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दिल्ली में हैवानियत का शिकार हुए बच्चे की मौत, 13 दिन से जिंदगी और मौत से जूझ रहा था मासूम

दिल्ली पुलिस का कहना है कि 22 सितंबर की दोपहर करीब 3.10 बजे एलएनजेपी अस्पताल से सीलमपुर थाने में सूचना मिली थी कि 3 दिन पहले एक 12 साल के लड़के पर शारीरिक हमला किया गया है, उसे यहां भर्ती कराया गया है. आनन-फानन में पुलिस टीम अस्पताल पहुंची और बच्चे के माता-पिता से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया. बच्चा डॉक्टर्स की निगरानी में था.

दिल्ली में दरिंदगी का शिकार बच्चे की अस्तपाल में मौत हो गई. दिल्ली में दरिंदगी का शिकार बच्चे की अस्तपाल में मौत हो गई.
हिमांशु मिश्रा/सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

उत्तर पूर्वी दिल्ली में बीते दिनों जिस 12 साल के लड़के के साथ हैवानियत की गई थी, उसकी 13 दिन बाद मौत हो गई है. ये बच्चा दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल में एडमिट था. बच्चे के साथ तीन नाबालिगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दी थी. इस घटना के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पुलिस से जवाब तलब किया था और बच्चे के बारे में जानकारी शेयर की थी.

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बताया गया कि शनिवार सुबह बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. वारदात 18 सितंबर की है. आरोपियों में एक चचेरा भाई भी था. इस मामले में सीलमपुर थाने में केस दर्ज हुआ था. पुलिस ने तीन नाबालिग आरोपियों को पकड़ा था. एक आरोपी फरार चल रहा है.

'आरोपियों को मिले सख्त सजा,' बेटे को दर्द में बिलखते देख बोली मां

बच्चे की मां ने आजतक से बातचीत की है और बेटे के दर्द की कहानी बयां की. उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को 12 साल के नाबालिग बेटे को उसके साथी खेलने के बहाने घर से लेकर गए थे. जब बेटा वापस आया तो वह रो रहा था और खून से लथपथ था. बेटे को रोता देख मां भी रोने लगी और बार-बार उससे पूछा कि क्या हुआ- तुझे इतनी चोट कैसे लगी? किसने तुझे मारा. मां तो बेटे की शक्ल देखकर कर ही जान लेती है कि उसके साथ कुछ हुआ है. अपने साथ हुई हैवानियत को बेटे सोनू (परिवर्तित नाम) ने छिपा लिया और मां को बताया कि तीन लड़कों ने उसको खूब मारा पीटा है.

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शर्मिंदगी की वजह से तीन दिन घर में नहीं बताया

3 दिन तक अपनी शरीर के दर्द को सहता रहा और उस मानसिक दर्द को भी जिसने एक बार फिर दिल्लीवालों को निर्भया कांड की याद दिला दी, लेकिन जब तीन दिन यानी 21 सितंबर को जब सोनू की तबीयत खराब होने लगी तो मां और घर वालों ने भी पूछा, तब सोनू ने बताया कि आरोपियों ने उसके प्राइवेट पार्ट्स के साथ हैवानियत की. मां ने बताया कि जब बेटा घर आया था, तब उसका पूरा मुंह तक गंदा था. उसकी तबीयत लगातार खराब हो रही थी. कुछ खाना भी नहीं खा पा रहा था.

बेटे को तड़पता देख पुलिस को खबर की

दरअसल, उसके साथ वो किया गया जो निर्भया के साथ हुआ था. ये सुनकर उसकी मां फूट-फूट कर रोने लगी. बेटे को दर्द में तड़पता देख तुरंत पुलिस को कॉल किया. पुलिस एलएनजेपी अस्पताल लेकर गई, जहां सोनू 13 दिन तक आईसीयू में भर्ती रहा. लगातार उसके परिवार वाले स्वस्थ होने की दुआएं कर रहे थे.

मां बोलीं- बेटे को मिले इंसाफ

सोनू की मां ने बताया कि उनका बेटा शास्त्री पार्क इलाके में पुलिया के पास स्कूल में पढ़ने जाता था. मां ने बताया कि उनके बेटे के साथ जिन लोगों ने हैवानियत की, उनकी पहचान भी कर ली है. बेटे को तड़पता देखकर मां ने कहा था कि अगर मुझे ये पहले पता होता कि उसके साथ हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया है तो मैं 18 तारीख को पुलिस को फोन कर देती, लेकिन 3 दिन बाद बेटे ने मुझे बताया जिसके बाद मैंने पुलिस को जानकारी दी. सोनू की मां चाहती हैं कि उनके बेटे को इंसाफ मिले और जो आरोपी हैं उनक सख्त से सख्त सजा मिले.

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मां की काउंसिलिंग की, तब पता चला

पुलिस का कहना था कि परिवार ने 24 सिंतबर तक बयान नहीं दिया था, जबकि जांच अधिकारी नियमित रूप से संपर्क में रहे. 24 सितंबर को पुलिस ने 'सखी' से काउंसलर की व्यवस्था की और बच्चे की मां की काउंसलिंग की गई. इस दौरान बच्चे की मां ने खुलासा किया कि तीन दिन पहले यानी 18 सितंबर को उसके बेटे को तीन दोस्तों ने शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उसके साथ दुष्कर्म किया गया है. मां के बयान के आधार पर 24 सितंबर को पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की. आरोपी पड़ोसी में रहते, एक चचेरा भाई जांच के दौरान सामने आया कि पीड़ित और कथित आरोपी पड़ोसी और दोस्त हैं और वे हम उम्र 10-12 साल के हैं. आरोपितों में से एक पीड़ित बच्चे का संबंधी (चचेरे भाई) है. साथ ही ये लोग एक ही समुदाय से आते हैं और न्यू सीलमपुर झुग्गी के रहने वाले हैं. 

 

 

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