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मुरथल केस: एमिकस क्यूरी ने कहा- हुए थे 9 गैंगरेप, जांच CBI को सौंपी जाए

सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर मुरथल गैंगरेप मामले की जानकारी देने के लिए विजय वर्धन को गाली देने और बेइज्जत करने का आरोप लगाया था. अनुपम गुप्ता ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुरथल में हुए गैंगरेप मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है.

मुरथल मामले पर हुआ था काफी प्रोटेस्ट मुरथल मामले पर हुआ था काफी प्रोटेस्ट
मनजीत सहगल/अंकुर कुमार
  • चंडीगढ,
  • 13 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा मुरथल गैंगरेप मामले में एमिकस क्यूरी बनाए गए सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 22 और 23 फरवरी 2016 की रात को मुरथल में 9 गैंग रेप हुए थे. गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि प्रकाश सिंह जांच आयोग के सदस्य और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी विजय वर्धन में उन्हें बताया था कि मुरथल में कम से कम 9 गैंगरेप हुए थे.

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सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर मुरथल गैंगरेप मामले की जानकारी देने के लिए विजय वर्धन को गाली देने और बेइज्जत करने का आरोप लगाया था. अनुपम गुप्ता ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुरथल में हुए गैंगरेप मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है.

सुनवाई के दौरान अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी के सदस्य आईएएस विजय वर्धन को गैंगरेप की जानकारी हरियाणा के पूर्व डीजीपी केपी सिंह ने दी थी, लेकिन विजय वर्धन ने कोर्ट में इस जानकारी के होने से इनकार कर दिया था. इससे साबित होता है कि वह किसी न किसी दबाव में काम कर रहे थे. अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि मुरथल गैंगरेप मामले को लेकर हरियाणा सरकार का रुख नकारात्मक है और सरकार यह साबित करने में लगी हुई है कि मुरथल में कोई दुष्कर्म हुआ ही नहीं.

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हरियाणा पुलिस के मुताबिक मुरथल गैंगरेप मामले में अभी तक कोई पीड़ित सामने नहीं आया है ऐसे में जांच आगे नहीं बढ़ रही है. गुप्ता ने सुखदेव ढाबा के मालिक अमरीक सिंह का उदाहरण देते हुए बताया कि उसे घटना की पूरी जानकारी थी, लेकिन उसने  जांच कर रहे एसआईटी के सदस्यों को कुछ भी नहीं बताया. अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि एक ओर जहां राज्य सरकार मुरथल गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई से करवाने का विरोध कर रही है, वहीं दूसरी और जाट आंदोलन के दौरान आग के हवाले किए गए सरकार के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर और मुनक नहर में की गई तोड़फोड़ के मामलों की जांच CBI के हवाले कर चुकी है.

अनुपम गुप्ता ने हाई कोर्ट को बताया है कि मुरथल गैंगरेप मामले सहित जाट आंदोलन के दौरान कुल 1212 FIR दर्ज की गई थी, लेकिन इनमें से सि‍र्फ 921 मामलों की अंतरिम रिपोर्ट तैयार की गई है, 184 मामलों में रिपोर्ट तैयार ही नहीं है. पुलिस केवल 172 लोगों को गिरफ्तार कर पाई थी और अब तक सिर्फ 81 मामलों में चालान पेश किया गया है 1105 मामलों को अनअटेंडेड श्रेणी में रखा गया है.

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