
बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई के साथ ही बिहार में एक बड़े खेमे में जश्न है. हत्या के मामले में हाई कोर्ट से दोषी करार दिए जा चुके शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा किया गया है. मगर 11 साल बाद जेल से बाहर निकलने के बाद भी शहाबुद्दीन के तेवर बरकरार हैं. जानिए शाहबुद्दीन के रिहा होने की दस खास बातें-
- माफिया डॉन और बाहुबली नेता शाहबुद्दीन को शनिवार की सुबह करीब आठ बजे भागलपुर जेल रिहा किया गया. पूर्व सांसद की अगवानी करने के लिए उनके हजारों समर्थक जेल के बाहर जुटे थे.
- जेल से बाहर आते ही शहाबुद्दीन जब आज तक से मुखातिब हुए तो उन्होंने सीधे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि वे नितिश को अपना नेता कभी नहीं मानते. उनके नेता केवल लालू प्रसाद यादव हैं.
- 11 साल की जेल के बाद खुली हवा में सांस लेने वाले बाहुबली शहाबुद्दीन के दामन पर भले ही जुर्म के कई दाग हैं. लेकिन जेल से बाहर निकलते वक्त उन्होंने सफेद रंग का कुर्ता पायजामा पहन रखा था.
- जेल के बाहर आते ही बाहुबली को समर्थकों ने घेर लिया. हजारों समर्थक शहाबुद्दीन की एक झलक पाने के लिए उतावले दिखाए दे रहे थे. कई समर्थक फूल मालाएं लेकर आए थे. जो उन्होंने शाहबुद्दीन को पहनाईं और जो नहीं पहना सके, उन्होंने उनकी कार पर ही मालाएं फेंक दी.
- मोहम्मद शाहबुद्दीन सैंकडो गाड़ियों के काफिले के साथ भागलपुर जेल से अपने गृह क्षेत्र सीवान के लिए रवाना हुए. उनके काफिले में महागठबंधन के कई विधायक भी शामिल हुए. इसके अलावा शाहबुद्दीन के साथ काफिले में कई राजद नेताओं के शामिल होने की भी उम्मीद है.
- शाहबुद्दीन के रिहा होने से पहले ही बांका की बेलहर विधानसभा सीट से विधायक गिरधारी यादव ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था कि शहाबुद्दीन शनिवार सुबह आठ बजे भागलपुर सेंट्रल जेल से रिहा होंगे. उनके काफिले में 1300 गाड़ियां शामिल होंगी. और शनिवार की सुबह बिल्कुल ऐसा ही हुआ.
- उधर पूरे सिवान में समर्थकों ने जश्न की तैयारी की गई. भागलपुर से सिवान तक 376 किलोमीटर तक का सफर करीब 6 घंटे में पूरा हुआ. रास्ते में जगह-जगह उनका स्वागत किया गया.
- पूर्व सांसद के लंबे काफिले की वजह से कई जगह पर जाम लग गया. रास्ते में जहां जहां भी उनका काफिल रुका हर तरफ रास्ते जाम हो गया. उनके समर्थकों ने कई जगह आतिशबाजी भी की.
- शाहबुद्दीन के सताए लोगों के घरों में मातम पसरा है. कई लोगों को डर सता रहा है कि एक घर के तीन बेटों का कत्ल करने वाला कहीं उन्हें भी अपना शिकार न बना ले.
- बताते चलें कि 2005 में सत्ता में आते ही नीतीश ने शहाबुद्दीन पर नकेल कसी थी. पूरे 11 साल वह जेल में बंद रहा लेकिन 39 मामलों में जेल की हवा खाने वाले आरजेडी के पूर्व सांसद को जमानत मिलना एक संयोग माना जा रहा है. हालांकि लोग इसे सत्ता से जोड़कर भी देख रहे हैं.