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बिहारः शराब रखने वाला हुआ रिहा और पकड़ने वाला गया जेल

बिहार में जेडीयू नेता इंद्रजीत सेन के घर से बरामद शराब मामले में उत्पाद विभाग के निरीक्षक दिलीप कुमार को ही गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं इस मामले में पूर्व मुखिया सुबेंद्र प्रसाद को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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सुजीत झा/राहुल सिंह
  • नालंदा,
  • 04 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:20 AM IST

बिहार में जेडीयू नेता इंद्रजीत सेन के घर से बरामद शराब मामले में उत्पाद विभाग के निरीक्षक दिलीप कुमार को ही गिरफ्तार कर लिया गया. इतना ही नहीं दिलीप कुमार के साथ-साथ पूर्व मुखिया सुबेंद्र प्रसाद को भी जेडीयू नेता को फंसाने के आरोप में जेल भेज दिया गया.

'सैंया भये कोतवाल तो फिर डर काहे का' कुछ इसी तरह का नजारा बिहार के नालंदा में बना हुआ है. दरअसल यहां शराब पकड़ने गए अधिकारी को ही जेल में डाल दिया गया हैं. इस पूरी कहानी की शुरूआत होती है जेडीयू नेता इंद्रजीत सेन के घर से. दरअसल उत्पाद विभाग के निरीक्षक दिलीप कुमार ने 30 अगस्त को कथित जेडीयू नेता के घर पर छापा मारा.

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निरीक्षक दिलीप कुमार को जेडीयू नेता के घर से विदेशी शराब की 168 बोतलें बरामद हुई. शराब बरामदगी के बाद इंद्रजीत सेन को गिरफ्तार तो कर लिया गया था, लेकिन उन्हें जेल नहीं भेजा गया था. जेडीयू नेता की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने नालंदा में उत्पाद विभाग के कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया था.

वहीं सरकार पर दबाव बनाने के लिए समर्थकों ने मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र हरनौत में भी सड़क जाम की थी. जिसके बाद प्रशासन ने पूरे मामले की जांच नालंदा के जिलाधिकारी को सौंपी थी. जिलाधिकारी ने अपनी जांच में जेडीयू नेता इंद्रजीत सेन को निर्दोष करार देते हुए निरीक्षक दिलीप कुमार और पूर्व मुखिया सुबेंद्र प्रसाद पर जेडीयू नेता को साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया.

रिपोर्ट के सामने आते ही निरीक्षक दिलीप कुमार और लोहरा पंचायत के पूर्व मुखिया सुबेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. मामले के तूल पकड़ते ही बीजेपी सरकार विरोधी मोर्चे पर आ खड़ी हुई. बीजेपी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नालंदा के डीएम और एसपी जेडीयू के एजेंट के रुप में काम कर रहे हैं.

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नालंदा के दौरे पर आए बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी इस मामले में सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर जेडीयू नेता को बचाने की खातिर साजिशन उत्पाद विभाग के निरीक्षक दिलीप कुमार को बलि का बकरा बनाया गया.

उन्होंने आगे कहा कि जिले में कथित डीएम और एसपी के रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच हरगिज नहीं हो सकती. पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की जांच मुख्य सचिव या फिर डीजीपी स्तर के किसी अधिकारी से कराए जाने की मांग की.

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