबंधक संजीव कुमार, एम आई रोड के महाप्रबंधक देशराज मीणा, मालवीय के महाप्रबंधक आदर्श मनचंदा और उदयपुर के महाप्रबंधक अवधेश तिवारी के खिलाफ केस दर्ज था.

 

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