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दिल्लीः 48 घंटे, तीन हमले, दो मौत और लापरवाह पुलिस

पिछले 48 घंटों में महिलाओं पर हमले की तीन ऐसी वारदातें सामने आई हैं, जिन्होंने दिल्ली पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया है. तीनों ही मामलों में हमलावर काफी समय से महिलाओं को परेशान कर रहे थे. पुलिस को इस की बात जानकारी भी थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने समझौते की आड़ में अपनी बला को टाल दिया. नतीजा ये हुआ कि दो महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

तीनों मामलों में पुलिस ने लापरवाही बरती है तीनों मामलों में पुलिस ने लापरवाही बरती है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

पिछले 48 घंटों में महिलाओं पर हमले की तीन ऐसी वारदातें सामने आई हैं, जिन्होंने दिल्ली पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया है. तीनों ही मामलों में हमलावर काफी समय से महिलाओं को परेशान कर रहे थे. पुलिस को इस की बात जानकारी भी थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने समझौते की आड़ में अपनी बला को टाल दिया. नतीजा ये हुआ कि दो महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

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पहला मामला
दिल्ली के बुराड़ी में करुणा को जिस बेरहमी से कत्ल किया गया, उसे देखकर दिल्लीवालों के होश फाख्ता हो गए. मंगलवार को लेबर चौक के पास 34 साल के सुरेंद्र ने 21 साल की करुणा पर कैंची से 22 वार किए और सड़क पर सरेआम उसका बेरहमी से कत्ल कर दिया. इस दौरान करुणा की चचेरी बहन नेहा भी उसके साथ थी. वो मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन कोई सुरेंद्र को रोकने के लिए नहीं आया. कोई सोच भी नहीं सकता था कि सुरेंद्र नामक व्यक्ति अपनी माशूका को सरेआम इस तरह से कत्ल कर देगा. 2012 से ही दोनों एक दूसरे को जानते थे. दोनों के बीच संबंध भी रहे. लेकिन बाद में करुणा ने सुरेंद्र से दूरी बना ली थी. इस बीच वह उसे परेशान करता रहा. करीब 6 माह पहले करुणा के घरवालों ने पुलिस से शिकायत की. मगर पुलिस ने मुकदमा लिखने के बजाय दोनों पक्षों में समझौता करा कर खानापूर्ति कर दी. जिसका नतीजा ये हुआ कि करूणा को मौत के घाट उतार दिया गया.

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दूसरा मामला
बुराड़ी हत्याकांड से पहले साउथ-वेस्ट दिल्ली के इंद्रपुरी में भी एक ऐसी ही खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया. जहां लक्ष्मी नामक एक विवाहित महिला को सरेराह चाकू से गोद दिया गया. इस वारदात को अंजाम दिया 30 वर्षीय संजय कुमार नाम के शख्स ने. लक्ष्मी जब अपने काम से वापस लौट रही थी तो उसने रास्ते में उसे रोक लिया और उससे बात करने की कोशिश करने लगा. लक्ष्मी ने जब उसे इनकार किया तो संजय ने आपा खो दिया और चाकू निकाल कर एक के बाद एक लक्ष्मी के पेट पर वार किए. लक्ष्मी लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ी. जब उसे अस्पताल ले जाया गया डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. दरअसल संजय कुमार पिछले डेढ़ साल से लक्ष्मी को परेशान कर रहा था. इस संबंध में लक्ष्मी के पति ने पुलिस को 3 जनवरी 2015 और 2 अक्टुबर 2015 को शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने यहां भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय समझौता कराया और अपनी जिम्मेदारी से हाथ धो लिया. जिसका खामियाजा लक्ष्मी को अपना जान देकर भुगतना पड़ा.

तीसरा मामला
दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रहने वाली 21 साल की वो लड़की पेशे से ब्यूटीशियन है. करीब डेढ़ साल पहले उसकी दोस्ती फेसबुक पर हरियाणा के रोहतक निवासी अमित से हो गई थी. इसके बाद दोनों के बीच व्हाट्सएप पर चैटिंग होने लगी. फिर एक दिन अमित नामक उस युवक ने युवती के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, मगर युवती ने उसे इनकार कर दिया. इसके बाद लड़की ने उस लड़के से दूरी बना ली. मंगलवार की शाम अमित अपनी बड़ी बहन और एक लड़के के साथ लड़की के घर पहुंच गया और जबरन उससे शादी की जिद करने लगा. लड़की ने फिर मना कर दिया तो वह लड़की से एक लाख रुपये की मांग करने लगा. इनकार कर देने पर अमित ने अपनी बहन के साथ मिलकर लड़की को घर की बालकनी से नीचे फेंक दिया. तीन मंजिल से नीचे गिरकर लड़की के हाथ, पांव और मुंह में फ्रेक्चर हो गया. हालांकि लोगों ने आरोपी और उसकी बहन को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में भी पुलिस को पहले शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुए कार्रवाई का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लिया था. जिसकी वजह से वो लड़की आज इस हालत में पहुंच गई.

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...तो बच जाती दो जिंदगी
दिल्ली पुलिस भले ही महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के दावे करती हो लेकिन हकीकत इन तीन घटनाओं से सबके सामने उजागर हो गई है. पुलिस ने तीनों शिकायतों को गंभीरता से लेने की बजाय अपनी जान छुड़ाने की कोशिश की. और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बजाय समझौता कराने पर जोर दिया. अगर पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की होती तो शायद आज करुणा और लक्ष्मी जिंदा होतीं.

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