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आज तक इम्पैक्ट: फर्जी पासपोर्ट मामले में दिल्ली पुलिस का ASI सस्पेंड

आजतक की खास पड़ताल ने फर्जी नागरिकों को असल पासपोर्ट जारी किए जाने के इस खतरनाक खेल का पर्दाफाश किया है. राजधानी दिल्ली में आज तक की टीम ने एक ही पते पर जारी तीन पासपोर्ट की पड़ताल की. तीनों पासपोर्ट दिल्ली के हुमायूंपुर गांव के एक पते पर जारी किए गए थे.

फर्जी पासपोर्ट रैकेट मामले में बड़ा खुलासा फर्जी पासपोर्ट रैकेट मामले में बड़ा खुलासा
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 10:37 AM IST

फर्जी पासपोर्ट रैकेट मामले में आज तक न्यूज चैनल पर खबर दिखाए जाने के बाद दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दशरथ सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. दशरथ सिंह दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच में तैनात था. उनके पास ही पासपोर्ट वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी थी. फर्जी पासपोर्ट बनाने वाला रैकेट धड़ल्ले से दिल्ली में कारोबार कर रहा है. चंद रुपयों के लिए अफगानी, नेपाली और बांग्लादेशियों तक को पासपोर्ट मुहैया कराए जा रहे हैं.

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आजतक की खास पड़ताल ने फर्जी नागरिकों को असल पासपोर्ट जारी किए जाने के इस खतरनाक खेल का पर्दाफाश किया है. राजधानी दिल्ली में आज तक की टीम ने एक ही पते पर जारी तीन पासपोर्ट की पड़ताल की. तीनों पासपोर्ट दिल्ली के हुमायूंपुर गांव के एक पते पर जारी किए गए थे. पारू शर्मा, मनीषा दूबे और बरखा यादव के नाम से ये पासपोर्ट दिल्ली पासपोर्ट दफ्तर से पिछले साल 2015 में जारी किए गए थे.

पारू शर्मा
पिता का नाम- राम प्रसा शर्मा
पता- के-77, हुमायूंपुर विलेज, दिल्ली

मनीषा दूबे
पति का नाम- अभिषेक दूबे
पता- के-77 हुमायूंपुर विलेज, दिल्ली

बरखा यादव
पति का नाम- विनोद यादव
पता- के-77, हुमायूंपुर विलेज, दिल्ली

तीनों पासपोर्ट का पता एक है, के-77 हुमायूंपुर विलेज. इस पासपोर्ट के कागजों को देखकर फर्जीवाड़े का पता नहीं चला. लेकिन जब टीम ने मौके पर जाकर पते की असलियत जांची तो साफ हो गया कि पता गलत है. मौके पर के-77, हुमायूंपुर गांव के नाम से कोई पता मौजूद ही नहीं है. हुमायूंपुर गांव के कई लोगों से पूछताछ की गई, तो पता चला कि ये पता ही गलत है. इसी तरह नेपाली नागरिकों ने भी गलत नाम-पते से पासपोर्ट हासिल कर लिया है.

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हुमायूंपुर गांव से आगे आजतक की टीम ने रुख किया दिल्ली के कुछ दूसरे इलाकों की ओर. यहां के नाम पते पर पासपोर्ट दफ्तर ने बगैर किसी पड़ताल के ही पासपोर्ट जारी किए हैं. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में ए-209 नंबर के नाम पूरे पांच पासपोर्ट अफगानिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए हैं. वहां इस पते पर मिली बिल्डिंग अभी भी बन रही है. इस नाम के लोग कभी भी यहां नहीं रहे हैं. इस बात की तस्दीक वहां के लोगों ने की है.

राज सिंह
ए- 209, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली

हरजीत कौर
ए- 209, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली

चाहत सिंह
ए- 209, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली

करन सिंह
ए- 209, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली

बुनीत सिंह
ए- 209, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली

सवाल है कि आखिर जो बिल्डिंग बीते 4 सालों से बन रही है, वो कैसे पांच लोगों के पते का जरिया बन गई. कैसे पासपोर्ट दफ्तर ने बगैर पुलिस की जांच रिपोर्ट और लोकल इंटेलीजेंस से पड़ताल कराए पासपोर्ट जारी किए. इन सवालों को जब दिल्ली रीजनल पासपोर्ट दफ्तर में रखा गया, तो उनका जवाब हैरान करने वाला मिला. अफसरों ने इन सवालों को खारिज करते हुए एक लाइन में बात पूरी कर ली कि कोई नई बात नहीं है.

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