
सीबीआई की विशेष अदालत ने वित्तीय लाभ के लिए अनेक एनजीओ को मनमाने ढंग से एफसीआरए नोटिस जारी करने के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी आनंद जोशी को जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश विनोद कुमार ने 50 हजार रूपये के निजी बॉन्ड और समान राशि के दो मुचलके पेश करने पर आनंद जोशी को राहत प्रदान की. न्यायाधीश ने कहा कि आरोप संगीन हैं लेकिन आरोपित को अनिश्चित काल के लिए जेल में नहीं डाला जा सकता. यह विचार करते हुए कि वह फरार नहीं होगा, आरोपित को जमानत प्रदान की जाती है.
अदालत ने जोशी पर जमानत की कई शर्तें लगाई और आगाह किया कि अगर सीबीआई कोई शिकायत करती है कि वह किसी एनजीओ या गवाह से संपर्क करने या उनको प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो अदालत जमानत रद्द कर देगी.
अदालत ने जोशी को उस वक्त तक गाजियाबाद और दिल्ली से नहीं जाने का निर्देश दिया जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती. कोर्ट ने अधिकारी को अपना पासपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपने के लिए कहा है.
बहरहाल, अदालत ने कहा कि किसी आपात स्थिति में वह अदालत से पूर्व अनुमति ले कर रांची जा सकते हैं, जहां उनके माता-पिता रहते हैं. अदालत ने कहा कि वह किसी गवाह को प्रभावित करने या जांच से गुजर रहे किसी एनजीओ से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे.