
राजस्थान के अलवर थानागाजी गैंगरेप केस में फैसले की घड़ी आ गई है. कल यानी मंगलवार को अदालत इस मामले में फैसला सुनाएगी. इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है. अलवर में एक विशेष अदालत इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाएगी.
बता दें कि ये मामला 2 मई 2019 का है. एक दलित पति-पत्नी अलवर थानागाजी रोड़ पर मोटरसाइकिल से थानागाजी की ओर जा रहे थे. तभी एक एकांत स्थान में आरोपियों ने पीड़ित परिवार की मोटरसाइकिल रुकवा दी और पीड़िता को खींचकर एकांतस्थान में ले गए.
पीड़िता का आरोप है कि यहां पर 5 दरिंदों ने उनके साथ गैंगरेप किया, इस दौरान बदमाशों ने वीडियो भी बनाए. घटना के दौरान बदमाशों ने पीड़िता के पति को उसके सामने ही बांध रखा था.
एक अभियुक्त ने घटना को रिकॉर्ड करने के बाद इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. इस घटना को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की काफी निंदा हुई थी. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसमें पीड़िता का चेहरा स्पष्ट रूप से नजर आ रहा था.
कई अधिकारियों पर गिरी थी गाज
इस घटना के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने SHO, DSP, ACP और SP को हटा दिया था. अफसरों पर आरोप है कि जब पीड़िता केस दर्ज कराने के लिए थाने आई तो पुलिस अधिकारियों ने FIR दर्ज नहीं की.
पीड़िता को पुलिस कॉन्स्टेबल की नौकरी
बाद में राज्य सरकार ने मानवीय आधार पर पीड़िता को कॉन्स्टेबल की नौकरी दी. इस मामले में 18 मई 2019 को थानागाजी पुलिस ने पांच आरोपियों अशोक, इंद्रराज, महेश, हंसराज और छोटेलाल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी.
पुलिस ने इन पर गैंगरेप, डकैती, धमकी देने का आरोप लगाया था. इस घटना में पुलिस ने आरोपी मुकेश पर रेप के वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आरोप लगाया था.