
मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. पकड़े गए चार आरोपियों से पुलिस ने 8 लाख के नकली नोट, एक स्कैनर, कम्प्युटर और प्रिंटर भी जब्त किया है. ये गिरोह किराए के जिस कमरे में नकली नोट छाप रहे थे, वो दुनिया भर में मशहूर महाकाल ज्योतिर्लिंग क्षेत्र में पड़ता है.
उज्जैन एसपी एमएस वर्मा के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि उज्जैन-बड़नगर रोड पर दो लड़के 2000 रुपये के नकील नोट के साथ बाइक पर जा रहे हैं. बताए गए हुलिए के आधार पर पुलिस ने जब दो लड़कों को पकड़ा तो उनके पास से एक ही नंबर के 2000 के दो नकली नोट मिले. पुलिस ने उनसे पूछताछ शुरू किया.
इसके बाद पता चला कि दोनों युवक नाबालिग हैं. सूरज नाम के एक शख्स ने इनको 2000 रुपये का नकली नोट खपाने के लिए दिया था. सूचना के आधार पर पुलिस ने सूरज और उदय नाम के लड़कों को पकड़ा. उन्होंने बताया कि गिरोह में ललित, मयंक और कमलेश नाम के लड़के भी शामिल हैं. पुलिस ने उनके ठिकाने पर छापा मारा.
पुलिस के मुताबिक, गिरोह के दूसरे आरोपी लवित तिवारी, मयंक मोड और कमलेश राठौर फिलहाल फरार है. उनकी तलाश जारी है. इनमें से मयंक उज्जैन के एक फोटो स्टूडियो में काम करता है. नकली नोट छापने के लिए किस पेपर का इस्तेमाल करना है, उसने ही सबको बताया था. पुलिस पता कर रही है कि इन्होंने नकली नोट कहां खपाए हैं.
बताते चलें कि इससे पहले मध्यप्रदेश के शहडोल और ग्वालियर में भी पुलिस नकली नोटों के साथ आरोपियों को पकड़ चुकी है. हैरानी की बात ये है कि तीनों ही जगहों पर 2000 रुपये के नकली नोट बनाने का काम एक ही तरीके से हो रहा था. उज्जैन में जिस कमरे में ये गलत धंधा हो रहा था, वो महाकाल ज्योतिर्लिंग क्षेत्र में पड़ता है.