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जेल में हनीप्रीतः मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोए, बड़ी चोट खायी....

अंबाला की जेल में बंद हनीप्रीत इंसा मधुबाला की तरह ज़ंजीरों में तो नहीं जकड़ी है, लेकिन वो कैदी बनकर मुहब्बत की झूठी कहानी पर रो रही है. अंबाला सेंट्रल जेल की ऊंची-ऊंची दीवारों के बीच हनीप्रीत को कैद कर दिया गया है. अब रात और दिन हनीप्रीत रोती रहती है और शायद यही कहती रहती है कि मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोए...

हनीप्रीत, उसे लेकर बनाई जा रही कहानियों पर रोती है हनीप्रीत, उसे लेकर बनाई जा रही कहानियों पर रोती है
परवेज़ सागर/मनजीत सहगल
  • अंबाला,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:43 PM IST

अंबाला की जेल में बंद हनीप्रीत इंसा मधुबाला की तरह ज़ंजीरों में तो नहीं जकड़ी है, लेकिन वो कैदी बनकर मुहब्बत की झूठी कहानी पर रो रही है. अंबाला सेंट्रल जेल की ऊंची-ऊंची दीवारों के बीच हनीप्रीत को कैद कर दिया गया है. अब रात और दिन हनीप्रीत रोती रहती है और शायद यही कहती रहती है कि मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोए...

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हनीप्रीत का कहना है 'मुझे समझ में नहीं आता, बाप-बेटी के रिश्तों को उछाला, एक बाप-बेटी का पवित्र रिश्ता होता है, एक बाप बेटी के रिश्ते को इतना तार तार किया, इन्हें क्या सबूत मिला, जो रिश्तों के तार-तार कर दिया.'

डेरे में हनीप्रीत और राम रहीम के बीच में क्या था, वो ज़माने को समझाने की कोशिश तो बहुत कर रही है, लेकिन हनीप्रीत की हर कहानी मनगढ़ंत ही नजर आती है. हनीप्रीत ने बाबा को हीरो बना दिया और खुद हीरोइन बन बैठी. बाबा का स्टार अवतार देश ने देखा है और हनीप्रीत के साथ पोज़ देते हुए भी सबने देखा लेकिन हनीप्रीत जो कहती है उसे भी सुनिए.

हनीप्रीत का कहना है 'कहा जा रहा है कि गुरुजी को फिल्मों में आप लेकर आयीं, ऐसा कुछ भी नहीं था, मैं तो इस लाइन में आना ही नहीं चाहती थी, मुझे तो बैक कैमरा पसंद था, फिर बाद में डायरेक्टर बनना है. मूवीज़ में तो मुझे आने का शौक ही नहीं था, सारी चीज़ें समझ ही नहीं आयी, कहते हैं ना पंख की डार बनती है, लेकिन ये तो पंख भी नहीं है.'

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हनीप्रीत से लोगों का ऐतबार इसलिए भी उठ गया, क्योंकि हनीप्रीत के बारे में हर रोज़ कुछ ना कुछ नया सुनने को मिलता है. अब हनीप्रीत पर जो नया खुलासा हुआ है, उसके बारे में भी सुन लीजिए.

खुलासा ये है कि अंबाला की सेंट्रल जेल, वो जेल जिसमें हनीप्रीत बंद है. जेल के मुलाकात कक्ष में छोटे-छोटे केबिन बने हैं. केबिन में लोग खड़े होते हैं और जेल के इंटरकॉम यानी टेलिफोन से अपने-अपने कैदियों से बात करते हैं. इसी मुलाकाती कक्ष से एक नया विवाद हनीप्रीत के साथ भी जुड़ गया है.

सूत्रों की मानें तो हनीप्रीत जेल में किसी वीआईपी से कम नहीं है. जेल में भी हनीप्रीत घर का खाना खाती है. हनीप्रीत जेल की दाल-रोटी को दूर रख देती है. हनीप्रीत को जेल मैनुअल का खाना पसंद नहीं है.

इसका बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब बीती 26 अक्टूबर को हनीप्रीत का पूरा परिवार जेल में हनीप्रीत से मिलने पहुंचा था, जेल में दूसरे कैदियों से मिलने आए मुलाकाती घंटों इंतज़ार के बाद भी खड़े रह गए और जैसे ही हनीप्रीत का परिवार पहुंचा, जेल के गेट खोल दिये गए. इससे समझ में आ गया कि जेल में हनीप्रीत की तगड़ी सेटिंग है.

सिर्फ यही नहीं अब अंदर की बात आपको बताते हैं, आजतक को एक बेहद पुख्ता जानकारी मिली है कि हनीप्रीत ने जेल की कैंटीन वाले से भी सेटिंग कर रखी है. कैंटीन वाला उसे गुपचुप घर का खाना मुहैया करवा देता है. सिर्फ इतना ही नहीं जेल में कुछ और भी ऐसे दबदबा रखने वाले कैदी हैं, जो पैसों के दम पर जेल के अंदर रेस्टोरेंट या फिर घर के खाने का जुगाड़ कर लेते हैं.

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राम रहीम और हनीप्रीत दोनों इस वक्त जेल में है. डेरे में अय्याशी करने वाले बाबा और बेबी के पाखंड का तिलिस्म टूटा तो कानून के हाथ दोनों के गिरेबां तक पहुंच गए. पहले राम रहीम, फिर हनीप्रीत को जेल की चारदिवारी में लाकर पटक दिया गया. लेकिन यहां भी दोनों हेराफेरी से बाज़ नहीं आ रहे हैं.

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